जलापूर्ति की निगरानी को वाटर पुलिस नियुक्त करने को उठी आवाज
मानगो में जलसंकट ने लोगों को परेशान कर दिया है। नगर निगम की लापरवाही के कारण चार महीने से पानी की कमी हो रही है। मोहल्लों में लोगों ने सामूहिक निगरानी समिति और जुर्माना प्रणाली लागू करने की मांग की...

मानगो में जलसंकट से त्रस्त लोगों ने आंदोलन का मन बना लिया है। नगर निगम और पेयजल स्वच्छता विभाग की लापरवाही के कारण लोगों को नियमित पेयजल नहीं मिल रहा है। चार महीने से पानी की किल्लत ने हजारों परिवारों की दिनचर्या बिगाड़ दी है। पानी संकट का सबसे बड़ा कारण पाइपलाइन से अवैध मोटर लगाकर पानी खींचना और जलापूर्ति विभाग द्वारा निगरानी नहीं करना है। मोहल्लों में लोगों ने बैठक कर सामूहिक निगरानी समिति, वाटर पुलिस और जुर्माना प्रणाली (पेनाल्टी सिस्टम) लागू करने की मांग की है। लोगों में यह भी संदेश दिया गया कि अब नहीं चेते तो कल नल से भी उम्मीद मत रखना।
मानगो के समतानगर, आजादनगर, जवाहरनगर सहित अन्य इलाकों में जलसंकट के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस बीच लोग यह भी पूछने लगे हैं कि हर साल जल संकट की स्थिति क्यों होती है? अवैध मोटरों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं होती? पाइपलाइन से पानी सप्लाई में पारदर्शिता क्यों नहीं है। इधर, उपायुक्त के निर्देश पर कुछ सुधारात्मक कदम भी उठे हैं। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन की मात्रा संतुलित की जा रही है, जिससे पानी की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। वहीं, समतानगर सहित कुछ मोहल्लों के कनेक्शन को अलग पानी टंकी से जोड़ने का निर्णय लिया गया है, ताकि वहां दबाव में पानी पहुंच सके। हालांकि जनता का कहना है कि ये कदम काफी देर से उठाए गए हैं और जबतक अवैध मोटरों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। क्या कहते हैं लोग पानी की समस्या ने जीना मुश्किल कर दिया है। अब सुनने में आया है कि हमारे इलाके को अलग टंकी से जोड़ा जाएगा। इससे कुछ राहत मिलेगी। लेकिन जबतक अवैध मोटरों पर सख्ती नहीं होगी, तब तक कोई भी समाधान अधूरा रहेगा। -संदीप शर्मा हम रोज बाल्टी लेकर दौड़ते हैं, लेकिन पाइप से पानी नहीं आता। अब सरकार कहती है क्लोरीन की मात्रा ठीक कर दी गई है, लेकिन जब पानी ही नहीं आएगा तो गुणवत्ता क्या मायने रखती है? -कंचन देवी हमने वाटर पुलिस और जुर्माना सिस्टम की मांग की है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पारदर्शी ढंग से बताए कि किस मोहल्ले में कितना पानी भेजा जा रहा है। लोगों को अब गुमराह नहीं किया जा सकता। -विमला देवी पानी की समस्या प्रशासनिक अनदेखी और लोगों की लापरवाही से हो रही है। हमें न सिर्फ प्रशासन पर दबाव बनाना है, बल्कि अपने मोहल्ले में खुद निगरानी करनी होगी। -जोगेंद्र ठाकुर
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