कहां थरूर कहां बिलावल; विदेशी जमीं पर मुस्लिम देशों से क्यों गिड़गिड़ाने लगे पूर्व पाक मंत्री भुट्टो
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में बिलावल भुट्टो के अलावा संघीय मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सुब्जवारी और शेरी रहमान, सीनेटर बुशरा अंजुम बट भी शामिल हैं।

भारत के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद भारत की नकल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के मकसद से एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा है। बड़ी बात यह है कि इस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में तीन पूर्व विदेश मंत्री शामिल हैं, जिसकी अगुवाई पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व विदेश मंत्री बड़बोले बिलावल भुट्टो कर रहे हैं। एक और खास बात यह है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल लगभग उसी समय अमेरिका पहुंचा है, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का भी एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की भारत की नीति से अवगत कराने और आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान द्वारा दिये जा रहे समर्थन को उजागर करने के लिए पहले से अमेरिका में है।
यानी अमेरिका अब भारत-पाकिस्तान के बीच एक ऐसा अखाड़ा बन चुका है, जहां दोनों देशों के बीच नैरेटिव वॉर छिड़ गया है। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल भुट्टो ने न्यूयॉर्क पहुंचकर भारत के खिलाफ अपने प्रोपेगेंडा को फैलाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बिलावल भुट्टो ने मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) के पास गिड़गिड़ाते हुए विक्टिम और इस्लामिक कार्ड खेलने की कोशिश की है।
मुस्लिम देशों को भी भुट्टो लगे बरगलाने
रिपोर्ट में कहा गया है कि भुट्टो ने मुस्लिम देशों के सामने गुहार लगाई और उन्हें बरगलाने की कोशिश की कि हमारे पड़ोसी देश यानी भारत के साथ हमारा संबंध तो खराब है लेकिन आपके संबंध बहुत बेहतर हैं, इसलिए उनसे सिंधु जल समझौते को रद्द करने और क्षेत्रीय शांति बहाली समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत करने के लिए दबाव बनाएं। हालांकि, ऐसी फरियाद करते हुए भुट्टो ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया और तुरंत भारत पर आक्रमकता फैलाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया।
OIC के प्रतिनिधियों से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, "मैं OIC सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध करता हूं कि भारत के साथ आपके संबंध हमारे से बेहतर हैं। आप भारत को बताएं कि मु्द्दों पर बात की जाए, शांति पर बात करे, इस उपमहाद्वीप के जो मुद्दे सुलझे नहीं हैं उस पर बात हो। इसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल रहेगा। अगर पाकिस्तान और भारत मिलकर आतंकवाद से लड़ें तो मैं लिख सकता हूं कि यह क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो जाएगा।"
धमकी भी देते दिखे बिलावल भुट्टो
हालांकि, इसके तुरंत बाद बिलावल धमकी देते नजर आए। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान ने आतंकवाद पर बात नहीं की तो वह लिखकर दे सकते हैं कि उपमहाद्वीप में आतंकवाद और बढ़ेगा। भुट्टो ने जल संसाधनों पर भी बात की और कहा कि जल संसाधनों पर कोई भी आक्रमण न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता को बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी चुनौती देता है। इससे ठीक उलट भारत के पूर्व विदेश मंत्री शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सधी कार्रवाई और क्षेत्रीय शांति की चर्चा कर विदेशी राजनयिकों को भरोसे में लिया।
14 देशों के राजदूतों से मुलाकात करेगा पाक डेलिगेशन
रिपोर्ट के अनुसार, पाक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र महासचिव, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष, 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 देशों के राजदूतों से मुलाकात करेगा, जिनमें चीनी और रूसी संयुक्त राष्ट्र दूत भी शामिल हैं। यह दल न्यूयॉर्क और वाशिंगटन के बाद लंदन और ब्रसेल्स का भी दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में संघीय मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सुब्जवारी और शेरी रहमान, सीनेटर बुशरा अंजुम बट शामिल हैं। इसमें दो पूर्व विदेश सचिव- जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ भी शामिल हैं।
यह कदम भारत द्वारा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कूटनीतिक संपर्क के तहत 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद उठाया गया है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गये थे। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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