स्मारक स्थल में तब्दील होगा पंडित रघुनाथ मुर्मू का आवास
मयूरभंज जिले के महुलडीहा में संताली ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष और गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती पर तीन दिवसीय समारोह की शुरुआत हुई। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने समारोह का उद्घाटन किया और...

मयूरभंज जिले के रायरंगपुर अंतर्गत महुलडीहा में संताली ओलचिकी लिपि के उत्पत्ति के 100 वर्ष और गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती पर तीन दिवसीय समारोह की शुरुआत हुई। इसका उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया। वे बुधवार सुबह भुवनेश्वर से हेलीकॉप्टर से दंडबोस गांव पहुंचे और पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने पंडित मुर्मू के आवास को तीर्थ स्मारक और समाधि को ऐतिहासिक स्मारक स्थल में बदलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष को राज्य में सालभर सरकारी स्तर पर मनाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, बारीपदा में ओलचिकी लाइब्रेरी, पंडित रघुनाथ मुर्मू ओपन थियेटर-म्यूजियम, तथा उनकी रचनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए उनकी कार्यस्थली पर एक हेरिटेज भवन की स्थापना की घोषणा की। सभी योजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का एलान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संताली भाषा के प्रसिद्ध शोधकर्ता चुंडा सोरेन को गुरु गोमके अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया और उन्हें 1 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की। इसके अलावा 100 सदस्यीय एक समूह को 5 लाख रुपये की नकद राशि और संताली भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान के लिए अतिरिक्त 5 लाख रुपये का पुरस्कार भी घोषित किया गया। इस अवसर पर पंडित रघुनाथ मुर्मू के जीवन पर आधारित एक पुस्तक का लोकार्पण किया गया और उनके वंशज चुनियान मुर्मू तथा पद्मश्री डॉ. दमयंती बेसरा को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। समारोह में मयूरभंज सांसद ममता महतो, सांसद नबचरण माझी, रायरंगपुर विधायक जालेन नाएक, बारीपदा विधायक प्रकाश सोरेन, बांगिरिपोशी विधायक संजीली मुर्मू और पंडित रघुनाथ मुर्मू हेरिटेज ट्रस्ट के संरक्षक व पूर्व मंत्री इंजी. बिश्वेश्वर टुडू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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