भगवान श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय : रिया शास्त्री
बारियातू में नवनिर्मित मंदिर में तीन दिवसीय श्री हनुमत महायज्ञ का आगाज हुआ। पहले दिन मानस विदुषी रिया शास्त्री ने श्रीराम जन्म उत्सव की कथा सुनाई। कथा में बताया गया कि राजा दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ कर...

बारियातू, प्रतिनिधि। नचना स्थित नवनिर्मित मंदिर में प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा सह तीन दिवसीय श्री हनुमत महायज्ञ के प्रथम दिन मानस विदुषी रिया शास्त्री ने श्री राम जन्म उत्सव की कथा सुनाई। कथा में रिया शास्त्री जी ने श्रीराम जन्म प्रसंग पर श्रोताओं को बताया कि पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ के आदेश पर पुत्रेष्ठि यज्ञ संपन्न कराया था। यज्ञ के बाद ही श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम ने रावण सहित असुरों का वध कर सनातन धर्म की रक्षा की थी। हम मनुष्य के लिये भगवान श्रीराम का चरित्र अनुकरणीय करने से मुक्ति का द्वार ओर जीवन सुखमय बन जाता है।
यज्ञाचार्य महंत रवींद्रनाथ पांडेय ने कहा कि यज्ञ से न केवल मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, बल्कि वातावरण भी शुद्ध होता है। सनातन धर्म की परंपराओं से लोग जुड़ते हैं। गौरतलब रहे कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या धाम के अध्यक्ष अनंत श्री विभूषित श्री श्री १००८ महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज के कृपा पात्र गुरुभ्राता श्री श्री 108 ब्रह्मर्षि महंत रवीन्द्रनाथ पांडेय जी महाराज के सान्निध्य में यज्ञ हो रहा है। नवनिर्मित मंदिर में शुक्रवार को बजरंग बली की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा बैदिक मंत्रोचार के साथ विद्वानों ने कराया। महायज्ञ की पूर्णाहुति 24 मई को होगी।
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