खर्च हुए 13 सौ करोड़, लेकिन 13 घर में भी नहीं पहुंचा पानी; गिरिडीह जिला परिषद सदस्यों का बड़ा आरोप
गिरिडीह जिला परिषद की बुधवार को हुई बोर्ड की बैठक शुरुआत में हंगामेदार रही। करीब 5 महीने बाद बैठे बोर्ड में सदस्यों ने नल-जल योजना पर खूब हंगामा किया।

गिरिडीह जिला परिषद की बुधवार को हुई बोर्ड की बैठक शुरुआत में हंगामेदार रही। करीब 05 महीने बाद बैठे बोर्ड में सदस्यों ने नल-जल योजना पर खूब हंगामा किया। सदस्य विनय शर्मा ने यहां तक कह दिया कि वर्ष 2023 में नल-जल योजना की 1300 करोड़ की पूरी राशि खर्च कर दी गई, लेकिन दुर्भाग्य है कि 13 घर तक भी पानी नहीं पहुंचा है।
सदस्य उसमान अंसारी ने कहा कि पूर्व बैठक में यह फैसला हुआ था कि 10 चापाकलों में 5 विधायक और 5 सदस्य की अनुशंसा पर लगेंगे। लेकिन किसी सदस्य को 5 तो दूर एक भी चापाकल नहीं मिला है। सदस्य मुन्नी देवी ने कहा कि इस योजना की खामियां गिनाई, तो अन्य सदस्यगण भी योजना पर भड़ास निकालने लगे। हंगामा बढ़ते देखकर बैठक की अध्यक्षता कर रही जिप अध्यक्षा मुनिया देवी, उपाध्यक्ष छोटेलाल यादव और डीडीसी स्मृता कुमारी ने हस्तक्षेप किया।
सदस्यों को मिला अधिकारियों का आश्वासन : नल-जल योजना पर उठे बवाल के बाद पीएचइडी वन और टू के अधिकारी ने आश्वासन दिया। कहा कि चूंकि वे हाल में पदभार संभाले हैं, लिहाजा योजना पर कहां गड़बड़ी हुई है इसकी जांच के लिए समय चाहिए। अधिकारियों ने सदन को आश्वस्त किया कि जिस स्तर पर काम होना चाहिए, वह नहीं हो पाया है। पत्रकारों को डीडीसी ने कहा कि योजना पर 1300 करोड़ की निकासी की बात जो सामने आ रही है, उतनी निकासी नहीं हुई है। ऐसे इस मामले में तीन कार्यकारी एजेंसी को कालीसूची में डालने के लिए सरकार को लिखा गया है। जांच में अन्य एजेंसी आएंगे तो उनपर भी कार्रवाई होगी। इसके पूर्व पीएचइडी अधिकारियों ने योजना की सत्यता जानने के लिए एक से डेढ़ माह का समय मांगा। तब जाकर सदन शांत हुआ और शाम छह बजे तक सुचारु रुप से बैठक चली। बैठक में प्रतिनिधि के तौर पर प्रमिला मेहरा, महालाल सोरेन, शब्बन खान, अशोक उपाध्याय के अलावा डीएसओ गुलाम समदानी, कल्याण पदाधिकारी जयप्रकाश मेहरा, पीएचईडी वन के अधिकारी राहुल श्रीवास्तव, समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेहा कच्छप, जिला अभियंता भोला राम आदि थे।
जिप सभागार का होगा सौंदर्यीकरण
बोर्ड की बैठक में जिप सभागार में जगह की कमी खूब खली। इसपर सभागार को सौंदर्यीकरण पर फैसला लिया गया। सदन का ज्यादा समय पानी मुद्दे पर रहा। इसके अलावा खाद्य आपूर्ति, सड़क, बिजली पर सदस्यगण गरजे। इसके पूर्व हो-हंगामा के दौरान पत्रकारों से बदसलूकी पर सदन गरम रहा। जब सदन में नल-जल योजना पर हंगामा शुरू हुआ और मीडिया कवरेज करना लगा, तो मीडियाकर्मियों को बाहर निकाल दिया गया। हालांकि बैठक की शुरुआत पूर्व बैठक के एजेंडे से हुई।