20 वर्ष बाद भी हाथ खाली,टाटानगर से राजस्थान के लिए अब तक नहीं मिली नई ट्रेन
जमशेदपुर के सांसद ने रेलवे को सुझाव दिया था कि टाटानगर से जयपुर की ट्रेन नहीं चलने तक संतरागाछी-अजमेर साप्ताहिक ट्रेन को जयपुर ले जाया जाए। इससे दक्षिण पूर्व जोन ने बताया कि रेलवे बोर्ड में पत्र भेजा गया है,आदेश का इंतजार है।

टाटानगर-जयपुर ट्रेन की मांग टाटानगर के लोगों की वर्षों पुरानी है। टाटानगर से सीधे गुलाबी नगर की सीधी यात्रा की तमन्ना अब तक अधूरी है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में लोगों ने पहल नहीं की है,पर आश्वासन के सिवायअब तक उनकी झोली में कुछ भी नहीं आयाहै। छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन भी वर्षों से उठा रहा है, ताकि जमशेदपुर के लोगों को राजस्थान के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल घूमने के लिए सीधी ट्रेन की सुविधा मिल सके, लेकिन रेल मंत्रालय जमशेदपुर समेत कोल्हन के तीनों जिलों में रहने वाले चार लाख से ज्यादा राजस्थानी परिवार की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे जयपुर जाने वाले पुरुषोत्तम, नीलांचल, राजधानी, उत्कल, संपर्क क्रांति समेत अन्य ट्रेनों से दिल्ली समेत आसपास के स्टेशनों पर जाकर जयपुर की ट्रेन पकड़ते हैं। जयपुर के लिए एक ट्रेन से उतरकर दूसरी ट्रेन पर चढ़ने वाले लोग रेलवे की व्यवस्था को कोसते हैं।
अजमेर की ट्रेन को जयपुर ले जाने पर भी सांसद का जोर
जमशेदपुर के सांसद ने रेलवे को सुझाव दिया था कि टाटानगर से जयपुर की ट्रेन नहीं चलने तक संतरागाछी-अजमेर साप्ताहिक ट्रेन को जयपुर ले जाया जाए। इससे दक्षिण पूर्व जोन ने बताया कि रेलवे बोर्ड में पत्र भेजा गया है,आदेश का इंतजार है। संसद का दूसरा सुझाव था कि हावड़ा से जयपुर-जोधपुर जाने वाली दूसरे मार्ग की ट्रेनों को सप्ताह में दो या तीन दिन टाटानगर होकर चलाया जाए या फिर बंद हो गई शालीमार-जयपुर साप्ताहिक ट्रेन का परिचालन फिर से शुरू किया जाए। रेलवे ने प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
जमशेदपुर में दो दशक से उठ रही जयपुर ट्रेन की मांग
कोल्हान में रहने वाले राजस्थानी परिवार के अलावा जमशेदपुर के कई सांसदों ने भी जयपुर ट्रेन के मुद्दे को लोकसभा में उठाया। इस योजना का सर्वे हो चुका है,पर परिचालन शुरू करने के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। लोगों का मानना है कि टाटानगर से जयपुर की ट्रेन को उत्तर प्रदेश या फिर मध्य प्रदेश होकर चलाया जाए। रेलवे को लाखों लोगों की सुविधा पर तत्काल कोई निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि टाटानगर-जयपुर ट्रेन की मांग दो दशक पूर्व से उठ रही है। जयपुर की ट्रेन चलने से कोल्हान के यात्रियों को दूसरे स्टेशनों से ट्रेन बदलने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। दिल्ली जाने वाली ट्रेनों से राजस्थान के यात्रियों का बोझ कुछ काम होगा, जिसका लाभ अन्य मार्ग के यात्रियों को मिलेगा।
1. टाटानगर से जयपुर के लिए ट्रेन नहीं चलाकर रेलवे लाखों की आबादी की उपेक्षा कर रहा है।
2. जयपुर के लिए सीधी ट्रेन सेवा नहीं होने के कारण जयपुर के निवासियों की दिल्ली समेत स्टेशनों से यात्रा की लाचारी है।
3. रेलवे ध्यान नहीं दे रहा है,जबकि परिचालन में लाभ है।
4. रेलवे नई ट्रेन पर कभी गंभीर नहीं है, अन्यथा ट्रेन शुरू हो गई होती।
5. रांची से भी जमशेदपुर की तरह जयपुर ट्रेन की मांग उठ रही है, लेकिन रेलवे चैंबर और सामाजिक संगठन की अनदेखी कर रहा है।
1. जयपुर की ट्रेन से राजस्थान के निवासी ही नहीं, बल्कि कई राज्य के यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
2. नई ट्रेन का आदेश होने तक दूसरे मार्ग की ट्रेन को टाटानगर होकर चलाना चाहिए।
3. रेलवे को टिकट के अलावा पार्सल ढुलाई मद से लाखों का राजस्व मिल सकता है।
4. टाटानगर शालीमार जयपुर ट्रेन को 3 दिन चलाने से सहूलियत होगी
5. उदयपुर व अजमेर के लिए टाटानगर होकर चलने वाली साप्ताहिक ट्रेनों को भी जयपुर होकर चलाए जा सकता है।
हर दिन दो सौ यात्री करते हैं जयपुर तक का सफर
हिंदुस्तान की ओर से जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान के निवासियों के बीच पड़ताल करने से यह बात सामने आई कि रोज विभिन्न ट्रेनों से 200 से ज्यादा लोग जयपुर के लिए यात्रा करते हैं। जबकि टाटानगर होकर चलने वाली उदयपुर और अजमेर की साप्ताहिक ट्रेनों में भी टाटानगर से हर फेरे में तीन-चार सौ लोग राजस्थान स्थित विभिन्न स्टेशनों के लिए सवार होते हैं। जयपुर की ट्रेन चलने से हर महीने हजारों लोगों को आवागमन की नई सुविधा रेलवे उपलब्ध करा सकता है।
कई धार्मिक स्थलों तक जा सकेंगे लोग
कोल्हान में रहने वाले राजस्थान के निवासियों के अनुसार, टाटानगर-जयपुर ट्रेन लोगों के सिर्फ अपने पैतृक घर जाने का साधन नहीं होगा बल्कि श्रद्धा का केंद्र बन जाएगा। क्योंकि जयपुर की ट्रेन चलने से खाटू श्याम बाबा, सालासर बालाजी, झुंझनू रानी सती दादीजी के धार्मिक स्थल समेत कई अन्य ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल से टाटानगर रेलवे सीधे जुड़ेगा। इससे रेलवे के माध्यम पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जमशेदपुर निवासी राजस्थान के यात्रियों को एक सुविधा देकर रेलवे कई मायने में उपलब्धि हासिल करेगा। जयपुर की ट्रेन चलाकर सामाजिक और धार्मिक रीति रिवाज से अन्य राज्य के निवासियों को भी अवगत कराने में सफल होगा।
चैंबर ने जयपुर ट्रेन की मांग कई बार किया पत्राचार: मूनका
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका के अनुसार, टाटानगर-जयपुर ट्रेन की मांग पर चैंबर द्वारा 70 से ज्यादा बार पत्राचार किया गया। दक्षिण पूर्व जोन के रेल महाप्रबंधक और चक्रधरपुर मंडल में कई बार मांगें रखी गईं, लेकिन आश्वासन के बावजूद ट्रेन पटरी पर नहीं आई। रेलवे कोल्हान में राजस्थान के लाखों निवासियों की उपेक्षा कर रहा है। जबकि जयपुर के लिए ट्रेन चलने से रेलवे के राजस्व में यात्री टिकट और पार्सल बुकिंग से वृद्धि होती।
जोन ने जयपुर ट्रेन के लिए पांच बार रेलवे बोर्ड में भेजा पत्र
दक्षिण पूर्व रेलवे जोन सलाहकार समिति की बैठक के दौरान रेल अधिकारियों ने सांसद विद्युतवरण महतो को बताया कि टाटानगर-जयपुर ट्रेन के लिए तीन बार (8 फरवरी 2024, 21 जुलाई 2024 और 7 फरवरी 2025) रेलवे बोर्ड में पत्र भेजा गया है। जबकि संतरागाछी-अजमेर ट्रेन को जयपुर तक चलने का पत्र दक्षिण पूर्व जोन से 31 जुलाई 2024 को रेलवे बोर्ड में भेजा गया है। इसके अलावा हावड़ा जोधपुर एक्सप्रेस को टाटानगर होकर चलने के लिए भी 21 जुलाई 2024 को पत्र भेजा गया था, लेकिन अभी कोई आदेश नहीं आया है।
टाटानगर का होता गया विकास,पर नई चली यह ट्रेन
दक्षिण पूर्व रेलवे जोन का सबसे मॉडल स्टेशन टाटानगर में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की गई है। इस योजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। खुद दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के जीएम इसकी निगरानी करने के लिए कई बार टाटानगर का दौरा कर चुके हैं। बावजूद इसके लिए टाटा-जयपुर ट्रेन की पुरानी मांग को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। यहां से इस नई ट्रेन के परिचालन का अब तक इंतजार है।