झारखंड शराब घोटाले में एक और ऐक्शन, पूर्व उत्पाद आयुक्त गिरफ्तार; क्या है वजह
झारखंड में एसीबी ने शराब घोटाले में एक और गिरफ्तारी की है। राज्य के पू्र्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

झारखंड शराब घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक और ऐक्शन लिया है। एसीबी ने झारखंड के पूर्व उत्पाद आयुक्त सह जेएसबीसीएल के पूर्व एमडी अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया। 13 जून को पूछताछ के बाद मंगलवार को भी एसीबी ने अमित प्रकाश को बुलाया था। अमित पूरे दिन पूछताछ में एसीबी के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
एसीबी ने जांच में पाया है कि अमित प्रकाश के कार्यकाल में प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए खुदरा दुकानों में शराब बिक्री के अनुपात में काफी कम राशि जमा कराई गई थी। अमित एजेंट रखकर राशि वसूली करवाते थे। पहले अप्राथमिक अभियुक्त बने अमित: एसीबी ने शराब घोटाले में पूर्व उत्पाद आयुक्त विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत 12 को नामजद आरोपी बनाया था। वहीं पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जांच के बाद अब इस केस में अमित को पहला अप्राथमिक अभियुक्त बनाया है।
अमित के कार्यकाल में 70 करोड़ की अनियमितता के संकेत
एसीबी ने जांच में पाया है कि अमित प्रकाश के एमडी रहने के दौरान शराब बिक्री का घाटा बढ़कर 70 करोड़ हो गया था। वे दिसंबर 2024 तक पद पर रहे थे। एसीबी ने इस दौरान हुई अनियमितता का आकलन किया है। जांच में पाया है कि अमित के पास बैंक गारंटी को इनकैश कर जेएसबीसीएल के खाते में पैसा जमा कराने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने इस दिशा में पद पर रहते हुए कोई कदम नहीं उठाया। अमित ने पूछताछ में एसीबी के सवालों पर टालमटोल करते हुए अनुसंधान में सहयोग नहीं किया।