कभी जीवनदायी रही पगला नदी आज नाले में हुई तब्दील
महेशपुर के देवीनगर गांव से गुजरने वाली पगला नदी की स्थिति प्रतिदिन चिंताजनक हो रही है। यह नदी अब नाले में बदल रही है, जिससे 20 गांवों की सिंचाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का मानना है कि डैम और नहर...
महेशपुर, एक संवाददाता। महेशपुर प्रखंड के देवीनगर गांव से होकर गुजरने वाली पगला नदी की स्थिति रोजाना चिंताजनक होती जा रही है। जिसमें कभी पानी भरा रहता था, आज वह नाले में तब्दील होता जा रहा है। पगला नदी गोपीकांदर प्रखंड के पूर्वी पहाड़ियों से आनेवाली जलधाराओं को समेटकर महेशपुर प्रखंड में प्रवेश करती है। यह नदी की गांवों की जीवनरेखा है। पगला नदी दलाही, सूर्योडीह, दुर्गापुर, होते हुए महेशपुर व पाकुड़िया प्रखंड की सीमा ग्राम गांगमुंडी, पथरादाहा, कोटालपोखर, देवीनगर, पदराडांगा, नित्यानंदपुर, बांकुड़ा होकर पश्चिम बंगाल के मुरारोई होते हुए जंगीपुर गंगा में विलय हो जाती है। इस नदी के जल संग्रहण हेतु वर्ष 1965 में पाकुड़िया प्रखंड अंतर्गत सूर्योडीह में डैम का निर्माण कराया गया था। वर्ष 1970 के आसपास महेशपुर प्रखंड के पथराडांगा में भी डैम बनाया गया था। नदी का जल डैम में संग्रह होने से 20 गांवों के लगभग 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर आसानी से सिंचाई होती थी। सूर्योडीह, दुर्गापुर, गांगमुंडी, लालचुंआ, खुरीडीह, सागबेड़िया, खजूरडांगा, पथरादाहा, टीटीडंगाल, देवीनगर में नदी से खेतों को पानी मिलता था। लेकिन आज उक्त नदी शोभा की संरचना मात्र बनकर रह गई है। ग्रामीणों का मानना है कि बार-बार लाखों की राशि खर्च कर नहर का जीर्णोद्धार तो किया जाता है पर आवश्यकता है दोनों डैम के जीर्णोद्धार का। क्योंकि डैम से पानी नहर तक तभी पहुंचना संभव हो पाएगा। जब पगला नदी का अस्तित्व बचा रहे। पगला नदी अपने वास्तविक रुप से जिस तरह समय बीतने के साथ नाले के रुप में परिवर्तित होती जा रही है। आनेवाले समय में डैम और नहर की उपयोगिता पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।