भारत ने खोला पाक के आतंकी चेहरे का काला चिट्ठा, UNSC में TRF पर लगेगा शिकंजा?
पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे आतंक का पर्दाफाश अब संयुक्त राष्ट्र में होगा। पहलगाम में 26 बेगुनाहों की जान लेने वाले टीआरएफ को अब दुनिया के सामने बेनकाब करने की तैयारी पूरी है।

भारत ने अब खुलकर पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमला बोल दिया है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो दरिंदगी हुई, जिसमें 26 मासूमों की जान गई, उसका जिम्मेदार ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ अब सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 प्रतिबंध समिति के निशाने पर है।
टीआरएफ कोई अलग संगठन नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया नाम है—जिसे पाकिस्तान अपनी जमीन पर पाल-पोस रहा है। अब भारत इस आतंक के चेहरे को बेनकाब करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की निगरानी टीम, आतंकवाद निरोधक कार्यालय (यूएएनओसीटी) और सीटीईडी (सीटीईडी) के साथ बैठकों की तैयारी में है। न्यूयॉर्क में भारत की एक तकनीकी टीम पहले से मौजूद है, जो टीआरएफ की इस हमले में संलिप्तता से जुड़ा पूरा सबूत साझा कर रही है।
इस कूटनीतिक दांव के जरिए भारत पाकिस्तान को उसी की ज़ुबान में जवाब दे रहा है। टीआरएफ ने खुद पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। ये वही हमला है जिसमें मारे गए लोगों में ज्यादातर बेगुनाह पर्यटक थे।
भारत का मकसद दुनिया को ये दिखाना कि कैसे पाकिस्तान अब भी आतंकवाद का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है, और कैसे उसके पाले हुए संगठन जम्मू-कश्मीर में अमन को तबाह करने पर तुले हैं। अब अगर टीआरएफ पर यूएनएसएसी में प्रतिबंध लगता है, तो पाकिस्तान को न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी बल्कि उसके आतंकी नेटवर्क की कमर भी टूटेगी। भारत ने साफ कर दिया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ न तो चुप बैठेगा, और न ही दुनिया को चुप रहने देगा।
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