भारत पर 26 तो चीन पर 34 प्रतिशत का शुल्क… डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान दिया है। इससे दुनिया के कई देशों पर व्यापक असर देखने को मिलेगा। ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का शुल्क लगाया। कहा कि हम भारत से आधा ही वसूल रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय समयानुसार देर रात पौने 2 बजे 'लिबरेशन डे' की घोषणा करते हुए दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। चीन पर 34 प्रतिशत तो भारत पर 26 प्रतिशत के शुल्क का ऐलान हुआ है। ट्रंप ने आज का दिन अमेरिका की "आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा" करार दिया। विदेशी देशों पर तीखा हमला बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि वे लंबे समय से अमेरिका को "लूटते" आ रहे हैं। उन्होंने विदेशी कारों पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा की। ट्रंप की इस घोषणा से वैश्विक व्यापार युद्ध छिड़ने का खतरा बढ़ गया है।
चीन पर 34 तो भारत पर 26 प्रतिशत का शुल्क
ट्रंप ने चीन और यूरोपीय संघ पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। नए फैसले के तहत चीन से आयातित उत्पादों पर 34% और यूरोपीय संघ से आने वाले सामान पर 20% टैरिफ लगाया जाएगा। साथ ही भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। ट्रंप ने कहा कि हम भारत से आधा ही वसूल
ट्रंप ने इस दिन को ‘लिबरेशन डे’ (मुक्ति दिवस) करार दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला दुनिया भर के देशों को प्रभावित करेगा। हालांकि, कुछ देशों पर इसका असर ज्यादा होगा, जबकि कुछ पर कम। हमारा मकसद अमेरिका को एक बार फिर से महान बनाना है।
ब्रिटेन की आलोचना
ट्रंप ने ब्रिटेन में लागू 20% वैट को "अत्यधिक" बताते हुए इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी कंपनियों के ब्रिटेन में व्यापार करने में बाधा बनता है। इसके जवाब में, उन्होंने "पारस्परिक टैरिफ" लगाने का वादा किया।
वाइट हाउस रोज गार्डन से बोलते हुए ट्रंप ने कहा, "2 अप्रैल 2025 को हमेशा उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, अमेरिका ने अपनी आर्थिक तकदीर वापस पाई और हम फिर से अमेरिका को समृद्ध बनाने के सफर पर निकले।"
हर किसी पर कम से कम 10 प्रतिशत टैरिफ
ट्रंप ने कहा कि दुनियाभर से आने वाले आयातित सामान पर कम से कम 10% का टैरिफ लगाया जाएगा, लेकिन कुछ देशों पर यह शुल्क काफी अधिक होगा। जापान से आयातित वस्तुओं पर 24% टैरिफ लागू होगा।
व्यापार युद्ध की आशंका
यह फैसला अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को प्रभावित करेगा और वैश्विक व्यापार तनाव को और बढ़ा सकता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम अमेरिकी उद्योग को मजबूत करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक व्यापार युद्ध तेज हो सकता है और कई देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
अमेरिका को दोस्तों और दुश्मनों दोनों ने लूटा
अमेरिकी झंडे के बैनर तले भाषण देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को "करीबी और दूर के देशों, दोस्तों और दुश्मनों दोनों द्वारा लूटा और शोषित किया गया है।"
78 वर्षीय रिपब्लिकन नेता ने टैरिफ की पूरी जानकारी तो नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह उन देशों पर "पारस्परिक टैरिफ" लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जो अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित व्यवहार करते हैं।
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