पुतिन के झांसे में न आएं, हो जाएगा खेला; यूरोप के दो बड़े नेताओं ने ट्रंप को चेताया
मैक्रोन ने बताया कि पेरिस में एकत्र हुए 27 नेताओं, जिनमें यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, निवर्तमान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और इतालवी PM जियोर्जिया मेलोनी शामिल थे, ने सहमति व्यक्त की कि वे शांति स्थापित होने तक रूस पर प्रतिबंधों को कम नहीं करेंगे।

यूरोप के दो बड़े नेताओं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगाह किया है कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के झांसे में न आएं। दोनों नेताओं ने दो टूक लहजे में डोनाल्ड ट्रंप को व्लादिमीर पुतिन पर भरोसा नहीं करने करने की चेतावनी दी है, क्योंकि पुतिन युद्ध विराम समझौते को रूस पर प्रतिबंधों में ढील देने के एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में लंदन, ब्रुसेल्स और फ्रांस की राजधानी में आयोजित की गई श्रृंखला की कड़ी में पेरिस में आयोजित नवीनतम शिखर सम्मेलन में गुरुवार को यूक्रेन के इन दोनों सहयोगियों ने इस विचार पर कटाक्ष किया कि अब नरम रुख अपनाने का समय आ गया है। दरअसल, ऐसा कहकर यूरोपीय देशों ने अमेरिका को आगामी चुनौतियों से वाकिफ कराना चाहा कि पुतिन अब युद्ध विराम की आड़ में रूसी कंपनियों पर लगे आर्थिर प्रतिबंधों को हटाने का दबाव बना सकते हैं।
स्टारमर ने बताया कैसे खेल रहे पुतिन
पोलिटिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक,ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टारमर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "सामूहिक दृष्टिकोण यह है कि रूस अमेरिका और यूक्रेन के बीच खेल रहा है। पुतिन अपनी पुरानी रणनीति पर वापस आ गए हैं।" उन्होंने कहा कि पुतिन का यह दृष्टिकोण व्हाइट हाउस के लिए एक चुनौती है,। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच पिछले दिनों टेलिफोन पर करीब दो घंटे की बातचीत हुई थी। व्हाइट हाउस को उम्मीद थी कि क्रेमलिन यूक्रेन में 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमत हो जाएगा लेकिन पुतिन ने ऐसा नहीं किया और सिर्फ ऊर्जा और अन्य अहम ठिकानों पर हमले नहीं करने पर अपनी सहमति दी।
यूरोप पर किस बात का दबाव
बाद में जब सउदी अरब की राजधानी रियाद में यूक्रेन, रूस और अमेरिकी प्रतिनिधियों की बैठक हुई, तब रूस और यूक्रेन ने काला सागर में हमले नहीं करने पर सहमति जताई। इसके साथ ही रूस ने कहा कि वह इसे अमल में तभी लाएगा, जब पश्चिमी देश उस पर आर्थिक प्रतिबंध खासकर बैंकिंग प्रणाली स्विफ्ट पर लरगे प्रतिबंध हटाएगा, जिससे की रुसी बैंक इंटरनेशनल ट्रंजैक्शन करने में सक्षम हो सके। अगर अमेरिका ऐसा वादा करता है तो वह इसके लिए यूरोप पर दबाव बढ़ा देगा।
मैक्रों की खुली नसीहत
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने संवाददाताओं को बताया कि पेरिस में एकत्र हुए 27 नेताओं, जिनमें यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, निवर्तमान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी शामिल थे, ने सहमति व्यक्त की कि वे शांति स्थापित होने तक इन प्रतिबंधों को कम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पुतिन युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो ट्रम्प को समझ जाना चाहिए कि रूस टालमटोल की रणनीति पर ट्रंप संग खेल रहे हैं।
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