समान काम के बदले समान वेतन की मांग
चाईबासा में एसीसी अडानी प्रबंधन और झारखंड जेनरल कामगार यूनियन के बीच वार्ता हुई। यूनियन ने समान काम समान वेतन की मांग की। कंपनी ने एक महीने का समय मांगा। जॉन मिरन मुंडा ने स्थानीय युवाओं को काम देने...

चाईबासा। एसीसी अडानी प्रबंधन झींकपानी और झारखंड जेनरल कामगार यूनियन झींकपानी के साथ द्विपक्षीय वार्ता बुधवार को हुई। यूनियन की ओर से झींकपानी जिला परिषद सदस्य सह झारखंड जेनरल कामगार यूनियन अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा और अन्य मौजूद थे। यह वार्ता लोडिंग अनलोडिंग मजदूरों के समान काम समान वेतन का मांग को लेकर हुई। यह मामला सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय चाईबासा के समाने पिछले कई महीनो से चलते हुए आ रहा है। इस बीच एसीसी प्रबंधन ने सहायक श्रम आयुक्त से यूनियन के द्विपक्षीय वार्ता कर मामला को निपटारा करने का मांग की गई थी। वार्ता में यूनियन के अध्यक्ष जॉन मेरा मुंडा ने मजदूरों के हित पर मांगों को पूरा करने का मांग को दोबारा रखा।
कंपनी प्रबंधन ने कहा कि इसके लिए हेड ऑफिस अहमदाबाद में वार्ता चल रही है। कंपनी ने मांग किया कि एक महीना का और समय दिया जाए। जिस पर जॉन मिरन मुंडा ने बातों को स्वीकार किया। इसके अलावा जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि क्षेत्र में पलायन एक गंभीर मामला बन चुका है। कंपनी प्रबंधन स्थानीय आदिवासी युवाओं को काम देने का प्राथमिकता रखें और कृषि क्षेत्र को विकास कर किसानों के लिए नदी नाला का पानी को चेक डैम बांधकर लिफ्ट इरीगेशन का माध्यम से खेतों तक पहुंचाने का काम किया जाए। जब लोग सालों पर खेती करेंगे तो पलायन अपने आप रुकेगा और क्षेत्र में विकास दिखाई देगा। जॉन मिरन मुंडा ने यह भी कहा कि कंपनी प्रबंधन को शिक्षा और खेल कूद पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि इसके द्वारा भी वर्तमान में भटकते बच्चों को सही दिशा में लाया जा सके। जिस पर प्रबंधन ने विचार करते हुए इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। जॉन मिरन मुंडा ने वार्ता को सकारात्मक पहला मानते हुए इस क्षेत्र में भविष्य में कंपनी द्वारा पलायन को रोकने और विकास कार्य देखने को मिलने का उम्मीद किया जा सकता है।
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