झारखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी झामुमो में शामिल, 44 साल बाद हुई घर वापसी
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी शुक्रवार को भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में झामुमो में शामिल हो गए। ताला मरांडी की 44 सालों के बाद झामुमो में वापसी हुई। भोनगाडीह में कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने ताला मरांडी को झामुमो की सदस्यता ग्रहण कराया।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी शुक्रवार को भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में झामुमो में शामिल हो गए। ताला मरांडी की 44 सालों के बाद झामुमो में वापसी हुई। भोनगाडीह में कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने ताला मरांडी को झामुमो की सदस्यता ग्रहण कराया।
कार्यक्र में मौजूद झामुमो के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा ने मंच पर ताला मरांडी का स्वागत किया। ताला ने 2024 का लोकसभा राजमहल सीट से लड़ा था। हालांकि झामुमो के विजय हांसदा से 1.50 लाख से भी अधिक मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। वे बोरियो से दो बार भाजपा के विधायक रह चुके हैं।
इससे पहले बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को पत्र लिखकर भाजपा से त्यागपत्र देने की सूचना दे दिया था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं भाजपा का एक समर्पित सदस्य रहा हूं। पार्टी द्वारा दिए गए अवसरों के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं। वर्तमान परिस्थितियों, व्यक्तिगत कारणों और वैचारिक मतभेदों के चलते मैंने पार्टी की प्राथमिकत सदस्यता तथा सभी पदों से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है। मेरा यह निर्णय गहन विचार विमर्श के बाद लिया गया है। इसमें किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं है।
कार्यक्रम में झामुमो जिलाध्यक्ष अरुण सिंह, लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू , बोरियो विधायक धनंजय सोरेन, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन मुर्मू,राजमहल विधायक मोहम्मद ताजुद्दीन आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
44 सालों के बाद ताला की हुई घर वापसी
ताला मरांडी की 44 सालों के बाद झामुमो में वापसी हुई। करीब 63 साल के ताला का लंबा राजनीतिक अनुभव है। उन्होंने 1989-90 के आसपास अपना राजनीतिक करियर झामुमो कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। हालांकि बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे बोरियो सुरक्षित सीट से कांग्रेस के टिकट पर 1995 व 2000 का विधानसभा चुनाव लड़े, पर सफलता नहीं मिली। 2000 के विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उनका सीधा मुकाबला झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम से हुआ।
भाजपा में शामिल होने के बाद ताला मरांडी पहली बार 2005 में बोरियो सीट से विधायक बने। 2009 के विधानसभा चुनाव में वे बोरियो सीट से झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम से चुनाव हार गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पुन: झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम को हराकर बोरियो सीट पर कब्जा कर लिया। इसी दौरान आलाकमान ने उन्हें मई 2016 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। हालांकि कुछ अपरिहार्य कारणों से उन्हें महज कुछ ही महीनों में प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। उस समय राज्य में रघुवर दास की सरकार थी।
2019 के चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा छोड़ दी। पहले उन्होंने तेनुघाट में आयोजित पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की सभा में झामुमो में शामिल होने की घोषणा की। हालांकि उन्होंने कुछ ही दिनों के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से मिलने के बाद बोरियो सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। बोरियो सीट से उन्हें आजसू प्रत्याशी के रूप में करीब 8955 वोट मिल सके। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद ताला मरांडी की घर वापसी की राह आसान हो गई और वे पुन: पार्टी में शामिल हुए गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजमहल सीट से उन्हें पार्टी प्रत्याशी बनाया था।