pahalgam attack can put lipstick on pig but will remain pig Former US official furious at Pakistan सुअर को लिपस्टिक लगा दें, लेकिन सुअर ही रहेगा; पाकिस्तान पर भड़के पूर्व अमेरिकी अधिकारी, International Hindi News - Hindustan
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सुअर को लिपस्टिक लगा दें, लेकिन सुअर ही रहेगा; पाकिस्तान पर भड़के पूर्व अमेरिकी अधिकारी

इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कूटनीतिक कदमों की घोषणा की है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया जाएगा।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 24 April 2025 08:53 AM
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सुअर को लिपस्टिक लगा दें, लेकिन सुअर ही रहेगा; पाकिस्तान पर भड़के पूर्व अमेरिकी अधिकारी

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आलोचना तेज हो गई है। अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक "अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट" के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान और वहां की सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माइकल रुबिन ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की तुलना मारे जा चुके अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से कर दी है।

उन्होंने कहा, "अंतर बस इतना है कि मुनीर एक महल में रहता है, जबकि बिन लादेन एक गुफा में छिपा था। अमेरिका को चाहिए कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करे और असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करे।"

सुअर से पाकिस्तान की तुलना
उन्होंने आगे कहा, "यह चौंकाने वाला था, लेकिन इससे यह पता चलता है कि आप सुअर पर लिपस्टिक लगा सकते हैं, लेकिन वह फिर भी सुअर ही रहेगा। आप यह दिखावा कर सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक नहीं है, लेकिन वह आतंकवाद का प्रायोजक बना रहेगा, चाहे हम इसे कितना भी सामान्य बनाने की कोशिश करें।''

हमले के समय पर सवाल
उन्होंने आतंकी हमले की टाइमिंग को लेकर कहा, ''जैसे बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आतंकवादी हमला हुआ था, वैसे ही ऐसा लगता है कि पाकिस्तान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाना चाहता है। संयुक्त राज्य अमेरिका को पाकिस्तान को ऐसा करने नहीं देना चाहिए। हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि यह किसी तरह की अचानक की गई कार्रवाई है।"

रुबिन ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बीच तुलना की और कहा कि दोनों हमलों में शांतिपूर्ण नागरिकों को निशाना बनाया गया। इजरायल में उदार यहूदी और भारत में मध्यम वर्ग के हिंदू।

इजरायल जैसा कदम उठाए भारत
उन्होंने एएनआई से कहा, "छुट्टी मनाने वाले रिसॉर्ट, मध्यम वर्ग के हिंदुओं को निशाना बनाना, यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी अब वही रणनीति अपना रहे हैं। यह पाकिस्तान के लिए उतना ही सफल होना चाहिए जितना हमास के लिए था। अब भारत का कर्तव्य है कि वह पाकिस्तान और पाकिस्तान की ISI के साथ वैसा ही करे जैसा इजरायल ने हमास के साथ किया था। अब समय आ गया है कि ISI के नेतृत्व को खत्म कर दिया जाए, उन्हें एक नामित आतंकवादी समूह के रूप में माना जाए और मांग की जाए कि हर देश जो भारत का सहयोगी है, हर देश जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सहयोगी है, वह भी ऐसा ही करे।"

भारत ने उठाए बड़े कदम
इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कूटनीतिक कदमों की घोषणा की है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया जाएगा। 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है। अटारी सीमा ट्रांजिट पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों की स्टाफ संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के अंतर्गत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के रक्षा, सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को "अवांछनीय व्यक्ति" घोषित किया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ना होगा।

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