रहस्यमयी जलधारा की अजब कहानी, ठंड में गर्म और गर्मी में निकलता है ठंडा पानी
है गरम पानी बगोदर के करंबा गांव में स्थित है रहस्यमयी जलधारा जलधारा से सालोंभर और 24 घंटे निकलता है समान मात्रा में पानी धर्मेन्द्र पाठक बगोदर। भी

धर्मेन्द्र पाठक, बगोदर। भीषण गर्मी में बड़ी - बड़ी नदियां और तालाब सूख जाते हैं। डैम का जलस्तर भी घट जाता है लेकिन बगोदर में एक ऐसी जलधारा है जो कभी नहीं सूखती है। उक्त जलधारा से सालोंभर पानी निकलता रहता है। यही वजह है कि आज तक यह जलधारा रहस्यमयी बना हुई है। जलधारा में पानी कहां से आता है इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं है। हां, इतना जरुर है कि जलधारा के ऊपरी हिस्सा में थोड़ी सी जगह में पानी का जमाव रहता है और वही पानी जलधारा के रूप में निकलता है। जलधारा से जितना पानी हमेशा निकलता है उसे देखकर आपको लगेगा कि उसके ऊपरी हिस्सा में जमा पानी आधा घंटा में खत्म हो जाएगा।
मगर हकीकत तो यह है कि जलधारा से 24 घंटे पानी गिरता रहता है मगर ऊपरी हिस्सा में जमा पानी जरा सा कम भी नहीं होता है। ऐसे में इसे रहस्यमयी जलधारा कहना गलत नहीं होगा। इस रहस्यमयी जलधारा का पानी बगल से गुजरी हरदली नदी में मिल जाता है। जलधारा में नहाने और कपड़ा धोने के लिए यहां स्थानीय लोगों की भीड़ लगी रहती है। जानें कहां है रहस्यमयी जलधारा : जिस रहस्यमयी जलधारा की बात की जा रही है यह जलधारा बगोदर प्रखंड क्षेत्र में स्थित है। प्रखंड के देवराडीह पंचायत के करंबा में यह जलधारा स्थित है। बगोदर- सरिया रोड में स्थित है करंबा गांव। और, करंबा मोड़ से दो- ढाई किमी पूरब दिशा में स्थित है करंबा गांव। गांव के अंतिम छोर में स्थित इस जलधारा से 24 घंटे एक समान पानी गिरता रहता है। इसलिए इसे बरमसिया झरना का नाम दिया गया है। बरमसिया यानी 12 महीने संचालित रहनेवाला। मौसम के अनुसार निकलता है जलधारा से पानी : इस जलधारा से मौसम के अनुसार पानी निकलता है। स्थानीय निवासी सह मुखिया प्रतिनिधि पूरन कुमार महतो बताते हैं कि इस जलधारा से गर्मी के दिनों में ठंडा और ठंडा के दिनों में गरम पानी निकलता है। जलधारा की इसी विशेषता के कारण यहां जाड़े की कंपकंपाती ठंड और गर्मी के उमस में भी यहां नहाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। जलधारा को सरकारी स्तर पर संवारने की भी कोशिश की गई है। सरकारी स्तर पर विकास का कार्य कर इसे उपयोगी बनाया गया है। इससे लोगों को यहां नहाने सहित अन्य कार्यों में सहूलियत होती है। बहुत पुरानी है यह जलधारा : बरमसिया जलधारा बहुत पुरानी है। इस जलधारा की शुरुआत कब हुई इस बात की जानकारी किन्हीं को नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि वे शुरू से जलधारा को देखते आ रहे हैं। जलधारा से पानी कहां से निकलता है इस बात से लोग अब तक अनजान हैं। हालांकि पानी निकलने के स्थान को चिन्हित किया गया मगर पानी कहां से आता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस जलधारा का पानी भी बिल्कुल स्वच्छ रहता है। बरसात के दिनों में जलधारा से पानी अधिक निकलता है। जलधारा के पानी से ठीक होता है चर्म रोग : ऐसी मान्यता है कि इस जलधारा के पानी से नहाने से चर्म रोग ठीक होता है। यही कारण है कि दूर- दराज से भी लोग यहां पहुंचते हैं और नहाते हैं। इसके साथ ही वे बोतलों में भरकर जलधारा का पानी भी साथ ले जाते हैं। चर्म रोग ठीक होने के बाद सत्तू उड़ाए जाने का भी प्रचलन है। बरमसिया के इस जलधारा के पास भक्ति और पर्यटन का भी संगम है। जिसका लोग लुफ्त उठाते हैं। इस परिसर में भगवान भोले का मंदिर है तो नीचे नदी भी है। थोड़ी दूरी पर जंगल भी है। मुखिया प्रतिनिधि बताते हैं कि मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में यहां मेला भी लगता है।
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