what means 90 days trade deal between america and china trade war अमेरिका और चीन के बीच खत्म हो गया ट्रेड वॉर? 90 दिनों की डील के क्या हैं मायने, International Hindi News - Hindustan
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अमेरिका और चीन के बीच खत्म हो गया ट्रेड वॉर? 90 दिनों की डील के क्या हैं मायने

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में बड़ी नरमी देखने को मिली है। 90 दिनों के लिए दोनों ही देशों ने अपने नए टैरिफ को लागू करने पर रोक लगा दी है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 May 2025 05:49 AM
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अमेरिका और चीन के बीच खत्म हो गया ट्रेड वॉर? 90 दिनों की डील के क्या हैं मायने

अमेरिका और चीन ने व्यापार को लेकर तनाव को कम करने के लिए 90 दिनों कि ट्रेड डील की है। दोनों ही देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि अगले 90 दिनों तक नए टैरिफ नहीं लागू किए जाएंगे। इसके अलावा मौजूदा टैरिफ को घटाने को लेकर भी दोनों देशों में सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच इस डील से यूके समेत कई देशों को झटका भी लगा है। दोनों देशों के बीच हुई डील 14 मई से लागू हो जाएगी। इसके बाद अमेरिका की तरफ से लगाया गया 145 फीसदी का टैरिफ घटकर 30 फीसदी हो जाएगा। वहीं चीन का अमेरिकी आयात पर लगाया गया 125 फीसदी का टैरिफ घटकर 10 फीसदी हो जाएगी।

चीन ने कुछ खनिजों के अमेरिका को निर्यात करने पर रोक लगा दी थी। वहीं इस ट्रेड डील के बाद उसने निर्यात फिर से शुरू करने का फैसला किया है। हालांकि अमेरिका ने जिन चीनी समानों के आयात पर रोक लगाई थी, उसमें ढील नहीं दी है। बता दें कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर सबसे पहले स्विट्जरलैंड में वार्ता हुई थी।

90 दिन बाद क्या होगा?

दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच हुई इस डील का स्वागत किया जा रहा है। अगर 90 दिनों के बाद टैरिफ फिर से लागू भी हो जाती हैं तो अमेरिका का टैरिफ 54 फीसदी और चीन का 34 फीसदी ही रहेगा। क्योंकि लिबरेशन डे के बाद जिन टैरिफ का ऐलान किया गया है उनमें से ज्यादातर को कैंसल ही कर दिया गया है। जानकारों का कहना है कि यह ट्रेड डील दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का एक बड़ा कदम है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अमेरिका और चीन के संबंधों में नरमी देखी जा रही है जो और भी आगे बढ़ सकती है।

2024 में अमेरिका से चीन को सबसे ज्यादा सोयाबीन का निर्यात किया गया था। चीन में इसे सुअरों को खिलाया जाता है। इसके अलावा अमेरिका से बड़ी मात्रा में दवाओं और पेट्रोलियम का निर्यात होता है। वहीं अमेरिका चीन से सबसे ज्यादा स्मार्टफोन का आयात करता है। अमेरिका से चीन को एयरक्राफ्ट इंजन, इंटीग्रेटेड सर्किट, दवाओं और पेट्रोलियम का निर्यात बड़े पैमाने पर करता है। वहीं वह चीन से स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैटरी, खिलौने और टेलिकॉम इक्विपमेंट का आयात करता है।

ट्रेड वॉर में किसकी जीत?

इस ट्रेड डील के बाद जाहिर तौर पर दोनों ही देश अपनी-अपनी जीत का दावा करेंगे। जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुई डील के बाद लोग यही कहेंगे कि डोनाल्ड ट्रंप ही अपने फैसले से पीछे हटे हैं। वहीं दूसरी बात पर गौर करें तो टैरिफ रेट कट होने के बाद अब भी अमेरिका का चीन पर लगा टैरिफ काफी ज्यादा है। ब्रिटेन और अमेरिका के बीच अच्छी बनती है इसके बावजूद उसपर 10 फीसदी का टैरिफ लगा हुआ है।

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