अहमदाबाद में बांग्लादेशियों का बड़ा मददगार; कौन है लल्लू बिहारी उर्फ महमूद पठान?
अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस ने शहर की चंदोला झील इलाके में एक बड़ा तोड़फोड़ अभियान चलाया। जानें झील के इलाके में कैसे बसा दी गई बांग्लादेशियों की मौजूदगी वाली यह अवैध बस्ती।
अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस मंगलवार को चर्चा में रहे। अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस ने शहर की चंदोला झील इलाके में एक बड़ा तोड़फोड़ अभियान चलाया। अधिकारियों की मानें तो कुछ दिनों पहले ही इलाके के आसपास बनी बस्तियों से अवैध बांग्लादेशियों को हिरासत में लिए जाने के बाद ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। अभियान के लिए 50 टीमों को लगाया गया था। इस दौरान लगभग 2,000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात थे। आइए जानें झील के इलाके में बसा दी गई बांग्लादेशियों की मौजूदगी वाली यह अवैध बस्ती।
महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी मास्टर माइंड
पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने बताया कि चंदोला झील में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मास्टरमाइंड महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी है। महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी ने ही अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को किराए पर आवास और आधार कार्ड दिलाने में भी मदद की थी। अब उस पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि झील के किनारे महमूद पठान के अवैध फार्महाउस को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है।
ऐसे पहुंचाई मदद
पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने बताया कि चंदोला झील में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मास्टरमाइंड महमूद पठान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महमूद पठान फर्जी रेंट एग्रीमेंट पेपर्स का इस्तेमाल करके अवैध प्रवासियों को आवास दिलाने में मदद की। यही नहीं उनको आधार कार्ड भी दिलाए। यह भी शक है कि क्षेत्र के कुछ लोगों ने इन्हीं फर्जी कागजात की बदौलत पासपोर्ट तक हासिल कर लिए थे।
50 बुलडोजर मशीनों के साथ कार्रवाई
नगर निगम के उप आयुक्त डीसी परमार ने बताया कि ऑपरेशन में अवैध रूप से बने करीब 2,000 मकानों को चिन्हित किया गया था। दोपहर तक 50 फीसदी को जमींदोज भी कर दिया गया था। डीसी परमार ने कहा कि चंदोला झील एक जल निकाय है। इस झील के आसपास किसी भी निर्माण की इजाजत नहीं है। अभियान के दौरान शहर के सभी पुलिस स्टेशनों को 'अलर्ट' पर रखा गया था। 50 टीमों में हर एक के पास बुलडोजर मौजूद था।
अवैध बांग्लादेशी रहने पाए गए
अधिकारियों की मानें तो मुस्लिम बहुल क्षेत्र चंदोला झील में आखिरी तोड़फोड़ अभियान 2009 में चलाया गया था। हाल ही में एएमसी के सर्वे में पाया गया था कि सरकारी जमीन पर फिर से अतिक्रमण हो गया है। झील के समीप सियासतनगर और बंगाली वास जैसे इलाकों में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी भी रहते पाए गए। इसके बाद बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया।
अल्पसंख्यक भी चाहते थे हो ऐक्शन
अधिकारियों के अनुसार, झील के पास रहने वाले अल्पसंख्यक भी चाहते थे कि अवैध बस्तियों में रहने वाले बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि डीजीपी विकास सहाय ने सोमवार को बताया था कि करीब 450 बांग्लादेशी नागरिक गुजरात में अवैध रूप से रह रहे पाए गए हैं। करीब 6,500 अवैध लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों के बारे में संदेह है कि ये पड़ोसी देश के निवासी हैं। अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बाद पूरे गुजरात में इसी तरह की कार्रवाई की गई।
(पीटीआई के इनपुट पर आधारित)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।