जिला आयुष विभाग ने मनाया विश्व होमियोपैथ दिवस
पलामू जिला आयुष विभाग ने विश्व होमियोपैथ दिवस मनाया। इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें होमियोपैथी के अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान को प्रोत्साहित किया गया। वक्ताओं ने डॉ हैनीमैन के...

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू जिला आयुष विभाग ने गुरुवार को विश्व होमियोपैथ दिवस मनाया। कार्यालय परिसर के सभागार में मौके पर विचार गोष्ठी कर अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला आयुष मेडिकल ऑफिसर(डीएएमओ) डॉ राम नारायण कारक और जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मृत्युंजय कुमार ने केक काटकर और डॉ हैनीमैन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। वक्ताओं ने कहा कि डॉ हैनीमैन 24 वर्ष की आयु में कुशल एलोपैथ एमडी चिकित्सक होने के बावजूद वे इस पद्धति से खुश नहीं थे। उनका मानना था कि इस पद्धति से साइड इफेक्ट्स ज्यादा होता है। गहन मंथन के पश्चात सिनकोना बार के प्रयोग को सिद्ध कर उन्होंने 1796 ईस्वी में इसे विकसित किया। इसी दिन से पूरे विश्व में होम्योपैथ का इलाज शुरू हुआ। वक्ताओं ने बताया कि होम्योपैथ न सिर्फ आसान है बल्कि यह जटिल सर्जरी की चुनौतियों को आसान करता है। इस विधा में ल्यूकोमा, मस्सा आदि का समुचित बेहतर इलाज होता है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी आयुष सीएचओ को संबोधित करते हुए डॉ राम नारायण कारक ने कहा कि होम्योपैथ एक बेहतर पूर्ण चिकित्सीय विधा है। डॉ बारीक से बारीक तथ्यों का अध्ययन कर मरीजों का इलाज करते है। परिणाम सदैव बेहतर होते है। इस बार होमियोपैथ दिवस का थीम है अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान। यह थीम होम्योपैथ के विकास पर प्रकाश डालने का कार्य करेगी। आयोजित विचार गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य था लोगों को होम्योपैथ के बारे में जागरूक और प्रेरित करना ताकि लोगों की होम्योपैथ के प्रति भ्रांतियां को दूर किया जा सके। कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के पोषण पखवाड़ा पर भी परिचर्चा किया गया। 8 अप्रैल से प्रारंभ होकर 22 अप्रैल तक चलने वाले कार्यक्रम को लेकर डॉ कारक ने सभी को प्रशिक्षण दिया। मौके पर डॉ अजय कुमार, डॉ शशिकांत, डॉ पूजा, डॉ स्नेहलता समेत सभी सीएचओ मौजूद रहे।
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