चुन-चुनकर निकाले जाएंगे अवैध बांग्लादेशी, गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को भेजा लेटर; कब होगी शुरुआत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजे जाने के बाद अब भारत में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। झारखंड से सभी अवैध बांग्लादेशियों की पहचानकर वापस भेजा जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजे जाने के बाद अब भारत में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या (म्यांमार निवासियों) को डिपोर्ट करने के लिए प्रोसिजर बनाया है। इसके तहत सभी जिलों में अवैध तरीके से रह रहे ऐसे विदेशियों को रखने के लिए होल्डिंग सेंटर बनाए जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में राज्य सरकारों को 2 मई को पत्र भेजा है। झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को भी इस बाबत पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा है कि सभी राज्य सरकारें अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशी और म्यांमार निवासियों को चिह्नित करें। इसके बाद इन्हें होल्डिंग सेंटर में रखें। ऐसा करने के लिए जिलावार स्पेशल टास्क फोर्स बनाएं, ताकि इन्हें डिपोर्ट किया जा सके। होल्डिंग सेंटर में जांच-पड़ताल पूरी करने के बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और कोस्ट गार्ड्स को सौंपा जाएगा। इसके बाद संबंधित देश को उनके नागरिकों को सौंपा जाएगा। इस दिशा में कार्रवाई के लिए केंद्र का उक्त पत्र मुख्य सचिव के स्तर से पुलिस मुख्यालय और सभी जिलों को भेजा गया है।
भारतीय नागरिक होने संबंधी दावे की होगी पूरी जांच
मंत्रालय ने आदेश दिया है कि यदि संदिग्ध बांग्लादेश/म्यांमार नागरिक भारतीय नागरिकता का दावा करते हैं और वह किसी अन्य राज्य में रह रहा हो तो संबंधित राज्य सरकार, गृह सचिव औरे जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट को, जहां से संदिग्ध व्यक्ति आने का दावा करता है, नाम, माता-पिता, आवासीय पता, निकटतम रिश्तेदारों का विवरण आदि सहित विवरण भेजेगा। बदले में संबंधित राज्य सरकार के कलेक्टर/ जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि 30 दिनों की अवधि के भीतर उचित सत्यापन के बाद उपयुक्त रिपोर्ट निर्वासित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र को भेजी जाए। सभी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों के दावे का समय रहते सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों को उचित निर्देश जारी करेंगे। 30 दिनों की अवधि के दौरान, संदिग्ध व्यक्ति को निर्वासन/वापस भेजने के समय भौतिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए होल्डिंग सेंटर में रखा जाएगा।