ग्रामीणों ने लगाया जनोपयोगी आहर पर कब्जा करने का आरोप,डीसी को दिया ज्ञापन
लातेहार के केड़ू गांव के ग्रामीणों ने डीसी उत्कर्ष गुप्ता को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने हेरंगलोइया आहर पर रामलगन मंझू द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि गैर...

लातेहार संवाददाता। हेरहंज प्रखंड के केड़ू गांव के ग्रामीण शुक्रवार को समाहरणालय पहुंचकर डीसी उत्कर्ष गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि हेरहंज प्रखंड के मौजा केड़ू (थाना संख्या 122) का एक भूखंड,जिसका पुराना खाता संख्या 50, पुराना प्लॉट संख्या 470 व 476 और नया खाता संख्या 73, नया प्लॉट संख्या 755 रकबा एक एकड़ 66 डिसमिल है. वर्ष 1913-14 से ही पूर्व सर्वे में इस भूखंड की प्रकृति गैर मजरूआ मालिक का है। यह भूखंड हेरंगलोइया बड़ा आहर का पानी वाला क्षेत्र रहा है। अभी भी इसमें दस फीट पानी है। ग्रामीण उक्त आहर से सालों भर पटवन कर खेती का कार्य करते हैं।
वहीं ग्रामीणों के मवेशियों को साल भर उसी आहर का पानी मिलता हैं। यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए लिए एक चबूतरा का निर्माण कराया गया है और अधिकारी स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर यहां आ कर तिरंगा फहराते हैं। ग्रामीण इस आहर में मछली पालन भी करते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अंचल कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से रिविजनल सर्वे के खतियान व रसीद के आधार पर स्व़ शंकर गंझू का पुत्र रामलगन मंझू अपने लोगों के बल पर हेरंगलोइया आहर में बल पूर्वक व गैरकानूनी ढंग से कब्जा व अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहा है। ग्रामीणों को उक्त आहर का इस्तेमाल नहीं करने दे रहा है। इससे गांव में तनाव का माहौल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि रामलगन गंझू के पास उक्त भूमि का कोई दस्तावेज नहीं है। ग्रामीणों ने इसकी जांच कराने एवं रिविजिनल सर्वे खतियान व रसीद को निरस्त करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में मुखिया फुलदेव उरांव, कोशिला देवी, कलावती देवी, लालमुनी देवी, जिलानी देवी, ललिता देवी, महेंद्र गंझू, धीरज गंझू, प्रमेश्वर गंझू, फगुनी देवी, ऐतवा गंझू, धनपत गंझू, भोला गंझू, संतोष पाहन, हरिहर गंझू व बाधा राम समेंत कई ग्रामीण शामिल है।
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