US से निकालो, भारत जाओ; विवेक रामास्वामी की सालगिरह वाली पोस्ट पर नस्लीय टिप्पणियों की बौछार
एच-1बी वीजा नीति को लेकर चल रही बहस के बीच, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने रामास्वामी को भारत वापस जाओ और यहां से निर्वासित कर देना चाहिए जैसी नस्लवादी टिप्पणियों का निशाना बनाया।

भारतीय मूल के रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी की एक सालगिरह वाली पोस्ट पर नस्लीय और आप्रवासी विरोधी टिप्पणियों की बाढ़ आ गई। यह विवाद तब उभरा जब रामास्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी पत्नी डॉ. अपूर्वा को समर्पित एक दिल छू लेने वाली पोस्ट शेयर की। इस पोस्ट में विवेक ने अपने रिश्ते की शुरुआत और 10 साल के वैवाहिक जीवन की कहानी साझा की। अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में रह चुके रामास्वामी वर्तमान में ओहायो के गवर्नर पद के लिए मैदान में हैं। उनकी पत्नी अपूर्वा भी भारतीय मूल की हैं और उनके दो बच्चे हैं जिनका नाम कार्तिक और अर्जुन है।
पोस्ट में रामास्वामी ने लिखा, “2011 की शरद ऋतु में मैंने एक प्रतिभाशाली मेडिकल स्टूडेंट अपूर्वा से मुलाकात की और उन्हें पहले डेट पर कोलोराडो की फ्लैटटॉप माउंटेन पर ट्रैकिंग के लिए आमंत्रित किया। जब हम चोटी के करीब पहुंचे तो बर्फीला तूफान आ गया। मैं जिद्दी बना रहा लेकिन अपूर्वा ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि हमारे पास पूरी जिंदगी है इस चोटी को फिर से छूने के लिए।” उन्होंने आगे बताया कि 14 साल और दो बच्चों के बाद, वे इस सालगिरह पर फिर से वहीं गए और चोटी तक पहुंचे। पोस्ट के साथ रामास्वामी ने दो तस्वीरें भी साझा कीं- एक 2014 की पुरानी तस्वीर और एक हाल की फोटो, दोनों उसी पहाड़ की बताई जा रही हैं।
हालांकि, यह भावनात्मक पोस्ट जल्द ही सोशल मीडिया पर नस्लीय टिप्पणियों का शिकार बन गई। कई यूजर्स ने रामास्वामी की भारतीय जड़ों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। एक यूजर ने लिखा, “इंडिया वापस जाओ,” जबकि दूसरे ने तंज कसते हुए पूछा, “तुम्हारे पापा कब डिपोर्ट हो रहे हैं?”
अधिकतर प्रतिक्रियाएं रामास्वामी के एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर बदलते रुख को लेकर थीं। एक समय वे अमेरिका की कंपनियों में अधिक विदेशी कर्मचारियों की वकालत करते थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने एच-1बी प्रोग्राम की आलोचना की और इसे सुधार की जरूरत बताई। आलोचकों का कहना है कि यदि वे ओहायो के गवर्नर बनते हैं तो “भारतीयों को ही नौकरी देंगे”, यह धारणा उनके पुराने बयानों पर आधारित है।
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी एक सफल बायोटेक उद्यमी और लेखक हैं। उन्होंने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में हिस्सा लिया था। उनकी स्पष्टवादी शैली और रूढ़िवादी नीतियों ने उन्हें समर्थकों और आलोचकों दोनों का ध्यान खींचा है। भारतीय मूल के होने के नाते, उन्होंने अक्सर अपनी पहचान को गर्व के साथ स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही अमेरिकी मूल्यों पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम के तहत अमेरिका में काम करने वाले अधिकांश लोग भारतीय हैं, और यह मुद्दा अक्सर अमेरिकी राजनीति में विवाद का विषय बनता रहा है। जहां एक ओर रामास्वामी अपनी पारिवारिक कहानी और प्यार का जश्न मना रहे थे, वहीं दूसरी ओर यह विवाद एक बार फिर अमेरिका में नस्लीय तनाव और अप्रवासी विरोधी भावनाओं को उजागर करता है।
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