मनरेगा कर्मियों के मानदेय और मजदूरी भुगतान को लेकर कुणाल षडंगी ने की आयुक्त से मुलाकात, 7 दिनों में समाधान का आश्वासन
बहरागोड़ा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता कुणाल षडंगी ने मनरेगा आयुक्त से मुलाकात की। उन्होंने लंबित मानदेय, स्वास्थ्य बीमा और मजदूरी के भुगतान पर चर्चा की। आयुक्त ने बताया कि केंद्र से 693 करोड़...
बहरागोड़ा।झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षडंगी ने गुरुवार को मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय बर्नवाल से मुलाकात कर राज्यभर के मनरेगा कर्मियों के लंबित मानदेय, उनके स्वास्थ्य बीमा ,ईपीएफ की स्थिति और कई प्रखंडो मे मनरेगा मज़दूरों की बकाया मजदूरी राशि के भुगतान पर चर्चा की। मनरेगा आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 591 करोड़ रुपये की मांग केंद्र को भेजी गई थी जिसके विरुद्ध 693 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। जिससे मजदूरों को लंबे समय से लंबित मजदूरी राशि मिल सकेगी। पूर्वी सिंहभूम जिल के गुडाबांधा और चाकुलिया प्रखंडों के मनरेगा कर्मियों को पिछले 7 महीनों से मानदेय नहीं मिला है।
इस मुद्दे पर मनरेगा आयुक्त ने बताया कि इन प्रखंडों समेत राज्य के सभी प्रखंडो के मनरेगा कर्मियों के बकाया मानदेय का भुगतान अगले 6-7 दिनों में कर दिया जाएगा। केंद्र से राशि प्राप्त हो चुकी है। सभी मनरेगा कर्मियों का ईपीएफ एकाउंट भी युद्ध स्तर पर खुलवाया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य बीमा और टर्म ईंस्यूरेंस के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है। इसके अलावा मनरेगा आयुक्त ने बताया कि टाइम मोशन स्टडी जो देश के केवल 7 राज्यों में लागू थी अब झारखंड में भी लागू हुई है। इसके कारण मज़दूरों के मेन डेज के आकलन का आधार अब 73 सीएफटी की जगह 50 सीएफटी होगा इससे 1,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई है जो ग्रामीण विकास विभाग की प्रशासनिक क्षमता और जवाबदेही को दर्शाता है। कुणाल षडंगी ने इस पहल के लिए ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय का आभार जताया।
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