विश्वविद्यालय में मर्ज किए जाएंगे प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज
झारखंड में डीएलएड की पढ़ाई कराने वाले प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों को विश्वविद्यालयों के अधीन मर्ज किया जाएगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने चार राजकीय कॉलेजों को रांची विश्वविद्यालय एवं अन्य...

डीएलएड की पढ़ाई कराने वाले प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों को विश्वविद्यालयों के अधीन अंगीभूत कॉलेज के रूप मर्ज किया जाएगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। पिछले दिनों उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रदेश के कुल 18 में से चार राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज को विश्वविद्यालय के अधीन स्थानांतरित किए जाने का दिशा-निर्देश जारी किया था। अब अन्य कॉलेजों को भी निर्देश जारी किए जाएंगे। विभाग ने जिन दो कॉलेज को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, उनमें राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय कांके, राजकीय महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय बरियातू, राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय हजारीबाग एवं राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय देवघर शामिल हैं। इन्हें रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग एवं सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका को स्थानांतरित करने के निर्देश हैं।
पहले इन कॉलेज का संचालन झारखंड एकेडमिक काउंसिल(जैक) करता था। अब इन्हें विश्वविद्यालय के अधीन संचालित किया जाएगा। इसी तरह कोल्हान के भी दो शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज को भविष्य में मर्ज किए जाने की योजना है। इनमें प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज चक्रधरपुर एवं प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज चाकुलिया शामिल हैं। दोनों कॉलेज में पूर्व में डीएलएड की पढ़ाई कराई जाती थी, लेकिन नहीं शिक्षा नीति लागू होने के बाद यहां डीएलएड की पढ़ाई बंद कर दी गई है। इसके बाद से इस बीएड कॉलेज के तौर पर विकसित करने की दिशा में विचार किया जा रहा है।
झारखंड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद भारत सरकार की ओर से दो अप्रैल को जारी नोटिस का हवाला देते हुए झारखंड सरकार एवं शिक्षा मंत्री को इस बाबत सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में बंद पड़े प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों को फिर से चालू किया जा सकता है। बंद पड़े प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों को इसी सत्र से चालू करने का अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जब 2030 में लागू होगी तो उस समय 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू किया जाए, जिससे भवन का उपयोग हो सके। शिक्षकों की कमी को बीएड विभाग के शिक्षकों को प्रतिनियोजित कर पूरा किया जा सकता है। बेरोजगार युवकों को अनुबंध पर रखकर भी इसे चलाया जा सकता है।
इस पूरे मामले में तकनीकी पक्षों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। इसके बाद उचित कदम उठाया जाएगा
- रामदास सोरन,शिक्षा मंत्री,झारखंड सरकार
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