फॉरवर्ड ब्लॉक ने पिंकू के आश्रितों के लिए मांगा न्याय और मुआवजा
गिरिडीह में पूर्व जिप सदस्य राजेश यादव ने पिंकू उर्फ संजय दास के परिवार से मिलने के बाद डीसी को ज्ञापन दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा, रोजगार और बच्चों की शिक्षा की मांग की। पिंकू दास की पत्नी...

गिरिडीह, प्रतिनिधि। नवाटांड़ (टुंडी) जाकर पिंकू उर्फ संजय दास के परिजनों से मुलाकात कर लौटने के बाद शुक्रवार को पूर्व जिप सदस्य सह फॉरवर्ड ब्लॉक नेता राजेश यादव ने गिरिडीह डीसी को एक ज्ञापन देकर पीड़ित परिवार के आश्रितों को मुआवजा तथा न्याय दिलाने सहित आठ मांग की है। इस बाबत यादव ने बताया कि पिंकू दास अपने परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य था, जिसके बाद परिवार के समक्ष अब खाने तक के लाले पड़ जाएंगे, ऐसी आशंका है। परिवार के पास पक्का मकान तक नहीं है। एक अबुआ आवास स्वीकृत हुआ था, जिसमें मात्र एक किस्त भुगतान के कारण शुरुआती काम ही हो पाया है।
यही नहीं मृतक की पत्नी एक आंख से विकलांग है तथा उसके 4 बच्चे हैं, जिसमें सबसे छोटा प्रदीप कुमार पैर टूटने के कारण इलाजरत है। ठीक से इलाज के अभाव में वह स्वयं से चल-फिर भी नहीं सकता, इसलिए स्कूल नहीं जाता है। पैसे के अभाव में अब उसका इलाज भी बाधित हो जाएगा। बाकी 3 बच्चे भी कैसे पढ़ेंगे और परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा यह भी बड़ा सवाल है। कहा कि चूंकि मृतक धनबाद जिले का रहनेवाला था, इसलिए धनबाद जिला प्रशासन को भी अवगत कराते हुए निम्नलिखित मांगों को पूरा किया जाये। आश्रित परिवार के सभी पढ़ने योग्य बच्चों के लिए सक्षम आवासीय विद्यालय में नामांकन कर पढ़ाई की व्यवस्था करवाई जाये। उसके छोटे लड़के प्रदीप कुमार तथा बीमार बुजुर्ग पिता जागेश्वर दास के लिए सरकारी खर्च पर इलाज की व्यवस्था करवाई जाये। उसके परिवार के लिए अधूरे अबुआ आवास को, शेष राशि का भुगतान कर किसी सक्षम अधिकारी की देखरेख में पूरा करवाया जाये। मृतक की विधवा को स्थानीय स्तर पर ही उसकी क्षमता के अनुसार किसी सरकारी कार्य में रोजगार की व्यवस्था की जाये। पीड़ित परिवार के भरण-पोषण के लिए तत्काल कुछ माह तक अतिरिक्त पोषाहार उपलब्ध करवाया जाये। घटना को लेकर परिवार काफी व्यथित है तथा आम लोगों में भी काफी आक्रोश है। इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करवाई जाये। चूंकि घटना से संबंधित मामला दर्ज हो चुका है, इसलिए नियमतः आश्रितों को संबंधित विभाग से पर्याप्त मुआवजे की राशि प्रदान करना सुनिश्चित किया जाये। जानकारी है कि मृतक का परिवार भूमिहीन की श्रेणी में आता है, इसलिए उन्हें जीने खाने लायक जमीन उपलब्ध कराई जाये। ज्ञापन सौंपने के बाद यादव ने फिर दोहराया कि अगर न्याय नहीं मिला तो वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा मानवाधिकार आयोग को भी लिखेंगे।
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