Dhanbad s Artists Struggle to Keep Theater Alive Amidst Neglect बोले धनबाद: रंगकर्मियों को मिले स्कॉलरशिप नाट्य मंचन को बने ऑडिटोरियम, Dhanbad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsDhanbad NewsDhanbad s Artists Struggle to Keep Theater Alive Amidst Neglect

बोले धनबाद: रंगकर्मियों को मिले स्कॉलरशिप नाट्य मंचन को बने ऑडिटोरियम

धनबाद जिले में कई कलाकार हैं जो संगीत, नृत्य और नाट्य में विशेषज्ञता रखते हैं। हालांकि, नाट्य मंचन में कमी आई है और कलाकारों को प्रशासनिक सहायता की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कलाकारों ने अपनी मेहनत...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादFri, 4 April 2025 02:56 AM
share Share
Follow Us on
बोले धनबाद: रंगकर्मियों को मिले स्कॉलरशिप नाट्य मंचन को बने ऑडिटोरियम

धनबाद जिले में हर क्षेत्र के कलाकार हैं। संगीत, नृत्य, शास्त्रीय संगीत, वाद्य यंत्रों से जुड़े कलाकारों की भी कमी नहीं है। नाट्य (रंगमंच) से जुड़े भी कलाकार धनबाद में है। कई कलाकारों ने तो देश भर में नाम कमाया है। नाट्य से जुड़े कलाकारों ने फिल्मों में भी भूमिका निभाई है। रंगमंच धनबाद के लोगों में स्वभाविक रूप से रचा बसा है। स्थानीय स्तर पर पूर्व में बड़ी संख्या में नाट्य मंचन भी होता था। हाल के दिनों में इसकी संख्या कम हो गई है। नाट्य मंचन को स्थानीय स्तर पर जरूरी प्रोत्साहन भी नहीं मिल रहा है। इसके बाद भी यहां इस कला को जीवित रखने में कलाकार जुटे हैं। कठिन परिस्थितियों में भी नाट्य मंचन परम्परा को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।

नाटक हमारा जुनून है। हमारे लिए इसके बिना जीवन अधूरी सा है। विपरीत तथा कठिन परिस्थितियों में भी नाट्य मंचन जारी है। कभी-कभी निराशा हावी होने लगती है लेकिन यह थोड़े समय के लिए ही रहती है। निराशा के बीच ही हम आशा की किरण तलाश लेते हैं। कलाकार होते ही ऐसे हैं। कहते हैं न, कला तो साधना है। हम भी साधना में जुटे हैं। अगर हमें थोड़ा सा प्रशासनिक सहयोग मिले। आर्थिक रूप से मदद की जाए तो धनबाद के कलाकार देश भर में नाम रोशन करने को तैयार है। उक्त बातें रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने हिन्दुस्तान अखबार से कही। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की बोले धनबाद की टीम कलाकारों से मिलने गई थी। धनबाद के भूली स्थित कला निकेतन में रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने अपनी बातें खुलकर रखीं। कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित नाटककार वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा ने कहा कि धनबाद शहर में प्रतभाओं की भरमार है। कलाकारों को तराशते भी है। थिएटर की विधा का प्रशिक्षण भी उन्हें देते हैं व भी बगैर किसी शुल्क के। यही कारण है कि यहां के कई कलाकारों को एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में भी स्थान मिला है। मायानगर मुंबई में धनबाद के कलाकारों ने नाम कमाया है। राज्य व देश स्तर पर भी नाटकों का मंचन का यहां के कलाकारों ने सुर्खियां बटोरी है। धनबाद के मुक्ति रविदा तथा शैव्या सहाय ने एनएसडी में प्रवेश पाया। रविरंजन, सबीन परवीन को क्रमशः भोपाल तथा सिक्किम नाट्य विद्यालय में प्रवेश मिला। धनबाद के कलाकार अशोक माजी तारकनाथ का उल्टा चश्मा में अभियन का मौका मिला। कई अन्य कलाकार भी अपनी प्रतिभा के बल पर मुकाम हासिल किया। इसके बाद भी धनबाद में कलाकारों की उपेक्षा हो रही है। प्रशासन उनकी सुविधाओं पर ध्यान नहीं देता। सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी पूरी तरह से सहयोग नहीं किया जाता है। अभिनय करने वालों को आर्थिक रूप से संबल बनाने के लिए प्रशासन की कोई दीर्घकालीन योजना नहीं है। रंगकर्मियों ने कहा कि जिला प्रशासन कलाकारों के लिए भत्ता निर्धारित करें। अधिकतर रंगकर्मी बेरोजगार होते हैं। भत्ता देने से कलाकारों की आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा। रंगकर्मियों ने बताया कि जिला स्तर पर कई ऐसे अवसर आते हैं जिसमें नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा सकता है। इसमें 26 जनवरी, 15 अगस्त, दो अक्तूबर, जिला स्थापना दिवस, मैथन महोत्सव सहित अन्य महोत्सव शामिल हैं।

सुझाव

1. कलाकारों को आर्थिक सहायता की प्रशासन करें व्यवस्था

2. रेलवे में पूर्व की तरह पास की सुविधा बहाल की जाए

3. धनबाद में बनाया जाए एक साउंड प्रूफ ऑडिटोरियम

4. प्रशासन की ओर से हर सप्ताह में दो दिन नाट्य के आधार चलाया जाए जागरुकता अभियान

5. कलाकारों के लिए पूर्वाभ्यास की हो व्यवस्था

शिकायतें

1. दर्शकों को पहले की तरह नहीं मिलता रिस्पॉंस

2. नाट्य मंचन के लिए कलाकारों को नहीं मिलता अवसर

3. प्रशासन की ओर से जागरुकता के लिए होने वाले कार्यक्रम स्थानीय कलाकारों नहीं दिया जाता

4. नाट्य कला के लिए धनबाद में नहीं है कोई लाइब्रेरी

5. प्रशासन तथा सरकार की ओर से नहीं दी जाता है स्कॉलरशिप

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।