Data entry operator grabbed 200 acre land by tampering nic portal in jharkhand NIC पोर्टल में छेड़छाड़ कर हड़प ली 200 एकड़ जमीन, डाटा इंट्री ऑपरेटर ने कैसे किया इतना बड़ा खेल, Jharkhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsझारखंड न्यूज़Data entry operator grabbed 200 acre land by tampering nic portal in jharkhand

NIC पोर्टल में छेड़छाड़ कर हड़प ली 200 एकड़ जमीन, डाटा इंट्री ऑपरेटर ने कैसे किया इतना बड़ा खेल

  • झारखंड के रांची में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। यहां एक डाटा एंट्री ऑपरेटर ने एनआईसी पोर्टल से छेड़छाड़ करके 200 एकड़ जमीन का घोटाला कर डाला।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीSun, 13 April 2025 07:14 AM
share Share
Follow Us on
NIC पोर्टल में छेड़छाड़ कर हड़प ली 200 एकड़ जमीन, डाटा इंट्री ऑपरेटर ने कैसे किया इतना बड़ा खेल

रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन भू-माफियाओं ने एनआईसी कर्मियों के साथ मिलीभगत से पोर्टल में छेड़छाड़ कर हड़प ली। रांची में कांके के अलावा शहर के अन्य रिहायशी इलाकों में ऑनलाइन फर्जीवाड़ा कर जमीन माफियाओं को मदद पहुंचायी गई। सिर्फ कांके इलाके में ही 200 एकड़ जमीन में फर्जीवाड़ा की जांच की जा रही है। अधिकांश भुंईहरी, आदिवासी जमीन की प्रकृति बदलकर बेचे जाने की पुष्टि प्रारंभिक जांच में हुई है। जांच का दायरा बढ़ाया जाए तो राज्यभर में कई जमीनों में हेराफेरी सामने आ सकती है।

रांची पुलिस और सीआईडी की एसआईटी रांची जिले में एनआईसी में कार्यरत अभिजीत, साइंटिफ असिस्टेंट मुनींद्र प्रकाश समेत अन्य की भूमिका पर गहराई से जांच कर रही है। कांके से जेल भेजे गए डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रवीण जायसवाल ने भी एनआईसी की भूमिका से पर्दा उठाया है। प्रवीण ने पुलिस को जानकारी दी है कि चामा मौजा में कई एकड़ जमीन की प्रकृति शम्सुद्दीन, राहुल राज, मुनींद्र की मिलीभगत से बदलवाई गई। पैसे लेकर एनआईसी कर्मी मेन सर्वर में आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी व गैर मजरुआ जमीन को गैर सरकारी जमीन बना देते थे। एनआईसी कर्मियों के द्वारा अंचल के सीआई, कर्मचारी, सीओ के कॉल लॉग को कॉपी पेस्ट कर व मैनुपुलेट कर बिना डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कर प्रकृति बदल दी जाती थी।

कैसे अंचल को लगाते थे चूना

पुलिस को जानकारी मिली है कि एनआईसी के द्वारा नेचर बदलने का नोटिफिकेशन अंचल के झारभूमि वेबसाइट पर आता था। जिसे बिना बताए अंचल के डाटा ऑपरेटर समेत अन्य की मिलीभगत से अप्रूव कर दिया जाता था। वहीं कई बार अंचल को एनआईसी के द्वारा डाटा हैक की गलत सूचना भी दी जाती थी। पुलिस को जानकारी मिली है कि अंचलों में झारभूमि पोर्टल पर सस्पीसियस रजिस्टर-2 की सारी प्रविष्टि को ऑनलाइन प्रविष्टि के माध्यम से एनआईसी कर्मियों द्वारा जेनरेट किया गया था।

पुलिस को अंदेशा है कि रांची के अलावा राज्यभर में जमीन हड़पने के लिए एनआईसी पोर्टल में ऑनलाइन प्रविष्टि बदली गई होगी। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआईडी व रांची पुलिस के अधिकारियों के साथ एनआईसी पोर्टल में छेड़छाड़ कर जमीन हड़पने के मामलों के त्वरित अनुसंधान का आदेश दिया है। जिसके बाद पुलिस पूर्व में दर्ज सभी कांडों का पुनर्नुसंधान करेगी। पुलिस अब छेड़छाड़ से संबंधित तकनीकी साक्ष्य जुटा रही है।