झारखंड के 16 नगर निगमों की पानी समस्या होगी दूर, खर्च होंगे 2038 करोड़ रुपए
झारखंड के 16 नगर निकायों में रह रहे हजारों घरों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने और बेहतर सीवरेज ट्रीटमेंट की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। इससे इन नगर निकायों में पेयजल की किल्लत दूर होगी।

झारखंड के 16 नगर निकायों में रह रहे हजारों घरों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने और बेहतर सीवरेज ट्रीटमेंट की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। इससे नगर निकायों में जल संकट काफी हद तक समाप्त हो जाएगा। दरअसल नगर विकास विभाग की एजेंसी जुडको जिन 16 निकायों में जलापूर्ति का काम करेगा, उसमें कुल 2038 करोड़ रुपए लागत राशि अनुमानित किया है।
इन निकायों में रामगढ़, सिमडेगा, बड़की-सरैया, जामताड़ा, महागामा, डोमचांच, रेहला-विश्रामपुर, धनवार, बंशीधर नगर, छतरपुर एवं हरिहरगंज, बरहवा, चास (फेज-टू), गिरिडीह (फेज-टू), कपाली, गुमला, लोहरदगा शामिल हैं। इसमें अंतिम तीन शहरी निकायों में जलापूर्ति योजना पर काम विश्व बैंक से सहायता प्राप्त कर जेएमडीपी और अमृत योजना.2 के तहत किया जाएगा। वहीं, शेष योजनाएं अमृत 2.0 योजना के तहत पूरी होगी।
1073 करोड़ की योजनाएं प्रक्रियाधीन
दस जलापूर्ति परियोजनाएं ऐसी हैं, जिस पर जुडको द्वारा काम शुरू होना है। इनमें से सात पर काम अमृत योजना के तहत होना है। उक्त सभी योजनाएं टेक्निकल बिड या मूल्यांकन और डीपीआर निर्माण के स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
अमृत 2.0 के तहत शुरू होने वाली जलापूर्ति योजनाएं
योजना लागत राशि स्थिति
रेहला-विश्रामपुर 123.30 तकनीकी मूल्यांकन के स्तर पर
बंशीधर नगर 143.63 तकनीकी मूल्यांकन के स्तर पर
छतरपुर एवं हरिहरगंज 232.77 तकनीकी मूल्यांकन के स्तर पर
धनवार 72.52 स्वीकृति पत्र (एलओए) जारी
बरहवा 32.84 डीपीआर निर्माण के स्तर पर
चास (फेज-टू) 76.99 डीपीआर निर्माण के स्तर पर
गिरिडीह (फेज-टू) 55.91 डीपीआर निर्माण के स्तर पर
योजना लागत राशि प्रगति (%)
सिमडेगा 106.42 35
रामगढ़ 537.69 05
बड़की 35.98 20
डोमचांच 86.80 10
जामताड़ा 112.35 00
महागामा 79.50 00
(लागत राशि करोड़ में)
विश्व बैंक के सहयोग से होने वाली जलापूर्ति योजनाएं
● गुमला - 115.39 करोड़
विभाग द्वारा तैयार योजना के ड्राफ्ट पर विश्व बैंक से अनुमोदन का इंतजार
● कपाली - 72.20 करोड़
वित्तीय बोली के स्तर पर प्रक्रियाधीन
● लोहरदगा - 147.7 करोड़
वित्तीय बोली के स्तर पर प्रक्रियाधीन