गाजा में हो सकता है युद्धविराम, हमास पर निगाहें; नेतन्याहू बोले- ट्रंप के दूत का नया प्रस्ताव मंजूर है
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इजरायली सेना पहले युद्धविराम के दौरान अपनी स्थिति पर वापस लौटेगी। इसके बदले में, हमास 10 जीवित बंधकों और कुछ शवों को रिहा करेगा।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सरकार ने अमेरिका के मध्य-पूर्व शांति दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा प्रस्तुत एक नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। वहीं, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने पुष्टि की है कि उसे यह नया प्रस्ताव मध्यस्थों के माध्यम से प्राप्त हुआ है और वह इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने गुरुवार को इजरायली मीडिया के हवाले से ये जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने बुधवार को वॉशिंगटन में कहा, “मुझे इस बात की बहुत अच्छी भावना है कि हम एक अस्थायी युद्धविराम और एक दीर्घकालिक शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में बढ़ सकते हैं।”
क्या है विटकॉफ का युद्धविराम प्रस्ताव?
हालांकि यह प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन एसोसिएटेड प्रेस (AP) को एक हमास अधिकारी और एक मिस्र के अधिकारी ने कुछ प्रमुख बिंदुओं की पुष्टि की है।
- 60 दिनों के युद्धविराम की योजना है, जिसमें दोनों पक्ष लड़ाई रोकेंगे।
- इस दौरान गंभीर वार्ता की गारंटी दी गई है ताकि एक स्थायी संघर्षविराम की नींव रखी जा सके।
- यह भी आश्वासन दिया गया है कि बंधकों की रिहाई के बाद इजरायल फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू नहीं करेगा, जैसा कि मार्च में किया गया था।
- इजरायली सेनाएं उन स्थानों पर लौटेंगी जो पहली बार के युद्धविराम के दौरान थीं।
- हमास की ओर से 60 दिन की अवधि में 10 जीवित बंधक और कुछ शवों को रिहा किया जाएगा। इसके बदले में इजरायल 1,100 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें 100 ऐसे कैदी होंगे जो लंबे कारावास की सजा काट रहे हैं और जिन पर घातक हमलों का दोष साबित हो चुका है।
इजरायल का रुख
इजरायली नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसका उद्देश्य गाजा पट्टी पर नियंत्रण स्थापित करना और हमास को या तो नष्ट करना, निहत्था करना, या गाजा से भगाना है। इसके साथ ही वह 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान पकड़े गए अभी बचे हुए 58 बंधकों की वापसी सुनिश्चित करना चाहता है।
गौरतलब है कि हमास के नेतृत्व वाले आतंकियों ने उस हमले में करीब 1,200 लोगों की हत्या की थी, जिनमें अधिकांश नागरिक थे और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजरायल द्वारा चलाए गए अभियान में अब तक 54,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिसमें गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार नागरिक और लड़ाके दोनों शामिल हैं।
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