Karnataka Governor Sends Bill For 4 percent Muslim Reservation To President मुस्लिम कोटा बिल कर्नाटक गवर्नर ने राष्ट्रपति को भेजा, ठेकों में 4% आरक्षण का है प्रावधान, India Hindi News - Hindustan
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मुस्लिम कोटा बिल कर्नाटक गवर्नर ने राष्ट्रपति को भेजा, ठेकों में 4% आरक्षण का है प्रावधान

कर्नाटक के राज्यपाल ने मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने संबंधी विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है और लिखा है कि संविधान धर्म आधारित आरक्षण की इजाजत नहीं देता

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 16 April 2025 08:35 PM
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मुस्लिम कोटा बिल कर्नाटक गवर्नर ने राष्ट्रपति को भेजा, ठेकों में 4% आरक्षण का है प्रावधान

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने संबंधी विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। एक बयान में राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने कहा कि वह अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजे रहे हैं। उन्होंने अपने नोट में लिखा है कि संविधान धर्म आधारित ऐसे आरक्षण की इजाजत नहीं देता है। अब देखना होगा कि राष्ट्रपति इस विधेयक पर क्या फैसला लेती हैं। केंद्र की सत्ताधारी भाजपा इस आरक्षण का विरोध कर रही है और इसे असंवैधानिक करार दे रही है।

गवर्नर ने राज्य विधानमंडल से पारित इस विधेयक को ऐसे समय में राष्ट्रपति के पास भेजा है, जब गवर्नर के वीटो पॉवर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद बहस छिड़ी हुई है। पिछले महीने सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स (KTPP) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसके बाद इसे कर्नाटक विधानसभा से पारित करा दिया गया था। इस विधेयक के प्रावधानों के तहत 2 करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों और 1 करोड़ रुपये तक के गुड्स/सर्विसेस के कार्यों में मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।

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अन्य किस वर्ग को कितना आरक्षण

इसमें अनुसूचित जाति के लोगों के लिए 17.5 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए 6.95%, ओबीसी की श्रेणी- 1 के लिए 4 फीसदी, श्रेणी 2-ए के लिए 15 फीसदी और श्रेणी 2-बी (मुस्लिम) के लिए 4 फीसदी तक आरक्षण दिया गया है।

भाजपा कर रही इसका विरोध

राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा सिद्धारमैया सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है और राज्यभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। भाजपा इसे मुस्लिम तुष्टिकरण करार दे रही है। पार्टी ने इसे असंवैधानिक कदम बताया है। विहिप ने भी इस विधेयक की कड़ी निंदा करते हुए कहा पिछले दिनों राज्यभर में प्रदर्शन किया था और कहा था कि ऐसा आरक्षण जो पूरी तरह धर्म पर आधारित है, "अस्वीकार्य" है।