क्या है USS मिनेसोटा, जिसे अमेरिका ने पहली बार गुआम में किया तैनात तो बौखला उठा ड्रैगन
अमेरिकी नौसेना ने यह कदम तब उठाया है, जब चीनी नौसेना इस क्षेत्र में तेजी से अपना विस्तार कर रही है। बता दें कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। उसके पास 370 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां हैं।

हिन्द-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) महासागर क्षेत्र में एक बार फिर विश्व की दो महाशक्तियां (अमेरिका और चीन) धीरे-धीरे आमने-सामने आती जा रही हैं। ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने पश्चिमी प्रशांत महासागर के गुआम द्वीप पर परमाणु पनडुब्बी USS मिनेसोटा की तैनाती की है। इससे चीन भड़क उठा है। माना जा रहा है कि अमेरिकी नौसेना का यह कदम प्रशांत महासागर के गुआम द्वीप पर स्थित अपने रणनीतिक रूप से अहम नौसैनिक अड्डे को ना सिर्फ उन्नत करने के लिए उठाया गया है बल्कि भविष्य की सुरक्षा चिंताओं से निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैयारी के लिए भी है।
क्या है USS मिनेसोटा
USS मिनेसोटा, वर्जीनिया श्रेणी की तेज गति से हमला करने वाली परमाणु पनडुब्बी है। इसका वजन 7800 टन और लंबाई 377 फुट है। इस पर 12 लैंड क्रूज मिसाइल और 25 टॉरपीडो तैनात हैं। गुआम में पहली बार इस तरह की परमाणु पनडुब्बी की तैनाती हुई है। यह वर्जीनिया श्रेणी की 10वीं पनडुब्बी है। न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महीनों की प्रतीक्षा के बाद यूएसएस मिनेसोटा (एसएसएन 783) आखिरकार पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना की मौजूदगी को मजबूत करने के लिए नेवल बेस गुआम में अपने नए होमपोर्ट पर पहुंच गई है। इस श्रेणी की पनडुब्बियां 2000 के आसपास कमीशंड की गई थीं।
अमेरिकी नौसेना के अनुसार, मिनेसोटा की तैनाती से अमेरिकी सेना की इस क्षेत्र में कई तरह की क्षमताएं मजबूत हो गई हैं। यानी इसकी तैनाती से अमेरिकी नौसेना पनडुब्बी रोधी और सतह रोधी युद्ध, स्ट्राइक मिशन और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान सहजता से कर सकेगी। इस पनडुब्बी पर करीब 140 नाविकों का एक दल तैनात है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिनेसोटा दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री सुरक्षा क्षेत्रों में से एक में अमेरिकी नौसेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार है। पनडुब्बी स्क्वाड्रन 15 के कमांडर कैप्टन नील स्टीनहेगन ने मंगलवार (26 नवंबर) को गुआम में मिनेसोटा और उसके दल का स्वागत किया। अमेरिकी सेना ने एक बयान में कहा है कि गुआम में अब तेजी से हमला करने वाली पनडुब्बियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। बेड़े में पहले से ही चार पुरानी पीढ़ी की लॉस एंजिल्स श्रेणी की पनडुब्बियां शामिल हैं।
अमेरिकी नौसेना ने यह कदम तब उठाया है, जब चीनी नौसेना इस क्षेत्र में तेजी से अपना विस्तार कर रही है। बता दें कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। उसके पास 370 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां हैं। इनमें वर्जीनिया श्रेणी की छह परमाणु पनडुब्बियां भी शामिल हैं। चीन की इस ताकत को देखते हुए अमेरिका भी प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी नौ सेना को मजबूत करती रही है। इसी कड़ी में अमेरिका ने अपने मित्र देश जापान में लेजर हथियार से लैस एक विध्वंसक और स्टील्थ लड़ाकू जेट से सुसज्जित एक विमानवाहक पोत की तैनाती कर रखी है।
चीन का क्या रिएक्शन
वाशिंगटन डीसी में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयु ने अमेरिकी सेना के इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन इस बात से बहुत चिंतित है कि अमेरिका एकतरफा सैन्य लाभ लेने के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रिम सैन्य तैनाती को मजबूत कर रहा है। गुआम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो पेंटागन की रणनीतिक योजनाओं में तेजी से केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
बता दें कि गुआम अमेरिका का सबसे पश्चिमी क्षेत्र है, जो ताइवान जलडमरूमध्य और पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर के विवादित जल क्षेत्र से 1500 से 1700 मील की दूरी पर स्थित है। यहां अमेरिका का एक उन्नत नौसैनिक अड्डा है। जहां से वह रूस-चीन समेत कई देशों पर हमले कर सकता है। हालांकि, चीन का भी दावा है कि यह अड्डा उसकी बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज में है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।