बोले बोकारो: सस्ता लोन मिले तो कारोबार करना होगा आसान
बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि टेंट हाउस और डेकोरेशन व्यवसाय के सामने इवेंट मैनेजमेंट, महंगी सामग्री, और लॉकडाउन के कारण कई चुनौतियाँ हैं। सरकार से इस कार्य को आवश्यक सेवा में...
टेंट हाउस का नाम सुनते हीं जेहन में पंडाल, उत्सव, महोत्सव दौड़ने लगता है। बांस, त्रिपाल, सामियाना से शुरू हुआ टेंट हाउस आधुनिक डेकोरेशन के मुकाम तक पहुंच गया। लेकिन नये दौर में इवेंट मैनेजमेंट इनके लिए चुनौती बन कर उभरी है। विवाह मंडप की बढ़ती संख्या व साथ में टेंट के सामग्री व साज-सज्जा भी टेंट हाउस के लिए चुनौती बढ़ा रही है। लॉकडाउन ने वैवाहिक समारोह आदि में रिश्तेदारों की कटौती करने का तौर तरीका सीखा दिया। अंधाधुंध टेंट हाउस की बढ़ती संख्या ने रेट को तोड़ मरोड़ कर रख दिया है। दूसरी ओर नियोजन व रोजगार की कमी से जूझने के कारण लोगों की आर्थिक हालत भी पतली है। काम करा कर पार्टी द्वारा नुक्श निकाल कर पेमेंट रोकना भी इनकी परेशानी का कारण है। वहीं दूसरी ओर महंगी होती टेंट सामग्री इन व्यवसायियों पर दोहरा मार कर रहा है। सरकार टेंट हाउस कार्य को आवश्यक सेवा में भी शामिल नहीं कर रही है। ये एक अलग परेशानी है। उक्त बातें बोले बोकारो के तहत संवाद के दौरान स्थानीय डेकोरेटरों ने कही।
बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन में करीब 1500 से अधिक सदस्य है। कुछ एक ग्रामीण क्षेत्र व नये व्यवसायियों के जुड़ते हीं यह संख्या और अधिक होगी। इस व्यवसाय के माध्यम से 16-17 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन से जुड़े व्यवसायियों की चुनौतियों कम दिन ब दिन बढ़ती जा ही रही है। यह कार्य व्यक्तिगत, सामाजिक, प्रसाशनिक, धार्मिक सभी क्षेत्र से जुड़ा है। टेंट हाउस व डेकोरेशन से जुड़े व्यवसायियों ने कहा कि हमेशा से हमारा व्यवसाय चुनौतीपूर्ण रहा है। हमारे काम से हमारा व हमारे ग्राहकों का सम्मान जुड़ा है। काम खराब होने पर दोनों के सम्मान को ठेस पहुंचती है। वैवाहिक कार्यक्रम हो, मृत्यु भोज हो या अन्य किसी तरह का आयोजन, सेम डे पर काम करके देना ही होता है। भले उस दिन आंधी आये या शरीर को सुखा देने वाली चिलचिलाती धूप से जीवन अस्त-व्यस्त हो। हर हाल में काम पूरा करना ही होता है। अन्यथा इसके एवज में पैसा और प्रतिष्ठा दोनों की दाव पर होता है। इसको लेकर हमेशा से टेंट हाउस व डेकोरेटरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मौसम की मार भी झेलनी हीं पड़ती है।
आवश्यक सेवा की श्रेणी में शामिल करे सरकार- बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि टेंट व डेकोरेशन से जुड़े लोगों द्वारा जो सेम डे पर काम किया जाता है। जिससे समाज के लोगों का मान-सम्मान जुड़ा होता है। मौसम की मार झेलने के अलावा कई बार सड़क पर जाम, बंदी की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसका खामियाजा कई बार कार्यक्रम आयोजकों को भी परेशानी में डाल देता है। उनके मान-सम्मान को भी ठेस पहुंचती है। सरकार हमारी सेवा को आवश्यक सेवा की श्रेणी में शामिल करे, इससे बंदी आदि के समय सड़क पर होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। लोगों की परेशानी कम होगी। साथ हीं इस व्यवसाय हो बढ़ाने के लिए सस्ते दरों पर सरल विधि से लोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो। इधर, सरकार द्वारा गांव व शहर के लिए अलग-अलग सर्विस टैक्स लगाया गया है। गांव के लोग सर्विस टैक्स देने में असमर्थ है, यह रकम हमारे प्रोफिट से देना होता है।
इवेन्ट मैनेजमेंट ने बढ़ाई चुनौतियां: एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि बदलते दौर के साथ चुनौतियों का स्वरूप भी बदल रहा है। नये दौर में इवेन्ट मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है। दिखावे के दौर में इवेन्ट मैनेजमेंट के नाम पर आम लोग जेब ढीला कर रहे है। वहीं, डेकोरेटरों को उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। हमारे प्रोफिट का हिस्सा कोई ओर खा रहा है। कहा कि जो कार्यादेश कल तक हमे पार्टी से प्रत्यक्ष तौर पर मिल रहा था, आज वहीं काम अप्रत्यक्ष तौर पर इवेन्ट मैनेजमेंट के नाम पर मिल रहा है। इससे हो ये रहा है कि हमारे लाभ का हिस्सा कोई ओर खा रहा है। पार्टी यह बात समझ नहीं पा रही है कि वो जिस काम का आर्डर दे रही है, उससे उसके जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
मैरेज हॉल वालों की बढ़ती लालसा से भी परेशानी- कहा कि ऐस तो शहरों में मैरेज हॉल की सुविधा वर्षों से है। लेकिन पहले मैरेज हॉल में सिर्फ भवन उपलब्ध कराया जाता था। बाकी डेकोरेशन का काम हो, बर्तन आदि की व्यवस्था करनी हो या टेबल-कुर्सी की व्यवस्था करनी हो, ये काम टेंट हाउस वालों को मिलता था। अब दौर तेजी से बदल रहा है। बदलते दौर में विवाह मंडप के मालिकों की लालसा बढ़ती जा रही है। अधिक प्रोफिट कमाने के चक्कर में विवाह मंडप वालों ने कुर्सी, बर्तन आदि भी उपलब्ध कराना आरंभ कर दिया है। मंडप वाले सारी व्यवस्था स्वयं करने पर तुले है। मैरेज हॉल वालों के इस कार्य से टेंट हाउस वालों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है। टेंट व डेकोरेशन के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। हामरे व्यवसाय व जीवन पर इसका प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा है।
सुझाव
1. सभी के प्रतिष्ठा से जुड़ा कार्य होने व सेम डे का कार्य होने के कारण सरकार द्वारा डेकोरेशन को आवश्यक श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।
2. इवेन्ट मैनेजमेंट चुनौती से निजात पाने के लिए डेकोरेटर्स एसोसिएशन को एकमत होकर ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है।
3. लोगों को यह ख्याल रखना चाहिए कि कई लोग उनके सम्मान में रात दिन एक कर काम करते है। पूंजी लगाते है। तब एक कार्यक्रम सफल होता है।
4. इस व्यवसाय में आने वाले नये युवाओं को रेट को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा। अभी इस व्यवसाय को बचाया जा सकता है।
5. मंडप वालों को हमारे व्यवसाय से जुड़े लोगों के बारे भी विचार करना चाहिए। सरकार को भी चाहिए कि टैक्स में रियायत दे।
शिकायतें
1. टेंट हाउस का कार्य सेम डे से जुड़ा है, इस बीच बंदी आदि होने पर समस्या बढ़ जाती है। बात समाज, संगठन व लोगों की प्रतिष्ठा पर आ जाती है।
2. इवेन्ट मैनेजमेंट का नया दौर शुरू हुआ है। जो हमारे लिए चुनौती बनते जा रहा है। काम हम करते है और प्रोफिट कोई और कमाता है।
3. काम करा कर लोग तरह-तरह का नुक्स ढूंढ़ते है। यह सब पेमेंट रकम नहीं देने या कम करने व परेशान करने के लिए बहाना बनाते है।
4. महंगाई के साथ प्रतिस्पर्धा ने बाजार का रेट खराब कर दिया है। काम उठाने के चक्कर में नये डेकोरेट ऐसा कर रहे है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
5. विवाह मंडप वालों ने अब हमारे काम के आधे से अधिक सामग्री रखना आरंभ कर दिया है। इससे बाजार में काम की कमी हो गई है।
डेकोरेशन का कार्य व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक व धार्मिक सभी स्तर के आयोजनों से जुड़ा है। बेझिझक समय पर काम पूरा कर सके, इसके लिए सरकार इस व्यवसाय को आवश्यक श्रेणी में शामिल करे। एसोसिएशन बनने से यह लाभ हुआ है कि अब लोग पेमेंट नहीं रोक पाते है। सस्ते दरों पर लोन उपलब्ध हो तो बेहतर होगा। - रंजीत कुमार, अध्यक्ष, बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन
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