पड़हा परंपरा सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का माध्यम है : सनिका मुंडा
कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर रानी बगीचा में शुक्रवार को पारंपरिक पान-पगड़ी रस्म का भव्य आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि महाराजा सनिका मुंडा ने पड़हा व्यवस्था की गरिमा को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।...

कर्रा, प्रतिनिधि। कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर रानी बगीचा में शुक्रवार को संयुक्त पड़हा समिति के तत्वावधान में पारंपरिक पान-पगड़ी रस्म का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में होरो पड़हा राजा परगनादार समेत अन्य सहयोगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कॉम्पाट मुंडा 22 पड़हा समिति के महाराजा सनिका मुंडा मौजूद थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग पड़हा व्यवस्था और पड़हा राजाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं, जिसे रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है। पड़हा परंपरा न्यायिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का माध्यम है, जिसे मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में महाराजा सनिका लुगून, महामंत्री लुथर तोपनो और सामाजिक कार्यकर्ता ग्लेडसन डुंगडुंग की उपस्थिति में सलाहकार जोसेफ होरो को पारंपरिक रीति-रिवाज से पान-पगड़ी पहनाकर शपथ दिलाई गई। इससे पहले महिलाओं ने अतिथियों का स्वागत फूल-मालाओं से किया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर आदिवासी नृत्य भी प्रस्तुत किया गया, जिसने माहौल को पारंपरिक रंग में रंग दिया। इस अवसर पर होरो पड़हा राजा नामजन होरो, सचिव सालमोन होरो, देवान राजा उप सुनिल होरो, संयुक्त पड़हा अध्यक्ष डेरे सांगा, उपाध्यक्ष भिमसेंट सांगा, कोषाध्यक्ष संदीप हेरेंज सहित अनेक पारंपरिक पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम पूरी तरह से पारंपरिक गरिमा और सांस्कृतिक पहचान को समर्पित रहा।
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