टाटा मोटर्स में केबिन बनाने का समय आधा कर दिया
नए वित्त वर्ष में टाटा मोटर्स के कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ने वाला है। जमशेदपुर प्लांट में रक्षा वाहनों की मेकिंग टाइम 32 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर दी गई है। इससे कर्मचारियों पर दबाव बढ़ेगा और...

नए वित्त वर्ष से टाटा मोटर्स के कर्मियों पर काम का दबाव बढ़ने जा रहा है। सप्ताह में 60 से लेकर 90 घंटे काम करने पर छिड़ी बहस के बीच कंपनी ने वाहन बनाने के घंटों में कमी कर दी है। सूत्रों का कहना है कि टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट में बनने वाले डिफेंस वाहनों की मेकिंग टाइम को नए वित्त वर्ष में कम कर दिया गया है। पहले एक केबिन फिटमेंट की मेकिंग टाइमिंग 32 घंटे थी, जो नए वित्त वर्ष में कम कर 12 घंटे कर दी गई है। एक केबिन को बनाने में आधे से भी कम टाइमिंग कर दी गई है। इससे कर्मचारियों पर दबाव तो है ही साथ ही रक्षा वाहनों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं कि इतने कम समय में एक केबिन कैसे बन सकता है? बताया जा रहा है कि इस बारे में डिविजनल हेड की ओर से बताया जा चुका है। ऐसे में कर्मचारियों पर काम का दबाव तो बढ़ेगा ही, जल्दी काम करने पर दुर्घटना होने की संभावनाएं भी ज्यादा होगी। पहले से ही कर्मचारियों पर प्रति वाहन बनाने का दबाव ज्यादा है। ऐसे में इस नए फरमान से कर्मियों पर काम का दबाव तो बढ़ेगा ही, वाहनों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
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