ट्रेनें ठप, अस्पताल बंद और चारों तरफ अंधेरा; आखिर कैसे यूरोप के दो देशों की बत्ती हुई गुल, पूरी डिटेल
पुर्तगाल और स्पेन में बत्ती गुल होने के बाद अंधेरा छा गया है। ट्रेनें और मेट्रो ठप हो गई हैं और अस्पताल बंद हो गए है। इस ब्लैकआउट का असली कारण भी अभी समझ में नहीं आया है।

यूरोप के विकसित देशों में अगर हफ्तेभर के लिए बत्ती गुल हो जाए तो कल्पना की जा सकती है कि वहां के लोगों का क्या हाल होगा। पुर्तगाल और स्पेन के बड़े इलाके में बत्ती गुल होने से जन जीवन पर बड़ा असर पड़ा है। मेट्रो और ट्रेन सेवाएं ठप हो गईं। अस्पताल बंद हो गए और चारों ओर अंधेरा पसर गया। पुर्तगाल की एयरलाइन लोगों से अपील करने लगी कि वे एयरपोर्ट पर ना जाएं क्योंकि सेवाओं का संचालन ठप हो गया है। स्पेन की बिजली कंपनी भी इस ब्लैकआउट से परेशान हो गई।
पुर्तगाल और स्पेन दोनों ने ही कहा है कि यह कोई साइबर अटैक नहीं है। जानकारी के मुताबिक अब धीरे-धीरे बिजली को रीस्टोर किया जा रहा है। रेड इलेक्ट्रिका का कहना है कि समस्या को धीरे-धीरे सुधारा जा रहा है। वहीं फ्रांस की कंपनी आरटीई का कहना है कि पुरी तरह से समस्या दूर होने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। इस बिजली कटौती के चलते मैड्रिड में ओन टूर्नामेंट को भी रोक दिया गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुर्तगाल में ट्रैफिक बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। ट्रैफिक लाइट्स भी काम नहीं कर रही हैं। वहीं रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनें खड़ी हो गई हैं। मेट्रो सेवा बंद हो गई है। स्पेन में कुछ जगहों पर बिजली वापस लौटी है। इनमें दक्षिण और पश्चिम सब स्टेशन शामिल हैं। बिजली की वजह से मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी बाधित हो गई है।
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि राष्ट्र में सबकुछ ठप पड़ जाने के लगभग 11 घंटे बाद भी सरकारी विशेषज्ञ अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था। सांचेज ने कहा, ‘हमारी व्यवस्था कभी भी पूरी तरह धराशायी नहीं हुई।’ उन्होंने सोमवार को दोपहर 12:33 बजे विस्तार से बताया कि स्पेन के पावर ग्रिड में मात्र पांच सेकंड में 15 गीगावाट बिजली का नुकसान हुआ, जो उसकी राष्ट्रीय मांग के 60 प्रतिशत के बराबर है।
स्पेन के बिजली वितरक ‘रेड इलेक्ट्रा’ के परिचालन प्रमुख एडुआर्डो प्रीटो ने कहा कि इस तरह की घटना ‘असाधारण एवं अभूतपूर्व’ थी। स्पेन में रात 11 बजे तक लगभग 50 प्रतिशत बिजली बहाल हो गई थी और प्रधानमंत्री ने मंगलवार तक 4.8 करोड़ की आबादी वाले देश में बिजली पूर्ण रूप से बहाल होने का वादा किया।
यह छह सप्ताह से भी कम समय में यूरोप में दूसरी गंभीर बिजली कटौती की घटना थी। इससे पहले 20 मार्च को आग लगने के कारण ब्रिटेन में हीथ्रो हवाई अड्डा बंद हो गया था। पुर्तगाल के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने एक बयान में कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि बिजली की यह कटौती साइबर हमले के कारण हुई थी। यूरोपीय आयोग की कार्यकारी उपाध्यक्ष टेरेसा रिबेरा ने ब्रसेल्स में पत्रकारों को यही संकेत दिया और कहा कि बिजली संकट ‘‘हाल के दिनों में यूरोप में दर्ज सबसे गंभीर घटनाओं में से एक’़’ है। रिबेरा यूरोपीय आयोग की स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के संबंध में काम करने वाली इकाई की प्रभारी भी हैं।
बिजली संकट दोपहर में शुरू हुआ। मैड्रिड और लिस्बन में कार्यालय बंद हो गए और यातायात बाधित हो गया, वहीं बार्सिलोना में कुछ नागरिकों ने यातायात को नियंत्रित किया। दोनों देशों में ट्रेन सेवाएं बंद हो गईं। स्पेन में आपातकालीन सेवाओं और रेल कर्मचारियों ने बिजली कट जाने के कारण पटरियों पर रुकी हुईं 100 से अधिक ट्रेनों से लगभग 35,000 लोगों को निकाला।
सांचेज ने कहा कि रात 11 बजे तक 11 ट्रेनों के यात्रियों को निकालना बाकी था। बार्सिलोना निवासी इवेट कोरोना ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं घर कैसे जाऊंगी।’’ अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाओं को जनरेटर की मदद लेनी पड़ी। गैस स्टेशन बंद हो गए। अधिकांश मोबाइल फोन नेटवर्क पर कॉल करना संभव नहीं था, हालांकि कुछ ऐप हल्के-फुल्के तरीके से काम कर रहे थे।
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