रांची के एक केस में पुलिस ने 400 पर कर दी FIR, 56 एकड़ जमीन कब्जे पर हुआ विवाद
झारखंड के रांची में पुलिस ने 400 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। इन सभी पर पुलिस पर हमला करने का आरोप है। दरअसल, रांची में 56 एकड़ जमीन को सुलझाने पुलिस गई थी, जहां उनपर हमला हो गया।

रांची के लापुंग थाना क्षेत्र के कोयनारा गांव में ग्रामसभा के दौरान पुलिस पर हुए हमले के मामले में जांच शुरू हो गई है। इस मामले में लापुंग थाना में पूर्व नक्सली पुनई उरांव समेत 56 नामजद और 400 अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोग भी शामिल हैं। दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कोयनारा गांव में जमीन विवाद को लेकर ग्रामसभा का आयोजन किया गया था। थाना प्रभारी संतोष यादव समेत अन्य पुलिसकर्मी विधि व्यवस्था संधारण के लिए मौके पर पहुंचे।
पंचायत के दौरान ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। तलवार, तीर और लाठी डंडे से थाना प्रभारी को बुरी तरह से पीटा। बचाने गए पुलिसकर्मियों को भी आसमाजिक तत्वों ने नहीं बक्शा। उन्हें भी जमकर पीटा। इस घटना में थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इधर, दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। कोयनारा गांव में पुलिस की टीम ने बुधवार को भी छापेमारी की। मगर सभी आरोपी फरार थे।
क्या है पूरा मामला
लापुंग इलाके में रातू महाराजा की 56 एकड़ जमीन है। इस जमीन को महाराजा ने ग्रामीणों को खेती बारी के लिए दिया है। लेकिन अब ग्रामीण उस जमीन पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। इसी को लेकर मंगलवार को कोयनारा गांव में ग्रामसभा का आयोजन किया गया था। पूर्व नक्सली पुनई उरांव की ओर से बुलाए गए ग्रामसभा में महाराजा के वंशज वैभव नाथ शाहदेव को उपस्थित होने को कहा गया था। लेकिन वैभव ने ग्रामसभा में आने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि वैभव ने पुलिस द्वारा मना किए जाने की वजह से ग्रामसभा में नहीं आने की बात कही थी। ग्रामसभा की सूचना पर लापुंग थानेदार गांव पहुंचे थे, तभी ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इसमें थाना प्रभारी संतोष कुमार यादव समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल पुलिसकर्मियों में लालू लोहरा, पुनई उरांव शामिल हैं।
इस घटना के दौरान थानेदार को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों ने फायरिंग की थी। हालांकि घटना में ग्रामीण जतरू मुंडा भी घायल हो गया। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर, बेड़ो डीएसपी अशोक राम जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस की टीम जांच शुरू की तो ग्रामीण फिर पुलिस से उलझ गए। पुलिस और ग्रामीणों के बीच बकझक के बाद धक्का-मुक्की भी हुई।