अपहृत प्रवासी मजदूर के परिजनों ने सरकार को जगाने के लिए बजाई थाली
नाइजर में अपहृत बगोदर के प्रवासी मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर उनके परिजनों ने सरकार को जगाने के लिए थाली बजाई। अपहृत मजदूरों की वापसी की कोई जानकारी नहीं मिलने पर परिवारों की चिंता बढ़ गई है।...

बगोदर, प्रतिनिधि। नाइजर में अपहृत बगोदर के प्रवासी मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर उनके परिजनों ने सरकार को जगाने के लिए थाली बजाई है। मजदूरों की रिहाई और वापसी नहीं होने पर विरोध स्वरूप थाली बजाई गई है। थाली बजाने में उन परिवारों का साथ स्थानीय महिलाओं ने भी दिया है। नाइजर में अपहृत मुंडरो के प्रवासी मजदूर उतम महतो के परिजनों के द्वारा गुरुवार देर शाम में गांव में थाली बजाई गई। पीड़ित परिजनों का कहना है कि सरकार सोयी हुई है। यही वजह है कि अपहरण के एक महीने हो गए और मजदूरों का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है।
परिजनों और आसपास की महिलाओं ने थाली बजाकर सरकार को जगाने का काम किया है। परिजनों का कहना है कि अपहृत पांचों मजदूर कहां और किस हाल में हैं इसकी जानकारी न तो सरकार की ओर से और न ही संबंधित कंपनी के द्वारा परिजनों को दी गई है। परिजनों ने थाली बजाकर अपहृत मजदूरों का सुराग और सकुशल वापसी की मांग सरकार से की है। बता दें कि बगोदर प्रखंड के 5 प्रवासी मजदूरों का अपहरण 25 अप्रैल को नाइजर में कर लिया गया था। बताया जाता है कि काम के दौरान ही कैंप में सशस्त्र अपराधियों ने धावा बोल दिया था और सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और 5 मजदूरों का अपहरण कर लिया था । अपह्वत मजदूरों में मुंडरो के उत्तम महतो, दोंदलो के चंद्रिका महतो, फलजीत महतो, संजय महतो एवं राजू महतो शामिल है। घटना के एक महीने हो गए हैं मगर अबतक अपहृत मजदूरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इससे परिजनों की चिंता दिनों - दिन बढ़ती जा रही है। परिजनों का कहना है कि अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है। परिजनों का कहना है कि अब आश्वासन नहीं चाहिए, अपहृत मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी चाहिए। थाली बजाओ कार्यक्रम के तहत नाइजर में फंसे मजदूर- सरकारें चुप क्यों, थाली बजाई, अब सरकार को जगाना है, मोदी- हेमंत जवाब दो, मजदूरों को रिहाई कराओ, अपहृत मजदूरों के भरण-पोषण की गारंटी करो आदि नारे लगाए जा रहे थे। कार्यक्रम में अपह्वत मजदूर उतम महतो की पत्नी जुगली देवी, यशोदा देवी, सुमन देवी, रोहिणी देवी, देवंती देवी, बंधनी देवी, सुनीता देवी, चिंता देवी, रीता देवी, यशोदा देवी, बलिया देवी आदि शामिल थीं। बता दें कि मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी की मांग को लेकर तीन दिन पूर्व 20 मई को भाकपा माले के द्वारा बगोदर में एक मार्च निकाला गया था। जिसमें अपहृत मजदूरों के परिजन भी शामिल थे। कार्यक्रम के माध्यम से भाकपा माले ने अपहृत मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी की मांग की थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।