नाबालिगों को बालिग मान होगी कार्रवाई, खूंटी गैंगरेप केस में DGP का सख्त निर्देश; 18 आरोपी रिमांड पर
- झारखंड के खूंटी के रनिया में 5 आदिवासी नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता गंभीर हैं। केस में खूंटी पुलिस ने 14 से 17 साल के बीच के 18 आरोपियों को रिमांड होम भेजा है।

झारखंड के खूंटी के रनिया में पांच आदिवासी नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता गंभीर हैं। केस में खूंटी पुलिस ने 14 से 17 साल के बीच के 18 आरोपियों को रिमांड होम भेजा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि गंभीर अपराधों से जुड़े मामले में 16 से अधिक आयु के आरोपियों को बालिग मान कार्रवाई करें।
डीजीपी ने कहा कि जेजे एक्ट की धारा 15 में इस बात का जिक्र है कि यदि कोई नाबालिग 16 साल से अधिक उम्र का हो, साथ ही उसने जघन्य अपराध को अंजाम दिया हो तो उसके खिलाफ बालिग की तरह कार्रवाई की जा सकती है। खूंटी पुलिस अब उसी अनुसार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में कार्रवाई और जांच की मॉनिटरिंग डीजीपी के निर्देश पर एडीजी सुमन गुप्ता कर रही हैं। केस में आए तथ्यों के आधार पर वह आगे की दिशा-निर्देश जारी करेंगी।
महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध की समीक्षा करेंगे डीजीपी राज्य में महिला और बच्चों के खिलाफ हुए आपराधिक मामलों की समीक्षा डीजीपी अनुराग गुप्ता 28 फरवरी को करेंगे। उन्होंने बीएनएस की 61 धाराएं जो महिला और बाल अपराध से जुड़ी हैं उनमें दर्ज कांडों की समीक्षा के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है। तीन माह से अधिक समय से सुपरविजन में लंबित कांडों की स्थिति, अभियुक्तों के खिलाफ हुई कार्रवाई, गिरफ्तारी नहीं होने पर इसके कारण और इन धाराओं में दर्ज ऑनलाइन शिकायतों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा डीजीपी करेंगे।
दोषियों को सजा जरूर दिलवाएंगे: परिजन
पांचों नाबालिग डरी-सहमी हैं, परंतु हिम्मत कम नहीं है। पांचों का कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज हुआ। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि पांचों बच्चियों काफी डरी हुई थी, अब सामान्य होने लगी हैं। हम उन्हें सजा दिलाकर ही रहेंगे, एक पीड़िता ने बताया कि दुष्कर्म करनेवाले कई लड़कों को वह पहचानती है। लड़के जिस गांव के हैं, वहीं उसका ननिहाल है। घटना के समय मैंने उनसे विनती करते हुए कहा था कि आपलोग मेरे भाई जैसे हो, ऐसा मत करो परंतु वे नहीं माने।
गांव में आवारागर्दी करते हैं सभी लड़के
एक ही गांव के 18 नाबालिगों ने सामूहिक दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में शामिल थे। गांव वालों ने बताया कि मोबाइल की लत से सभी बिगड़ गए थे। सभी नाबालिग लड़के गांव में आवारागर्दी करते थे। अभिभावकों ने कई लड़कों का स्कूल में एडमिशन करा दिया था, लेकिन वे पढ़ने नहीं जाते थे। एक लड़के ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि घटना के दिन मोबाइल पर अश्लील मूवी भी देखी थी। ग्रामीणों का कहना था कि इस घटना से उनका सिर हमेशा के लिए झुक गया।