'जहां भी देखो, लोग भूखे हैं', गाजा में 'भुखमरी' से 29 ने तोड़ा दम; बड़ी तादाद में कुपोषित बच्चे भर्ती
गाजा में भुखमरी से 29 लोगों की मौत हो चुकी है, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी कि सीमित सहायता के कारण हजारों अन्य खतरे में हैं। इजरायली नाकेबंदी ने संकट को और गहरा दिया है।

फिलिस्तीन के युद्धग्रस्त गाजा में भुखमरी' से होने वाली मौत का सिलसिला शुरू हो चुका है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री माजेद अबू रमादान ने बताया कि हाल के दिनों में गाजा पट्टी में भुखमरी से संबंधित कारणों से कम से कम 29 बच्चों और बुजुर्गों की मौत हो चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि हजारों अन्य लोग भी इस संकट का शिकार हो सकते हैं, क्योंकि क्षेत्र में सीमित सहायता पहुंच रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सहायता प्रमुख ने बीबीसी को दिए गए बयान में 14,000 शिशुओं की मौत की आशंका जताई थी, जो "बिल्कुल वास्तविक" है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह संख्या वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाती है जो और भी विकराल है। गाजा में 11 सप्ताह से जारी इजरायली नाकेबंदी के बाद गुरुवार को कुछ सहायता ट्रक क्षेत्र में पहुंचे, लेकिन फिलिस्तीनी और सहायता अधिकारियों का कहना है कि यह जरूरतों की तुलना में नाकाफी है।
90-100 ट्रक मदद लेकर पहुंचे
अबू रमादान ने बताया कि गाजा में केवल 90-100 ट्रक मदद लेकर पहुंचे हैं, जिनमें ज्यादातर आटा ही शामिल है। उन्होंने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार, इसमें कोई मेडिकल सप्लाई नहीं है, केवल ब्रेड बनाने के लिए आटा है।" गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, क्षेत्र में 90% से अधिक मेडिकल सप्लाई खत्म हो चुकी है, और केवल सात या आठ अस्पताल आंशिक रूप से कार्य कर रहे हैं। मौजूदा सहायता "सागर में बूंद" के समान बताई जा रही है।
एक अनुमान के मुताबिक, इस खाद्य संकट को टालने के लिए प्रतिदिन 500 सहायता ट्रकों की आवश्यकता है। गाजा के निवासी अहमद अबेद अल-दायम ने कहा, "हमारे घर खाली हैं, कोई रोटी नहीं है, और हमारे बच्चे भूखे हैं। कई घरों में रोटी पूरी तरह से गायब हो चुकी है।" विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने बताया कि कुछ बेकरियां सीमित आपूर्ति के बाद फिर से रोटी बनाने लगी हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इस बीच, गाजा में स्वास्थ्य सेवाएं और मानवीय सहायता प्रणाली चरमराने की कगार पर है।
सभी आपूर्तियों पर इजरायल की नाकेबंदी
इजरायल ने मार्च में सभी आपूर्तियों पर नाकेबंदी लागू की थी, जिसके कारण गाजा में भुखमरी का खतरा बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस नाकेबंदी की कड़ी निंदा की है, और संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा की पूरी आबादी भुखमरी के कगार पर है। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रमुख यूनिस अल-खतीब ने कहा कि सहायता ट्रकों की संख्या इतनी कम है कि यह "लूटपाट और भीड़ के खतरे" को बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक गाजा के नागरिकों तक कोई सहायता नहीं पहुंची है।
यह संकट गाजा में चल रहे संघर्ष और बमबारी के बीच और गहरा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक इजरायली हमलों में कम से कम 53,655 लोग मारे गए हैं और 121,000 से अधिक घायल हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में बड़ी तादाद में कुपोषण से पीड़ित बच्चे भर्ती
इजरायल-हमास युद्ध की कीमत मासूम बच्चे अदा कर रहे हैं। गाजा के अस्पताल में कुपोषण से पीड़ित इन बच्चों की दशा युद्ध के अभिशाप को साफ-साफ बयां करती है। अपनी दो साल की बेटी की कमजोर बांह को पकड़कर अस्मा अल-अरजा उसका कपड़ा ऊपर करके उसकी उभरी हुई पसलियों और फूले हुए पेट को दिखाती हैं। बच्ची अस्पताल के बिस्तर पर लेटी है, गहरी गहरी सांस लेती है और फिर बेकाबू होकर रोने लगती है।
यह पहली बार नहीं है जब मयार कुपोषण से जूझते हुए गाजा के अस्पताल में आई हो, लेकिन इस बार 17 दिन अस्पताल में बिताना उसके लिए काफी मुश्किल रहा। उसे सीलिएक रोग है, जो एक ‘ऑटोइम्यून’ विकार है जिसमें ग्लूटेन (गेहूं और जौ में पाए जाने वाला एक तत्व) के सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करने लगती है। इसका मतलब है कि वह ‘ग्लूटेन’ (गेहूं, मैदा, सूजी आदि) युक्त भोजन नहीं खा सकती और उसे विशेष भोजन की आवश्यकता होती है।
लेकिन 19 महीने के युद्ध और इजरायल की कठोर नाकाबंदी के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्र में उसके लिए खाने के विकल्प बहुत कम बचे हैं और जो उपलब्ध है उसे वह पचा नहीं पाती है। खान यूनिस के नासिर अस्पताल में मयार के बगल में बैठी उसकी मां ने कहा, ‘‘उसे डायपर, सोया दूध और विशेष भोजन की जरूरत है। सीमा बंद होने के कारण यह सरलता से उपलब्ध नहीं है, जहां ये चीजें उपलब्ध है, वहां वो काफी महंगी हैं जिन्हें मैं वहन नहीं कर सकती।’’
क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति भी आ सकती है
संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के अनुसार, मयार उन 9,000 से अधिक बच्चों में से एक है जिनका इस साल कुपोषण के लिए इलाज किया गया है और खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले साल में ऐसे हजारों मामले सामने आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इजरायल अपने सैन्य अभियान को नहीं रोकता है और अपनी नाकाबंदी पूरी तरह से नहीं हटाता है तो क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति भी आ सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले सप्ताह कहा था कि लोग पहले से ही भूख से मर रहे हैं। फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के प्रतिनिधि नेस्टर ओवोमुहांगी ने कहा, ‘‘जहां भी देखो, लोग भूखे हैं। ... वो इशारा करके बताते हैं कि (उन्हें) कुछ खाने की जरूरत है।’’ इजरायल ने नाकाबंदी में ढील तो दी है, लेकिन फिलिस्तीनियों तक बहुत कम सहायता पहुंची है। दो महीने से अधिक समय से इजरायल ने सभी खाद्य, दवा और अन्य सामान को उस क्षेत्र में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जहां लगभग 20 लाख फलस्तीनियों की आबादी निवास करती है। गाजा में निवास करने वाले फिलिस्तीनी जीवित रहने के लिए लगभग पूरी तरह से बाहरी सहायता पर निर्भर हैं क्योंकि इजरायल के आक्रमण ने क्षेत्र की लगभग सभी खाद्य उत्पादन क्षमताओं को नष्ट कर दिया है।
(इनपुट एजेंसी)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।