बोले रामगढ़: जर्जर सड़क से दुकानदारी करना मुश्किल
पतरातू का न्यू मार्केट लगभग एक हजार दुकानदारों और सब्जी विक्रेताओं का केंद्र है, जो बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रदूषण से जूझ रहे हैं। यहां नाली, पानी, बिजली और शौचालय की सुविधाओं का अभाव है।...
पतरातू। औद्योगिक क्षेत्र पतरातू का पीटीपीएस न्यू मार्केट में लगभग एक हजार से अधिक दुकानदार और सब्जी विक्रेता विभिन्न समस्याओं के बीच अपनी दुकान चला रहे हैं। पतरातू थर्मल पावर स्टेशन निर्माण काल के लगभग पांच वर्ष बाद बसा हुआ यह मार्केट चारों तरफ फैक्ट्रियों से घिरा हुआ है। जो वर्तमान काल में प्रदूषण की मार भी झेल रहा है। 60 के दशक में पीटीपीएस की जमीन पर लोगों को दुकान बनाने के लिए जमीन आवंटित की गई थी। इसी भूखंड पर बसा हुआ यह मार्केट है। साथ ही यहां पर एक छोटी सब्जी बाजार भी मौजूद है। आज भी यह बाजार नाली, समुचित बिजली, पानी, शौचालय, यूरिनल और सड़क की समस्या से जूझ रहा है। बोले रामगढ़ की टीम से दुकानदारों ने अपनी समस्याएं साझा की।
औद्योगिक क्षेत्र पतरातू में बसा हुआ न्यू मार्केट, जहां लगभग छह सौ छोटी बड़ी दुकानें हैं। आज विभिन्न कठिनाइयों के बीच जी रहे हैं। साथ ही सरकार और पीवीयूएनएल की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि उन्हें कुछ लाभ मिल सके। न्यू मार्केट के दुकानदार और व्यवसायियों के लिए ठोस पहल हो। उनके व्यवसाय में कोई कठिनाई उत्पन्न ना हो इसके लिए भी वे सरकार की ओर नजरें गड़ाए बैठे हैं। इसके लिए उन्होंने कई बार सरकार से गुहार लगाई है। इसके अलावा इस मार्केट के विभिन्न समस्याओं के बीच अपनी जीविका चला रहे दुकानदार मंत्री, सांसद और विधायक से भी गुहार लगा चुके हैं।
नाली, मनोरंजन केंद्र, बच्चों के खेलने का मैदान के अभाव में यह मार्केट पतरातू थर्मल पावर स्टेशन निर्माण काल के लगभग पांच वर्ष बाद बसा हुआ है। यह मार्केट चारों तरफ फैक्ट्रियों से घिरा हुआ है। जो वर्तमान काल में प्रदूषण की मार भी झेल रही है। लगभग साठ की दशक में पतरातू थर्मल पावर स्टेशन के निर्माण के लिए पतरातू प्रखंड के कई गांवों को बिल्कुल उजाड़ दिया गया था। भू- अर्जन विभाग ने यहां के रैयतों की जमीन ले ली। इसके बाद यह न्यू मार्केट नामक बाजार अस्तित्व में आया। अधिग्रहीत जमीन पर बिजली विभाग की ओर से लोगों को मार्केट बसाने के लिए उन्हें जमीन आवंटित किया गया। इसी भूखंड पर बसा हुआ यह मार्केट है। आज भी यह बाजार समुचित बिजली, पानी, स्ट्रीट लाइट और नाली की समस्या से जूझ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें समुचित बिजली, पानी,नाली और सड़क की व्यवस्था किया जाए। तभी उनका व्यवसाय चल निकलेगा। तभी वे अपने बाल बच्चों का लालन पालन ठीक से कर सकेंगे। पीटीपीएस की सरजमीं पर बसा हुआ न्यू मार्केट वर्षों बाद भी सरकारी सुविधा से वंचित है। इस न्यू मार्केट में लगभग 600 से अधिक दुकान बेतरतीब रूप से बने हुए हैं। जो कटिया बस्ती पंचायत में अवस्थित है। पीटीपीएस की सरजमीं पर बसे हुए इस न्यू मार्केट में पीटीपीएस कॉलोनी सहित आसपास के दर्जनों गांव के लोग मार्केटिंग करने के लिए पहुंचते हैं। साथ ही किसान यहां पहुंचकर अपने खेतों के उत्पाद बेचते हैं। सांझ होते ही सैकड़ों महिला और पुरुष किसान यहां पहुंचकर ताजी साग सब्जी और अन्य वस्तुएं बेचते हैं। ताजी हरी सब्जी होने के कारण यहां पर पूरे पतरातू क्षेत्र सहित रांची आने जाने वाले लोग भी यहां पहुंचकर सब्जियों की खरीदारी करते हैं। जिसके कारण यह बाजार हरी सब्जियों के लिए केंद्र बिंदु बना हुआ है। इस मार्केट में सोलिया, पलानी , कटिया, ग़रेवा टांड़, लबगा, रसदा, गेग़दा, मुड़कटी, तालाटांड़, उचरिंगा, नेतुआ, बरघुटूवा, आराशाहा, मेलानी, चेतमा, हरिहरपुर, पतरातू, पालू, पिपरी टोला, इचापीरी, कुरबिज, हफूआ, डाडीडीह, सांकुल, जयनगर आदि गांव के लोग खरीदारी करने पहुंचते हैं। दुकानदारों को कोई सरकारी मूलभूत सुविधा नहीं मिलती है। विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे दर्जनों दुकानदार अपनी दुकान को बंद कर व्यवसाय छोड़ दिया है। पहले पतरातू पीटीपीएस में एक हाई स्कूल, फुटबॉल मैदान, चिल्ड्रन पार्क हुआ करता था।
सुविधाविहीन है पीटीपीएस का न्यू मार्केट
मार्केट सुविधा विहीन है। सरकार की ओर से इस मार्केट के लिए कोई सुविधा नहीं दिया गया है। सरकारी सुविधाओं की कमी के कारण मार्केट की दर्जनों दुकानें बंद है या फिर व्यवसायी दुकान छोड़कर चले गए। इस मार्केट में आधे से अधिक दुकान पीटीपीएस से हुए विस्थापित और प्रभावित लोगों का है। लेकिन आदि दुकानें दूसरे राज्य या फिर दूसरे जिला के लोगों की है। व्यवसाय करने के लिए दूसरे राज्य या दूसरे जिला के लोगों को यहां पर रहने के लिए सही से आवास भी आवंटन नहीं कराया गया है।
जिसके कारण भी उन्हें भारी असुविधा झेलना पड़ता है। 60 के दशक में यहां पर किसी को 7 फीट बाय 7 फीट तो किसी को 5 फीट बाय 5 फीट यानी अधिक से अधिक 20 फीट बाई 15 फीट तक दुकान के लिए भूखंड का आवंटन कराया गया था। वह भी आवंटन टेंडर के माध्यम से हुआ था। बेतरतीब ही सही किंतु यहां पर बेहतरीन दुकानें हैं। यहां पर होटल, सैलून, राशन दुकान, किताब दुकान, इलेक्ट्रॉनिक दुकान, जूता दुकान, टेलर की दुकान, गैस सिलेंडर, पूजा सामग्री की दुकान, आटा चक्की, मनिहारी दुकान, कपड़ा दुकान, साज व श्रृंगार की दुकान, पान दुकान, दवा दुकान, ग्रिल दुकान,मुर्गा दुकान, गैरेज, खैनी दुकान, चूड़ी दुकान, टीवी बनाने की दुकान, किसानों की सुविधा के लिए बीज दुकान, सीमेंट दुकान आदि भरे पड़े हुए हैं। साथ ही मुख्य सड़क से सटा हुआ सब्जी बाजार उपलब्ध है। जहां पर आसपास के दर्जनों गांव के लोग खरीदारी करने सहित सामानों को बेचने के लिए पहुंचते हैं।
आसपास के बाजार से महंगी हैं सब्जियां
गांवों के किसान महिलाएं और पुरुष अपने खेतों से उपजने वाले सब्जियों को बेचने के लिए पहुंचते हैं। लोग यहां पर सब्जी की व्यवसाय करते हैं। वे लोग रामगढ़, भुरकुंडा और रांची के पिठोरिया आदि से सब्जी लाकर दुकान लगाकर जीविका चलाते हैं। यहां तक की यहां पर अधिकतर सब्जियां रांची के पिठोरिया, बुढ़मू आदि क्षेत्र से साइकिल और मोटरसाइकिल से लाकर इन दुकानदारों को दे जाते हैं। जिसे खरीद कर अधिकतम दाम पर ग्राहकों के बीच बेचते हैं। आसपास के बाजार से इस मार्केट में सब्जियां महंगे रेट पर मिलते हैं।
मार्केट में पेयजल की व्यवस्था नहीं
मार्केट में दुकानदारों और ग्राहकों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। मुखिया की पहल पर चार पांच चापानल लगाए गए हैं। छह छोटी जल मीनार व पीटीपीएस की ओर से कॉलोनी क्षेत्र में किए जाने वाले जलापूर्ति से एक जगह पर नल लगाया गया है। जो ना काफी है। मार्केट के लोग इसी व्यवस्था से अपनी प्यास बुझाते हैं। दुकानदारों के दुकान या घरों तक जल नल की व्यवस्था नहीं है। दूसरी ओर किसी भी तरह के सरकारी व्यवस्था के अभाव में यहां के दुकानदार दुकान नहीं चलने की रोना रोते रहते हैं। दुकानदार कहते हैं कि सरकार की ओर से उनके लिए ठोस कदम उठाया जाता तो उनके जीने की राह बन जाती और व्यवसाय अच्छा चल निकलता। सभी दुकानदार इस मार्केट के भविष्य अच्छा होने की कामना करते हैं।
खुले आसमान में बेचते हैं सब्जी
पीटीपीएस न्यू मार्केट स्थित सब्जी बाजार में सब्जी विक्रेताओं के लिए कोई सुविधा नहीं है। दो तीन सब्जी विक्रेता को छोड़कर वे खुला आसमान में सब्जी बेचते हैं। न इनके पास सब्जी बेचने के लिए कोई शेड है ना ही कोई चबूतरा। यहां तक की उनकी दुकानों के लिए जमीन भी आवंटन नहीं किया गया है। जबकि इसके लिए वे दर्जनों बार जमीन आवंटन करने के लिए आवश्यक पहल कर चुके हैं। खासकर बरसात और गर्मी के दिनों में इन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बरसात और गर्मी में सब्जी विक्रेता अपने दुकान और सब्जियों की सुरक्षा के लिए हल्का-फुल्का बांस बल्ली लगाकर ऊपर प्लास्टिक दे देते हैं और अपनी सब्जी बेचते हैं। यहां के सभी सब्जी विक्रेता अपनी अपनी दुकानों को हल्का-फुल्का ऊंचा कर लिया है और इस पर बोरा प्लास्टिक लगाकर सब्जियां रखते हैं और बेचते हैं।
सुरक्षा की व्यवस्था नहीं
भारी अभाव के बीच व्यवसाय करने वाले पीटीपीएस न्यू मार्केट की सुरक्षा राम भरोसे है। यहां पर रात को सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था नहीं है। आए दिन यहां की दुकानों में चोरी-चकरी होती रहती है। यहां की अधिकतर दुकानें एस्बेस्टस चदरा से बनी हुई हैं। जिसके कारण चोर एस्बेस्टस चदरा को तोड़कर अंदर घुस जाते हैं और दुकान से सामान उठा कर ले जाते हैं। हालांकि चोरों की गतिविधियों को देखते हुए लोग कुछ दुकानदार यहां पर एस्बेस्टस चदरा को हटाकर ढलाई कर पक्की कर ली है। कुछ वर्ष पहले न्यू मार्केट कि सुरक्षा के लिए दुकानदार टीम बनाकर बारी-बारी से रात को सुरक्षा के लिए ड्यूटी करते थे। बाद में दैनिक दिहाड़ी पर एक नाइट गार्ड को रखा गया था। किंतु पैसा नहीं मिलने के कारण वह गार्ड काम छोड़कर चला गया। अब यहां पर रात को दुकानदार अपनी दुकान की रक्षा स्वयं करते हैं।
पीटीपीएस न्यू मार्केट के अलावा यहां के सभी बाजार और मार्केट को सुसज्जित होना चाहिए। इसके लिए सरकार को आवश्यक पहल करनी चाहिए। सरकार आगे बढ़कर प्रयास करना चाहिए। क्योंकि यहां पर व्यवसाय करने वाले आधे व्यवसाई पीटीपीएस से हुए विस्थापित और प्रभावित परिवार हैं। यहां पर अच्छी सड़क, नाली, शौचालय, उप स्वास्थ्य केंद्र होनी चाहिए।
-रोशन लाल चौधरी,विधायक, बड़कागांव विधानसभा
कटिया बस्ती पंचायत के एक छोर और कालोनी से सटा हुआ सुंदर जगह पर अवस्थित न्यू मार्केट सभी पंचायत वासियों सहित आस पास के हजारों लोगों को रोजगार का साधन उपलब्ध करवाता है। यहां रोजमर्रा के जरूरत के सभी सामान मिलते हैं। लगभग छह सौ दुकान और सब्जी मंडी यहां के हजारों लोगों को आवश्यकता की लगभग सारी जरूरतों को पूरा करते हैं। वर्तमान समय में न्यू मार्केट के दुकानदारों के लिए यथासंभव विकास करने का प्रयास किया गया है। न्यू मार्केट को सुव्यवस्थित होना चाहिए।
-किशोर महतो, मुखिया, कटिया बस्ती पंचायत
पीटीपीएस न्यू मार्केट में समुचित व्यवस्था नहीं है। नाली, सड़क, पानी व शौचालय की कमी है। यहां सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। सुरक्षा की कमी से मार्केट के दुकानों में चोरी होते रहती हैं। -अवधेश चौरसिया
न्यू मार्केट फैक्ट्रियों से घिरा हुआ मार्केट है। यहां पर दुकानदारों को फैक्ट्रियों के वायु प्रदूषण से झेलना पड़ रहा है लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। फिर भी सरकार इस और कोई पहल नहीं करती है। -अरुण शर्मा
पीटीपीएस न्यू मार्केट को व्यवस्थित होना चाहिए। दुकान ऊंचे-नीचे जगह पर बना हुआ है। मार्केट में नाली और उचित सड़क के अभाव में बरसात में सड़कों पर कीचड़ हो जाता है इससे परेशानी होती है। -मोहन साव
भारी प्रदूषण से जूझ रहे हैं पीटीपीएस न्यू मार्केट के दुकानदार और सब्जी विक्रेता। फैक्ट्रियों से निकलने वाले धूल, धुंआ सभी दुकानदारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। -संतोष सिन्हा
पीटीपीएस न्यू मार्केट का कोई खेवनहार नहीं है। सरकार या पीवीयूएनएल इसके विकास के लिए कुछ काम नहीं करते हैं। सिर्फ मुखिया ने मार्केट के विकास के लिए कुछ काम किया है। -प्रफुल कुमार
पीटीपीएस में नाली की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि बरसात का पानी किसी के घर में नहीं घुसे। यहां पर स्ट्रीट लाइट की सख्त आवश्यकता है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। -चरका खान
पीटीपीएस न्यू मार्केट में नाली और यूरिनल का है भारी अभाव। दुकानदार, ग्राहक समेत यहां पहुंचने वाले हजारों लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए। -महेंद्र प्रसाद
पीटीपीएस न्यू मार्केट निर्माण काल से ही इस मार्केट में कोई शेड नहीं है। इससे ग्राहक और यात्रियों को गर्मी और बरसात के दिनों में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। -जितेंद्र सिंह
पीटीपीएस न्यू मार्केट ऊबड़ खाबड़ जमीन पर बसी हुई है। सरकार, पीवीयूएनएल या क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की ओर से इस पर पहल होनी चाहिए।
-जमीर अहमद
औद्योगिक क्षेत्र पतरातू के बीच में बसा हुआ पीटीपीएस न्यू मार्केट के विकास के लिए सरकार की ओर से नहीं कोई पहल नहीं की जाती है। बिजली और पानी की निर्बाध आपूर्ति की आवश्यकता है। -राहुल रंजन
पीटीपीएस न्यू मार्केट के व्यवसाई काफी कठिनाई के दौर से गुजर रहे हैं। इसके लिए सरकार, पीवीयूएनएल को आवश्यक कदम उठाना चाहिए। नाली की व्यवस्था होनी चाहिए।
-उत्तम सिंह
पीटीपीएस न्यू मार्केट को व्यवस्थित होना चाहिए। इसके जरूरत के मुताबिक जमीन को मिट्टी भराव और समतल करने के लिए पहल करना चाहिए। व्यवस्थित नालियों का निर्माण हो। -शंभू ठाकुर
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