Quad Countries Try To Force Friend India Into Military Alliance Rather Than Just Trade says Russia हमारे दोस्त भारत को सैन्य गठबंधन में शामिल करने की कोशिश हो रही, क्वाड देशों पर भड़का रूस, International Hindi News - Hindustan
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हमारे दोस्त भारत को सैन्य गठबंधन में शामिल करने की कोशिश हो रही, क्वाड देशों पर भड़का रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनके देश की रुचि वास्तव में रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिकोणीय प्रारूप को फिर से सक्रिय करने की है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 30 May 2025 10:02 PM
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हमारे दोस्त भारत को सैन्य गठबंधन में शामिल करने की कोशिश हो रही, क्वाड देशों पर भड़का रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को क्वाड गठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन व्यापार के इरादे से शुरू हुआ था लेकिन अब इसे सैन्य संगठन बनाने की कोशिश हो रही है। क्वाड में भारत के अलावा, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। लावरोव ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि भारत ने क्वाड में केवल व्यापार और शांतिपूर्ण सहयोग के इरादे से भागीदारी की थी, लेकिन अब इस समूह के अन्य सदस्य देश इसे सैन्य रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

लावरोव ने कहा, "हमने उस समय अपने भारतीय मित्रों से बात की थी और उन्होंने हमें बताया था कि क्वाड में उनकी रुचि केवल व्यापार, आर्थिक सहयोग और अन्य शांतिपूर्ण क्षेत्रों तक सीमित है।" लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अब क्वाड के अन्य सदस्य देश इस मंच के बहाने नौसेना और अन्य सैन्य अभ्यास आयोजित करने पर जोर दे रहे हैं।

भारत को चीन विरोधी षड्यंत्रों में शामिल करने की कोशिश

उन्होंने आरोप लगाया कि, “ये गतिविधियां इस समूह को सैन्य संगठन बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं। ये देश चारों सदस्यों को इन अभ्यासों में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे भारतीय दोस्त इस उकसावे को स्पष्ट रूप से देख पा रहे हैं।” इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका नीत उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) खुलेआम भारत को चीन विरोधी षड्यंत्रों में शामिल करने की कोशिश कर रहा है। लावरोव ने कहा, ‘‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे भारतीय मित्र और मैं जाहिर तौर पर इस प्रवृत्ति को देखते हैं और यह बात उनके साथ गोपनीय बातचीत के आधार पर कह रहा हूं। इसे वास्तव में एक बड़ी उकसावे वाली कार्रवाई माना जा सकता है।’’

RIC वार्ता बहाल करने की वकालत

रूसी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव कम होने की खबरों के बीच अब रूस-भारत-चीन (RIC) त्रिपक्षीय संवाद को पुनर्जीवित करने का उचित समय है। लावरोव ने कहा, “अब जबकि मेरी जानकारी के अनुसार भारत और चीन के बीच सीमा स्थिति को शांत करने को लेकर समझ बन गई है, मुझे लगता है कि यह RIC त्रिकोणीय वार्ता को फिर से शुरू करने का समय है।” भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 2020 में उत्पन्न हुए गतिरोध के बाद आरआईसी प्रारूप बहुत सक्रिय नहीं रहा है।

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रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने लावरोव के हवाले से लिखा, ‘‘मैं त्रिकोणीय - रूस, भारत, चीन - प्रारूप को फिर से सक्रिय करने की हमारी वास्तविक रुचि को दोहराना चाहता हूं , जिसकी स्थापना कई साल पहले (रूस के पूर्व प्रधानमंत्री) येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर हुई थी। इस त्रिकोणीय प्रारूप के तहत अबतक अब तक 20 से अधिक बार मंत्रिस्तरीय बैठकें आयोजित की हैं गई हैं। ये बैठकें न केवल विदेश नीति प्रमुखों के स्तर पर, बल्कि तीनों देशों की अन्य आर्थिक, व्यापार और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के स्तर पर भी हुई हैं।’’ रूस के विदेश मंत्री यूराल पर्वतों से घिरे पर्म शहर में यूरेशिया में सुरक्षा और सहयोग की एकल और न्यायसंगत प्रणाली बनाने पर एक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक और राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह शहर यूरोप और एशिया की सीमा पर है।

पश्चिमी देशों पर आरोप

लावरोव ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिमी देश खासकर अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र को ‘इंडो-पैसिफिक’ कहकर पुनर्परिभाषित कर रहे हैं ताकि चीन को अलग-थलग किया जा सके और ASEAN की भूमिका को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा, “यह वही नीति है जिसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ‘बांटो और राज करो’ की नीति करार दिया था। पश्चिम भारत और चीन के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहा है।” इस बयान को भारत और चीन के बीच बढ़ती रणनीतिक जटिलताओं, अमेरिका के साथ भारत के संबंधों और रूस की अपनी एशिया नीति के परिप्रेक्ष्य में एक अहम कूटनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

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