White House denied Pakistan Army Chief Asim Munir not invited to US Army parade अमेरिका ने आर्मी डे पर पाक सेना प्रमुख आसीम मुनीर को नहीं बुलाया, वाइट हाउस ने दी सफाई, International Hindi News - Hindustan
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अमेरिका ने आर्मी डे पर पाक सेना प्रमुख आसीम मुनीर को नहीं बुलाया, वाइट हाउस ने दी सफाई

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस के स्पष्टीकरण ने साफ कर दिया कि यह खबर गलत थी, और किसी भी विदेशी सैन्य नेता को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनSat, 14 June 2025 12:07 PM
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अमेरिका ने आर्मी डे पर पाक सेना प्रमुख आसीम मुनीर को नहीं बुलाया, वाइट हाउस ने दी सफाई

आज 14 जून को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर सेना दिवस (आर्मी डे) समारोह आयोजित होने वाला है। हाल ही में इस परेड से जुड़ी एक बड़ी खबर ने भारत, पाकिस्तान और वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी थी। खबर थी कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर को इस समारोह में आमंत्रित किया गया है। अब खुद अमेरिका ने इसको लेकर सफाई दी है।

व्हाइट हाउस ने स्पष्ट रूप से इन खबरों का खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को अमेरिकी सेना के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बयान जारी कर कहा, "यह खबर पूरी तरह गलत है। किसी भी विदेशी सैन्य नेता को इस परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।"

यह परेड अमेरिकी सेना के 250 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। 14 जून यानी आज ही संयोगवश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी है। इस आयोजन में लगभग 6,600 सैनिक, 150 सैन्य वाहन, 50 हेलीकॉप्टर, 34 घोड़े, दो खच्चर और एक कुत्ता शामिल होंगे। परेड का मार्ग कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू पर लिंकन मेमोरियल से शुरू होकर 15वें स्ट्रीट पर समाप्त होगा। इसके अलावा, नेशनल मॉल पर एक दिन भर का उत्सव, सैन्य प्रदर्शन, उपकरण प्रदर्शन, संगीतमय प्रस्तुतियां और एक फिटनेस प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।

दक्षिण एशिया में गलत खबरों से उपजा विवाद

गौरतलब है कि 26 लोगों की जान लेने वाले पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था। इसके जवाब में भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। ऐसे में जनरल मुनीर का अमेरिका दौरा भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक दृष्टि से एक बड़ा झटका माना जा रहा था। मुनीर को भारत विरोधी रुख और हाल के पहलगाम आतंकी हमले से पहले भड़काऊ बयानों के लिए जाना जाता है।

दक्षिण एशियाई मीडिया में खबरें थीं कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को इस परेड में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इन खबरों ने भारत में विवाद को जन्म दिया, जहां इसे एक कूटनीतिक झटके के रूप में देखा गया। रैंड कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन ने इन अफवाहों की आलोचना करते हुए इसे भारत के लिए "कूटनीतिक झटका" करार दिया।

भारत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "असीम मुनीर ने दो-राष्ट्र सिद्धांत, हिंदू और मुसलमानों के बारे में भड़काऊ और उत्तेजक बयान दिए थे, और जिनके बयानों का 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना से सीधा संबंध है, उन्हें 14 जून को अमेरिका में विशेष निमंत्रण मिलना समझ से परे है।" हालांकि, व्हाइट हाउस के स्पष्टीकरण के बाद यह साफ हो गया कि ये खबरें आधारहीन थीं।

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पाकिस्तानी संगठनों की प्रतिक्रिया

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की अमेरिकी शाखा ने असीम मुनीर के कथित दौरे के विरोध में वाशिंगटन डी.सी. में पाकिस्तानी दूतावास के सामने एक विशाल विरोध रैली की घोषणा की थी। पीटीआई यूएसए ने कहा, "हम और 12 से अधिक पाकिस्तानी डायस्पोरा संगठन मिलकर पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ के खिलाफ और स्वतंत्र व निष्पक्ष पाकिस्तान के लिए अपनी आवाज बुलंद करने के लिए यह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।" लेकिन व्हाइट हाउस के बयान के बाद यह विरोध रैली अब नहीं होगी।

चीन को साधने का था प्लान?

इस पूरे प्रकरण ने दक्षिण एशिया की जटिल भूराजनीति को फिर से उजागर किया। शुरुआती खबरों में दावा किया गया था कि अमेरिका का यह कदम चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने और पाकिस्तान को अपने पक्ष में लाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तान का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में गहरा जुड़ाव अमेरिका के लिए चिंता का विषय रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना था कि मुनीर को आमंत्रित कर अमेरिका पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों, जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव डाल सकता है। साथ ही, पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ अमेरिका से सहायता मांग सकता है। हालांकि, व्हाइट हाउस के स्पष्टीकरण के बाद यह साफ हो गया कि ये खबरें गलत थीं, और संभवतः पाकिस्तानी पक्ष या कुछ मीडिया समूहों द्वारा प्रचारित की गई थीं।

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