80th Anniversary of Soviet Victory Over Hitler Lessons Against Fascism सोवियत संघ की जीत की 80 वीं वर्षगांठ मनाई, Kodarma Hindi News - Hindustan
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सोवियत संघ की जीत की 80 वीं वर्षगांठ मनाई

द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की नाजीवादी सेना पर सोवियत संघ की विजय की 80वीं वर्षगांठ पर सीपीएम के सदस्य संजय पासवान ने कहा कि सोवियत संघ ने फासीवाद के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाSat, 10 May 2025 03:50 AM
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सोवियत संघ की जीत की 80 वीं वर्षगांठ मनाई

कोडरमा संवाददाता द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की नाजीवादी सेना पर सोवियत संघ की विजय की 80 वीं वर्षगांठ के दिन फांसीवाद पर विजय को याद करते हुए सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि हिटलर के आतंक को सोवियत संघ की लाल सेना ने खत्म किया था। इतिहास को पढ़ने से फांसीवाद से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। फांसीवाद के विरुद्ध संघर्ष में सोवियत संघ की निर्णायक भूमिका थी। उसने ही सबसे अधिक फासीवाद विरोधी विश्वव्यापी मोर्चा बनाने की पहल की थी और फासीवाद को निर्णायक शिकस्त देने में अपने दो करोड़ से ज्यादा लोगों की कुर्बानियां देकर हिटलर जैसे दानव से मानवता को बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया था।

अमेरिकी और ब्रिटिश साम्राज्यवादी हिटलर को मजबूत करने में, उसे आक्रमणकारी के तौर पर उकसाने में और सोवियत संघ को अलगाव में डालकर समाजवादी व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगे हुए थे। दुनिया की आबादी का लगभग अस्सी फीसदी हिस्सा द्वितीय विश्व युद्ध में प्रभावित हुआ और इस युद्ध में करीब सात करोड़ जानें गई जिनमें बहुत बड़ा हिस्सा आम नागरिकों का था। आठ मई 1945 को हिटलर की नाजीवादी जर्मनी के आत्मसमर्पण के साथ छह साल चला द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ था. जिसके बाद हर वर्ष 9 मई को विजय दिवस मनाया जाने लगा। अपने देश में भी अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी हम लगातार आ रहे हैं। अभी विश्व स्तर पर चर्चित न्यूज़ पोर्टल द वायर के अलावा 4 पीएम न्यूज़ और जाने माने पत्रकार पुन प्रसून वाजपेयी का यूट्यूब चैनल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो जनहित में सरकार की नीतियों पर हमेशा सवाल उठाते रहे हैं। इन चैनलों को बंद करना, सरकार की नव फांसीवादी चरित्र को दर्शाता है। आज जब दुनियाभर में दक्षिणपंथी ताकतें फिर से सिर उठा रही हैं, तो उनके विरुद्ध संघर्ष को भी निर्णायक तौर पर मजदूर वर्ग और मेहनतकश लोग ही आगे बढ़ा सकते हैं और उन्हें पराजित कर सकते हैं। ऐसे समय में जब दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं और भारत-पाकिस्तान के बीच भी युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं, आज युद्ध की वीभत्सता के बारे में विचार करने के लिए अहम दिन है। हमें हर हाल में मानवीय दृष्टिकोण से एक और युद्ध से बचने का रास्ता खोजना चाहिए।

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