पूर्वी सिंहभूम में राशनकार्ड धारकों को झटका, 3 महीने में कट गए 8 हजार नाम; क्या थी वजह
पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते तीन महीने में करीब दो हजार राशन कार्ड रद्द किये गये हैं। इसके कारण इन राशन कार्ड में दर्ज लगभग आठ हजार लाभुकों के नाम कट गये हैं। प्रशासन ने इसका कारण भी बताया है।

पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते तीन महीने में करीब दो हजार राशन कार्ड रद्द किये गये हैं। इसके कारण इन राशन कार्ड में दर्ज लगभग आठ हजार लाभुकों के नाम कट गये हैं। ये सभी कार्ड राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बनवाए गए पीएच और अंत्योदय श्रेणी के थे। इन राशन कार्डों में करीब 90 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के हैं। पहले पीएच और अंत्योदय श्रेणी में 16 लाख 61 हजार से अधिक लाभुक हुआ करते थे। लेकिन अब यह संख्या घटकर 16 लाख 54 हजार से कम हो गई है। आइए जानते हैं कि प्रशासन ने इन राशनकार्ड धारकों का नाम क्यों काट दिया।
राज्य स्तर पर एनएफएसए के आहार पोर्टल की निगरानी के फलस्वरूप यह पता चलता रहता है कि बीते छह महीने से कितने राशन कार्ड धारकों ने अनाज नहीं उठाए हैं। फिर हर महीने उपायुक्त के द्वारा ली जाने वाली आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में ऐसे उदासीन लाभुकों के नाम हटाने का निर्देश जारी होता है। इसके कारण आपूर्ति विभाग के द्वारा ऐसे कार्ड को डिलीट करने का सिलसिला चल रहा है। माना जा रहा है कि जो लोग लगातार छह महीने से राशन नहीं उठा रहे, वे या तो फर्जी कार्ड धारक थे या फिर उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क इलाज करवाने के लिए कार्ड बनवा रखा था। इस वजह से ऐसे लाभुकों ने राशन नहीं उठाया।
ग्रीन कार्ड धारकों को होगा फायदा
जो आठ हजार लाभुक घटे हैं, उनकी जगह ग्रीन कार्ड धारक लेंगे। वर्तमान में सीधे पीएच श्रेणी में शामिल होने का कोई तरीका नहीं रह गया है। अब ग्रीन कार्ड में जो वरीयता में ऊपर हैं, वही लोग पीएच में चले जाएंगे। इससे उन्हें फायदा यह होगा कि अभी हर महीने प्रति लाभुक सिर्फ पांच किलो चावल मिल रहा, जबकि पीएच में शामिल होने पर गेहूं, नमक, दाल जैसे खाद्यान्न भी मिलेंगे।