10 वर्ष से पहले 10वीं बोर्ड व 16 वर्ष में पूरी की बीटेक की पढ़ाई
धनबाद के लोयाबाद का छात्र राहत कपूर राघव ने 17 वर्ष की उम्र में बीआईटी सिंदरी में एमटेक में नामांकन लिया है। उन्होंने 10वीं की परीक्षा मात्र 9 साल 7 महीने की उम्र में पास की थी। राघव ने छात्रों को...

धनबाद, मुख्य संवाददाता धनबाद के लोयाबाद का छात्र राहत कपूर राघव ने 17 वर्ष की उम्र में बीआईटी सिंदरी में एमटेक में नामांकन लिया है। 10 वर्ष पूरा होने के पहले (9 साल सात महीना) 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास करनेवाले राघव वर्ष 2026 में एमटेक हीटपावर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करेंगे। गुरुवार को राहत कपूर राघव दिल्ली पब्लिक स्कूल धनबाद पहुंचे। प्राचार्य डॉ सरिता सिन्हा से भेंट की। 10वीं, 11वीं व 12वीं कक्षा के बच्चों को संबोधित करते हुए प्रोत्साहित किया। सफलता प्राप्त करने में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण वर्ष 2007 में जन्मे राघव ने स्कूली छात्रों से कहा कि सफलता उम्र से नहीं बल्कि दृढ़ संकल्प, दूरदर्शिता और निरंतर प्रयास से परिभाषित होती है।
विद्यार्थियों को अपने सपनों पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन सुनिश्चित करता है कि आप काम पर आएं और काम करें, भले ही वह कठिन हो। अनुशासन मानसिक लचीलापन बनाता है। समय प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। शौक और जुनून दोनों ही कल आपका कॅरियर बना सकता है। हमें ध्यान केंद्रित रखने और लगातार काम करने की ज़रूरत है। 16 वर्ष की उम्र में बीआईटी से बीटेक राघव ने बताया कि उनका जन्म तीन अक्तूबर 2007 को हुआ था। साढ़े आठ वर्ष की उम्र में सीबीएसई से अनुमति लेकर 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन समेत अन्य प्रक्रिया पूरी की। 2017 में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी हुआ। 10वीं की पढ़ाई जयपुर के कपिल ज्ञान पीठ व वर्ष 2019 में 12वीं बोर्ड की पढ़ाई बक्सर के फाउंडेशन स्कूल से की। उसके बाद कोरोना व एनटीए से परीक्षा की अनुमति मिलने में परेशानी के कारण वर्ष 2020 में बीआईटी सिंदरी में बीटेक में नामांकन लिया। 16 साल की उम्र में वर्ष 2024 में बीटेक मैकेनिकल करने के बाद एमटेक में नामांकन लिया। आगे के बारे में अब तक नहीं सोचा राघव ने कहा कि अभी आगे के बारे में नहीं सोचे हैं। एमटेक के बाद आगे के बारे में विचार करेंगे। पिता का नाम रणधीर कपूर राणू व मां अनुषा कपूर राणू हैं। राघव पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए कुछ बच्चों को ट्यूशन भी देते हैं। प्राचार्य डॉ सरिता सिन्हा ने स्कूल के 10वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को राघव से सीख लेने को कहा। उन्होंने कहा कि राघव ने कम उम्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। परिवार को बधाई।
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