एमजीएम ऑर्थो वार्ड में कुर्सी और उपकरण देख भड़के उपायुक्त, व्यवस्थित करने का निर्देश
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने डिमना स्थित नए एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई खामियां मिलीं, जैसे ऑर्थो वार्ड में बिखरा सामान और फार्मेसी में दवाओं की कमी। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं...

उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गुरुवार को डिमना स्थित नए एमजीएम अस्पताल का डेढ़ घंटे तक निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त को कई जगह खामियां मिलीं। ऑर्थो वार्ड में कुर्सियां रखी थीं, जबकि अन्य सामान बिखरे पड़े थे। वहीं, फार्मेसी में सिर्फ 76 तरह की ही दवाइयां उपलब्ध थीं, जबकि 314 तरह की दवाएं होनी चाहिए। इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर में बेड भी नहीं लगा था। इसपर उपायुक्त ने नाराजगी जताई। उन्होंने चिकित्सा संसाधनों एवं अन्य सामान को व्यवस्थित करने का आदेश दिया। उपायुक्त ने बताया कि नए अस्पताल में शिफ्टिंग का काम शुरू है। 15 जून तक ओटी शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है।
इस दौरान मशीन खरीदने की जरूरत सामने आई है, जिसकी समीक्षा हो रही है। डिमना में ऑपरेशन थिएटर को जल्द शुरू करने का लक्ष्य है, ताकि सर्जिकल मरीजों को साकची अस्पताल के भरोसे न रहना पड़े। दरअसल, साकची से एमजीएम अस्पताल के सभी वार्डों व विभागों को 15 जून तक डिमना के नए भवन में शिफ्ट करने का आदेश है। उपायुक्त पहली बार डिमना के एमजीएम अस्पताल गए थे। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने एमजीएम कॉलेज के प्राचार्य व अस्पताल के अधीक्षक को हर हाल में 15 जून को सभी वार्ड, इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर को शुरू करने पर जोर दिया गया। ऐसा नहीं होने पर उपायुक्त एवं राज्य मुख्यालय द्वारा चिकित्सा पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। निरीक्षण में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिवाकर हांसदा, अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरके मंधान, उपाधीक्षक डॉ. जुझार मांझी व डॉ. नकुल चौधरी समेत परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी एवं कार्यपालक अभियंता भवन निगम उज्ज्वल नाग शामिल हुए। अस्पताल भवन की व्यवस्था से लेकर चिकित्सा सुविधाओं पर सभी ने विभाग के अनुसार उपायुक्त के सवालों का जवाब दिया। फंड के खर्च की ली जानकारी डिमना में नए एमजीएम अस्पताल को शुरू करने के लिए राज्य स्वास्थ्य मुख्यालय से 5 करोड़ का फंड आवंटित हुआ था। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने यह जानकारी ली कि किस मद में कितना खर्च हुआ है। अधीक्षक और प्राचार्य ने सूची दिखाई। इसमें चिकित्सा समेत ऑपरेशन में जरूरी संसाधनों में फंड खर्च होने के साथ कुछ राशि बचने की भी जानकारी दी। इसके अलावा अन्य खर्च करने की योजना से अवगत कराया। उपायुक्त ने रजिस्ट्रेशन काउंटर से बनवाई खुद की पर्ची उपायुक्त ने एमजीएम अस्पताल पहुंचकर रजिस्ट्रेशन काउंटर में ओपीडी में खुद की जांच कराने के लिए पर्ची बनवाई। इसके बहाने उपायुक्त ने पर्ची बनने के समय को जांचा। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड और मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का निरीक्षण कर प्राचार्य एवं अस्पताल अधीक्षक से संसाधनों की जानकारी ली। वहीं, पानी की व्यवस्था जांचने के साथ वार्ड में भर्ती मरीजों को उपलब्ध सुविधा की जानकारी लेकर उनके आवागमन की दिक्कत दूर करने का आदेश दिया। अस्पताल में जगह-जगह सूचना पट्ट लगाने का आदेश अस्पताल निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने नक्शा देखा। उन्होंने चिकित्सा पदाधिकारियों को आदेश दिया कि जगह-जगह हिन्दी में सूचना पट्ट, साइनेज और फ्लोर इंडेक्स लगाएं, ताकि मरीजों या उनके परिजन को किसी वार्ड, जांच कक्ष, दवाखाना समेत अन्य सुविधाओं के लिए आने-जाने में दिक्कत न हो। उपायुक्त ने मरीजों की पर्ची भी अंग्रेजी के बजाय हिंदी या अन्य स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराने का सुझाव दिया, ताकि मरीजों को समझने में आसानी हो। उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर से इमरजेंसी, जनरल वार्ड, महिला वार्ड, सर्जिकल वार्ड, चाइल्ड वार्ड, ऑर्थोपेडिक, साइकेट्रिक ओपीडी, गायनिक वार्ड, काउंसिलिंग थेरेपी रूम, सेप्टिक लेबर ओटी, आईसीयू व अन्य वार्डों के साथ ऑपरेशन थिएटर की स्थिति देखी।
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