KFC से लेकर बाटा तक, बांग्लादेशी भीड़ ने क्यों मचाया तांडव? फेसबुक पर बेच रहे लूटे हुए जूते
- ढाका सहित सिलहट, चटग्राम, खुलना, बारीशाल और कुमिल्ला में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। ये प्रदर्शन गाजा में इजरायल के हमलों के खिलाफ वैश्विक आंदोलन के समर्थन में थे।

भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में एक बार फिर बवाल मचा है। 7 अप्रैल, 2025 को देश भर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भीड़ ने अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स जैसे केएफसी, बाटा, पिज्जा हट और डोमिनोज के आउटलेट्स पर हमला किया, तोड़फोड़ की और जमकर लूटपाट मचाई है। हमलों के पीछे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इजरायल द्वारा गाजा में की जा रही सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ था, जिसे वे इन ब्रांड्स से जोड़कर देख रहे हैं। लेकिन यह हिंसा क्यों भड़की और ढाका फिर से क्यों उबल रहा है? आइए पूरी कहानी समझते हैं।
7 अप्रैल को राजधानी ढाका सहित सिलहट, चटग्राम, खुलना, बारीशाल और कुमिल्ला में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। ये प्रदर्शन गाजा में इजरायल के हमलों के खिलाफ वैश्विक आंदोलन के समर्थन में थे। प्रदर्शनकारी फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे और इजरायल से जुड़े उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहे थे। कई शहरों में भीड़ ने नारेबाजी की, बैनर-पोस्टर लहराए और इजरायल के खिलाफ नारे लगाए।
हालांकि, शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुए ये प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गए। भीड़ ने उन व्यवसायों को निशाना बनाया, जिन्हें वे इजरायल से जुड़ा हुआ मानते थे। केएफसी, बाटा, पिज्जा हट और डोमिनोज जैसे ब्रांड्स पर हमले हुए। बोगरा में एक बाटा शोरूम के कांच तोड़े गए, सिलहट में केएफसी आउटलेट को नुकसान पहुंचाया गया, और कॉक्स बाजार में पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। कुछ जगहों पर लूटपाट भी हुई, जहां लोग जूते, खाना और अन्य सामान लेकर भाग गए।
गलतफहमी और अफवाहों का खेल
इन हमलों के पीछे एक बड़ी वजह गलत सूचना और अफवाहें थीं। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि केएफसी, बाटा और अन्य ब्रांड्स इजरायल के स्वामित्व में हैं या इजरायल का समर्थन करते हैं। लेकिन यह सच से कोसों दूर है।
फेसबुक मार्केटप्लेस पर लूटे गए जूते!
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जिन ब्रांड्स को निशाना बनाया गया, उनका इजरायल से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। फिर भी, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि प्रदर्शनकारियों ने ईंटों से बाटा के शो-रूम की शीशे की दीवारें तोड़ीं और दर्जनों जूते चुरा लिए। TBS न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये जूते बाद में फेसबुक मार्केटप्लेस पर बिकते हुए पाए गए। एक अन्य वायरल वीडियो में KFC आउटलेट को डंडों से तोड़ते हुए दिखाया गया, जबकि Domino's और Puma के कई स्टोर्स में भी तोड़फोड़ की गई।
पुलिस का बड़ा एक्शन, 70 से अधिक गिरफ्तार
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है और अब तक 70 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब बांग्लादेश की सरकार मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश का पहला वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रही है, जिसका उद्देश्य विदेशी निवेश आकर्षित करना है।
प्रदर्शनकारियों की अज्ञानता हुई उजागर
इन घटनाओं ने प्रदर्शनकारियों की जानकारी की कमी को उजागर कर दिया है। Bata एक चेक गणराज्य की कंपनी है, जिसकी बांग्लादेश में 1962 से उपस्थिति है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, "Bata को इजरायल से जुड़ी कंपनी कहने का दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है। हमारा किसी भी प्रकार से इस राजनीतिक संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। हमें गहरा दुख है कि झूठी अफवाहों के चलते हमारी दुकानों में तोड़फोड़ की गई।"
Puma एक जर्मन बहुराष्ट्रीय कंपनी है। उसको भी निशाना बनाया गया, हालांकि उसका इजराइल से कोई वर्तमान संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर Puma की आलोचना 2018 में इजरायल फुटबॉल एसोसिएशन को प्रायोजित करने के कारण हुई थी, लेकिन यह डील 2024 में समाप्त हो चुकी है।
ट्रंप के खिलाफ भी नारे
प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ भी नारे लगाए गए। गौरतलब है कि ट्रंप लंबे समय से इजरायल के समर्थन में रहे हैं, जिससे मुस्लिम बहुल देशों में उनके खिलाफ नाराजगी बनी हुई है।
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