Pope Francis s Death Triggers Vatican Conclave for New Pope Election सदियों से कैसे चुने जाते हैं नए पोप, International Hindi News - Hindustan
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सदियों से कैसे चुने जाते हैं नए पोप

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, वैटिकन में नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। कार्डिनल्स 15 दिनों के शोक के बाद सिस्टिन चैपल में इकट्ठा होकर नए पोप का चुनाव करेंगे। नए पोप के चुनाव का आधिकारिक एलान...

डॉयचे वेले दिल्लीMon, 21 April 2025 08:50 PM
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सदियों से कैसे चुने जाते हैं नए पोप

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, दुनिया का ध्यान वैटिकन की एक चिमनी पर टिका रहेगा.इस चिमनी से सफेद धुआं उठने पर ही रोमन कैथोलिक चर्च को नए पोप मिलेंगे.88 साल की उम्र में पोप फ्रांसिस के निधन के बाद आयरिश-अमेरिकी कार्डिनल केविन फैरेल, कुछ समय के लिए रोमन कैथोलिक चर्च का काम काज संभालेंगे.आम तौर पर 15 दिन तक पोप फ्रांसिस के निधन का शोक मनाने के बाद, नए पोप को चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी.रोमन कैथोलिक चर्च के उच्च अधिकारियों को कार्डिनल कहा जाता है.पोप फ्रांसिस के निधन के बाद दुनिया भर के कार्डिनल, रोमन कैथोलिक चर्च के मुख्यालय वैटिकन सिटी आएंगे.दुनिया के सबसे छोटे देश वैटिकन सिटी में कई कार्डिनल हर दिन बैठकें करेंगे और नए पोप का चरित्र कैसा होना चाहिए, इस बारे में अपने सुझाव रखेंगे.80 साल से ज्यादा उम्र के कार्डिनल, चर्च के काम काज से जुड़ी आम बैठकों में हिस्सा ले सकेंगे लेकिन पोप चुनने के लिए होने वाले अधिवेशन (कॉन्क्लेव) में वे शामिल नहीं होंगे.नए पोप के चुनाव के लिए होने वाले अधिवेशन में शामिल होने वाले कार्डिनल आपसी बातचीत में कई चीजें तय करेंगे.2013 में पोप बेनेडिक्ट ने संविधान में बदलाव कर नए पोप के चुनाव के टाइमटेबल में बदलाव किया.

उस बदलाव के बाद कार्डिनल चाहें तो जल्द ही नया पोप चुन सकते हैं या फिर पोप के निधन के 20 दिन बाद यह चुनाव किया ही जाना चाहिए.दुनिया से अलग थलग कर दिए जाएंगे कार्डिनल्सनए पोप के चुनाव के लिए अधिवेशन वैटिकन के सिस्तिने चैपल में होता है.इस दौरान कार्डिनल्स, कड़ी सुरक्षा के बीच वैटिकन सिटी के गेस्ट हाउस में रहेंगे.2005 में पोप बेनेडिक्ट के चुनाव के वक्त कार्डिनल्स को वैटिकन के 130 कमरों वाले सेंटा मार्टा गेस्ट हाउस में ठहराया गया था.उस दौरान गेस्ट हाउस को बाहरी दुनिया के लिए पूरी तरह सील किया गया था.नए पोप के चुनाव के लिए वोटिंग सिस्तिने चैपल में ही होगी.कॉन्क्लेव शब्द लैटिन भाषा से आया है.इसका अर्थ है "एक एक चाबी वाला" 13वीं शताब्दी में नए पोप का चुनाव करने के लिए कार्डिनल्स को एक हॉल में बंद कर दिया जाता था, ताकि वे बिना बाहरी दखल के जल्द से जल्द नए पोप का चुनाव कर सकें.इन दिनों भी पोप के चुनाव में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों पर बाहरी दुनिया से संपर्क करने पर पाबंदी होती है.

अगले पोप के चुनाव तक कार्डिनल्स, फोन, इंटरनेट और अखबार भी नहीं देख पाएंगे.यह नियम कायदे ना टूटें, यह तय करना वैटिकन पुलिस की जिम्मेदारी होती है.अधिवेशन या कॉन्क्लेव के पहले दिन हर कार्डिनल एक वोट दे सकेगा.इसके बाद कार्डिनलों को दिन में दो बार मतदान करना होगा.नया पोप बनने के लिए चुनाव में दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है.अगर 13 दिन बाद भी कोई स्पष्ट रूप से नहीं जीतता है तो, सबसे आगे रहने वाले दो उम्मीदवारों के बीच चुनाव होता है.इस चुनाव में भी दो तिहाई बहुमत मिलना चाहिए.दो तिहाई बहुमत का मकसद, एक तरफ चर्च की सामंजस्य भरी एकता को दर्शाना है और दूसरी ओर, ये कमजोर उम्मीदवारों को हतोत्साहित करने का तरीका भी है.कैसे होगा नए पोप का आधिकारिक एलानकॉन्क्लेव के पोप चुन लेने के बाद, उस व्यक्ति से पूछा जाएगा कि क्या वे पोप पद की जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं और अगर हां, तो वे अपने लिए कौन सा नाम चुनेंगे.अगर प्रस्तावित शख्स जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दे तो पोप चुनने की प्रक्रिया फिर से शुरूआती चरण से शुरू होगी.

हां कहने पर नए नए पोप को तीन अलग अलग साइजों वाली सफेद पोशाक ऑफर की जाएगी.पोशाक पहनने के बाद वह सिस्तिने चैपल के सिंहासन पर बैठेंगे और अन्य कार्डिनलों का स्वागत करेंगे.इस दौरान अन्य कार्डिनल नए पोप के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करेंगे और उनके आदेश के प्रति वफादार बने रहने का वचन देंगे.फिर पोप के चुनाव के लिए डाले गए बैलेट पेपरों को जलाया जाएगा.बैलेट पेपरों में एक खास रसायन होता है, जो जलने पर बेहद सफेद या काला धुआं छोड़ता है.सिस्तिने चैपल की चिमनी से जैसे ही सफेद धुआं निकलेगा, वैसे ही बाकी दुनिया को पता चल जाएगा कि नए पोप चुन लिए गए हैं.काला धुआं निकलने का मतलब है कि मामला वोटिंग में फंस गया है.नया पोप चुन लिए जाने पर कार्डिनल परिषद के सीनियर इलेक्टर, सेंट पीटर्स बासिलिका के स्क्वेयर की मुख्य बालकनी पर आएंगे और जनता के सामने लैटिन भाषा का वाक्य "हाबेमुस पापाम" कहेंगे.हाबेमुस पापाम का अर्थ है, "हमारे पास एक पोप हैं"इसके बाद नए पोप पहली बार जनता के सामने आएंगे और सेंट पीटर्स बासिलिका में उमड़े लोगों को पहला आशीर्वाद देंगे.

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