अर्थशास्त्री ने किया बांग्लादेश में अनर्थ, मुजीब को नोटों से हटाने की जिद पड़ी भारी; करेंसी को तरसे लोग
बैंकों ने केंद्रीय बैंक से नोटों की डिमांड की है, लेकिन अब तक सप्लाई नहीं हुई है। इस साल अप्रैल की शुरुआत में सरकार ने अचानक ही फैसला ले लिया कि उन सभी नोटों और सिक्कों को प्रचलन से बाहर किया जाएगा, जिनमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें हैं। यह फैसला लेने से पहले कोई नई करेंसी छापी नहीं गई थी।

बांग्लादेश की करेंसी टका से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें हटाने के फैसले से देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। नोबेल विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस की सरकार में नोटों को लेकर लिया गया फैसला बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को भी नुकसान पहुंचा रहा है। हालत यह है कि बांग्लादेश में करीब 15000 करोड़ टका की करेंसी प्रचलन से बाहर है। इन नोटों में बांग्लादेश के संस्थापक रहे शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें छपी थीं और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इन्हें प्रचलन से बाहर कर दिया है। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट करने के बाद से कट्टरपंथी तत्वों के समर्थन से मोहम्मद यूनुस की सरकार है। यह सरकार बंगबंधु कहलाने वाले मुजीबर रहमान की यादों, स्मारकों और अन्य प्रतीकों को नष्ट करना चाहती है। इसी कोशिश के तहत नोटों का प्रचलन बंद किया गया है।
बांग्लादेश में कट्टरपंथी सरकार के डर से बैंक अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि इससे संकट पैदा हुआ है। नोटों की कमी से मार्केट में कारोबार ही ठप है। इसके अलावा बैंकों में भी लोग यदि पैसे निकालने जा रहे हैं तो करेंसी ही नहीं है कि कैश दिया जा सके। बैंकों ने केंद्रीय बैंक से नोटों की डिमांड की है, लेकिन अब तक सप्लाई नहीं हुई है। इस साल अप्रैल की शुरुआत में सरकार ने अचानक ही फैसला ले लिया कि उन सभी नोटों और सिक्कों को प्रचलन से बाहर किया जाएगा, जिनमें शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें हैं। यह फैसला लेने से पहले कोई नई करेंसी छापी नहीं गई थी। ऐसे में बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
भारत में 2016 में नोटबंदी हुई थी और उससे पहले बड़े पैमाने पर 500 और 2000 रुपये के नोट छापे गए थे। ऐसे में अचानक नोटबंदी के फैसले का उतना असर नहीं दिखा था। बांग्लादेश की स्थिति यह है कि मुजीबुर रहमान की तस्वीरों वाले नोटों से कारोबार बंद है और नए नोट अभी बाजार में आए नहीं हैं। बांग्लादेश बैंक का कहना है कि नए नोटों की छपाई मई में शुरू होगी।
ऐसे में यह सवाल है कि कब नोट छपेंगे और कब बैंकों एवं बाजारों में आएंगे। सूत्रों का कहना है कि पहले राउंड में 20, 50 और 1000 टका के नोट छापे जाएंगे। बांग्लादेश के पूर्व एमडी जियाउद्दीन अहमद का कहना है कि इस तरह नोटों को अचानक बंद करने का फैसला नहीं लेना था। यदि कोई फैसला लिया गया है तो उससे पहले क्षमता भी विकसित करने की जरूरत थी।
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