PESA Law and Indigenous Culture Discussed at Traditional Gathering in Gumla नकली आदिवासी पेसा कानून के खिलाफ कानूनी अड़चनें पैदा कर रहे हैं:निशा उरांव, Ghumla Hindi News - Hindustan
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नकली आदिवासी पेसा कानून के खिलाफ कानूनी अड़चनें पैदा कर रहे हैं:निशा उरांव

गुमला में आदिवासी समाज के पड़हा डोकलो का हुआ जुटान गुमला में आदिवासी समाज के पड़हा डोकलो का हुआ जुटान गुमला में आदिवासी समाज के पड़हा डोकलो का हुआ ज

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाMon, 26 May 2025 01:21 AM
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नकली आदिवासी पेसा कानून के खिलाफ कानूनी अड़चनें पैदा कर रहे हैं:निशा उरांव

गुमला, प्रतिनिधि । मूली पड़हा गुमला के तत्वावधान में रविवार को पेसा कानून,पारंपरिक शासन व्यवस्था,स्वास्थ्य और सामाजिक संरचना को लेकर रविवार को टैंसेरा स्कूल बगीचा में पड़हा डोकलो जुटान का आयोजन किया गया। इस पारंपरिक कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के प्रतिनिधि, महिला-पुरुष और पंचायत स्तरीय पदाधिकारी शामिल हुए।कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार ढोल, नगाड़ा और मांदर की थाप पर पारंपरिक गीत-नृत्य के साथ की गई। बतौर मुख्य अतिथि पूर्व पंचायती राज सचिव निशा उरांव सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि निशा उरांव ने कहा कि आदिवासियों की पूजा-पद्धति, गीत-संगीत, नेग-चार और रुढ़िवादी परंपराएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं।

इन्हें लिखित रूप में लाकर संरक्षित करना आज की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नकली आदिवासी तत्व पेसा कानून के खिलाफ कानूनी अड़चनें पैदा कर रहे हैं। जिससे इसका क्रियान्वयन राज्य में रुक रहा है। इससे पूर्व मूली पड़हा के देवान चुंइया कुजूर ने कहा कि पड़हा प्रणाली 12 जाति और 36 कौम को एकजुट करती है ,और पारंपरिक प्रशासन को सुचारु रूप से संचालित करती है। उन्होंने कहा कि इस तंत्र को सशक्त बनाना समाज की एकता के लिए जरूरी है। कोटवार देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि पेसा कानून ही आदिवासियों के जल,जंगल, जमीन और भाषा-संस्कृति की रक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी योजना के लिए ग्रामसभा से अनुमति लेना अनिवार्य होना चाहिए।डोकलो शोहर की कलावती खड़िया ने ऐलान किया कि अब पेसा को लागू कराने के लिए पारंपरिक उलगुलान होगा। मूली पड़हा बेल देवराम भगत ने भी अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम का संचालन संयोजक महेन्द्र उरांव ने किया। मौके पर राजबेल उरांव, फौदा उरांव, जितेश्वर उरांव, शशिकांत बेक, सोमेश्वर टाना भगत, सुदर्शन भगत, नूतन उरांव, जांजी खड़िया समेत बड़ी संख्या में मूली पड़हा से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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