बोले रामगढ़ : बड़ा सवाल : कुएं भी सूख गए, कैसे बुझेगी प्यास
बरकाकाना के वार्ड नंबर 24 में गर्मी के कारण पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोग चापाकल और कुएं सूखने के कारण पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दिनभर पानी लाने के लिए लोग परेशान हैं। प्रशासन की...

बरकाकाना। हम हमेशा से सुनते आए हैं जल ही जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है जिले और शहर के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। ऐसा ही स्थिति रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 24 बरकाकाना बाजार और फिल्टर हाउस कॉलोनी की है। यहां लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। जलस्तर नीचे जाने से चापाकल भी हांफने लगे हैं। कुएं भी सूख गए हैं। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से लोगों ने अपनी समस्याएं साझा की। अभी गर्मी शुरू हुई है। लेकिन रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 24 बरकाकाना बाजार और फिल्टर हाउस कॉलोनी में पेयजल संकट गहराने लगा है। यहां के लोग पानी के लिए पानी-पानी हो रहे हैं। लोग पानी की समस्या से त्राहिमाम की स्थिति में नजर आ रहे हैं। पेयजलापूर्ति का कोई पुख्ता इंतजाम इस बस्ती में नजर नहीं आता। पानी लाने के लिए लोग दिनभर प्राचीन शिव मंदिर के पिछे कुआ पहुंचते हैं। जहां किसी प्रकार कुछ बाल्टी पीने का पानी मिल पाता है।
इस समस्या को लेकर मुहल्लेवासी काफी परेशान दिखाई देते हैं। भू जल का स्तर पाताल की ओर जाने लगा है। इससे बरकाकाना बाजार और फ़िल्टर हाउस क्षेत्र में जल के लिए हाहाकार मचने लगा है। अधिकांश चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोग अहले सुबह से पानी की व्यवस्था में जुट जाते हैं। पानी की उपलब्धता लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। भू जल स्तर नीचे जाने से मोटर भी पानी खिचने में हांफने लगे हैं। सामान्य दिनों में आधा घंटा में एक हजार लीटर के टैंक भरने वाले मोटर को इतना पानी खिचने में अभी दो घंटों से ज्यादा वक्त लग रहा है। कई मोटर तो ठप हो गए हैं। मिडिल स्कूल के समीप के कुआ से पानी भरकर जैसे-तैसे जीवनयापन करने को मज़बूर हैं। इन्हें दो घूंट शुद्ध पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। इन गांवों में हर घर में नल से जल पहुंचाने के दावे की हवा निकल गई है। लोग मज़बूरी में रामगढ़-पतरातू मुख्य मार्ग पार कर पानी ढोकर लाने को मजबूर हैं। मुख्य सड़क पर दिन-रात छोटे-बड़े वाहन सरपट दौड़ते रहती है। जिससे हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। लोग जान जोखिम में डालकर पानी लाने के विवश हैं। एक ओर भीषण गर्मी, तो दूसरी ओर जल संकट से जूझ रहे हैं। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसके कारण जन जीवन अस्त व्यस्त है। तापमान 40 डिग्री पहुंच गया है। लोगों को न दिन में चैन है और ना रात को आराम मिल रहा है। लोग पानी की जद्दोजहद और उमस की गर्मी से पसीना पसीना हो रहे हैं। गर्म हवा के चलने व कड़ी धूप से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि लोग 10 बजने के बाद घराें से बाहर निकलना मुनासिब नहीं सकझते। शाम छह बजे के बाद ही बाहर निकल रहे है। दोपहर में चौक चौराहों से लेकर गांव की गलियों में सन्नाटा पसर जा रहा है। गर्मी के बढ़ते प्रभाव की वजह से कूप, तालाब, पोखर व नदी लगभग सूख चुके हैं। ग्रामीण एक ओर भीषण गर्मी से, तो दूसरी ओर पानी की संकट से जूझ रहे है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात दिलाई जाए। मुहल्ले और बाजार में नल जल योजना के तहत सोलर सिस्टम लगाया जाए। सिर्फ वोट लेने के लिए झूठे वादे वार्ड पार्षद, विधायक और सांसद करते है। उन्हें पानी जैसा मुलभूत समस्या से निजात नहीं दिला पा रहे हैं। जिससे जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों में आक्रोश व्याप्त है। हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे-तैसे गर्मी का सीजन निकल जाए। बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी। यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाए रहते हैं। पानी बचाने के लिए हमें अपनी सोच को बदलनी होगी, किन्तु आज मानव जाति के लिए जल सरंक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। यदि अब भी लोग जल सरंक्षण के प्रति गंभीर नहीं हुए, तो आने वाला समय हमारे पीढियों के लिए भयावह हो जाएगा।
पानी खरीद कर नहाने- पीने की मजबूरी
बरकाकाना बाजार निवासी पानी खरीद कर नहाने, पीने को मजबूर हैं। बाजार निवासी ललिता देवी, सुषमा कुमारी, धर्मनाथ महतो, ख़ुशी कुमारी ने कहा कि इस मुश्किल समय में जन प्रतिनिधि नदारद हैं। मजबूरन पानी टंकी 400-500 रुपए में, तो एक जार 20-30 रुपए में खरीदना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से अपनी समस्या रखी, लेकिन अबतक कोई भी इससे निजात नहीं दिला सका। आज भी हमें एक किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां कुछ डीप बोरिंग या जलमीनार लगा कर पानी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए था।
पानी के लिए लगती है कतार हैंडपंप का भी है बुरा हाल
गर्मी की तपिश के साथ पानी की किल्लत का समाना शहरवासियों को करना पड़ रहा है। नगर परिषद की जलापूर्ति पर निर्भर स्लम क्षेत्रों में यह परेशानी ज्यादा है। पानी क लिए हंसमुख राठौर घर के समीप लगे हैंडपंप पर लंबी कतार लग रही हैं। इनमें पानी आते ही भरनेवालों की होड़ लग जाती है। कमोवेश बरकाकाना बाजार के सभी मोहल्लों में यह स्थिति बनी हुई है। भू-जल स्तर में गिरावट से यह समस्या गंभीर रूप ले रही है। घरों में लगे मोटर पंप एवं चापाकल जमीन से पानी खींचने में हांफ रहे हैं। पानी की समस्या के कारण लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
टैंकर से पेयजलापूर्ति की मांग
बरकाकाना बाजार और गुजराती मुहल्ले में पेयजल की घोर किल्लत दिखने लगी है। मुहल्ले के लोगों ने कहा कि नगर परिषद जल-नल योजना या टैंकर से पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है। मुहल्ले में पेयजल आपूर्ति होने से पानी की जुगाड के लिए दिनभर जद्दोजहद नहीं करना पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी। लोग रोजी रोटी की जुगाड में लग पाएंगे, नहीं तो पानी की जुगाड में दिन निकल जा रहा है। लोगों के गर्मी की शुरुआत से पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
गर्मी के मौसम में बढ़ जाती है परेशानी
गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत बरकाकाना बाजार की पुरानी समस्या है। लेकिन इस साल संकट के बाद कुछ पहले ही दिख रहे हैं। इस साल अप्रैल महीने में ही पारा हाई हो गया है। इसका असर भूजलस्तर पर पड रहा है। राज्य के अधिकतर इलाकों में भूजल स्तर नीचे चला गया है। इसका असर फलों की खेती पर भी पड़ रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित शहरी इलाके हैं। उधर, अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का असर आम की फसल खराब हो रही है। आम के टिकोले गिर रहे हैं और लीची के मंजर झड़ रहे हैं।
प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। इसके पीछे का कारण जनसंख्या वृद्धि और प्रशासन की उदासीनता है।- सन्नी पासवान
हम हमेशा यही सोचते है बस जस-तस गर्मी का सीजन निकल जाए। बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
- जितेंद्र पटेल
लोग पानी की एक बूंद के लिए परेशान है। सरकार को पानी की समस्या को लेकर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। -लखन सेन
स्वच्छ पानी लोगों के लिए एक चैलेंज से कम नहीं। हाहाकार मचा हुआ है। एक-एक बाल्टी पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।-सुरेश साव
पानी को किफायत के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। जरूरत के हिसाब से ही पानी का प्रयोग करें फिजूल खर्जी नहीं करना चाहिए। - शाहजहां बानो
आबादी के अनुसार हैंड पंप होने चाहिए। नगर परिषद से इन मुहल्लों में टैंकरों से प्रतिदिन जलापूर्ति किया जाना चाहिए। -चंदन गुप्ता
जल सरंक्षण महत्वपूर्ण है। लोग जल सरंक्षण के प्रति गंभीर नहीं हुए, तो आने वाले समय हमारे पीढि़यों के लिए भयावह हो जाएगा। -मनोरमा देवी
बरकाकाना बाजार और गुजराती मुहल्ला में पानी की दिक्कत अभी से शुरू होने लगी है। मुहल्ला के दोनों कुंए सूख चुके हैं। -बुधनी देवी
कई अहम योजनाएं आती हैं और काम भी होता है, परंतु हर वर्ष जलस्तर नीचे जाने के कारण यह समस्या बढ़ जाती है। -सुनीता देवी
लाखों रुपए पानी के नाम पर बहा दिया जाता है,परंतु कोई भी सुविधा नगर और ग्रामीण वासियों को नहीं मिल पा रही है। -गुडिया देवी
टैंकरों से ग्राम वासियों की प्यास नहीं बुझ सकती। मुहल्ले को जल-नल योजना से जोड़ दिया जाए, तो अति उत्तम होगा। - जोबा सेन
योजना के तहत सोलर सिस्टम लगाया जाए। सिर्फ वोट लेने के लिए झूठे वादे वार्ड पार्षद, विधायक और सांसद करते है। -मुन्नी देवी
नगर परिषद रामगढ़ की समस्याओं को लेकर हमलोग गंभीर है। इसके तहत नगर परिषद अंतर्गत संचालित अधिकांश मिनी जलमीनार दुरुस्त कर दी गई है। कुछ स्थानों पर यदि खराब है तो उसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा। इसके अलावा विकास कार्यों पर भी हमारा जोर है।
-मनीष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद रामगढ़
बरकाकाना बाजार में पेयजल समस्या की जानकारी है। इसके निदान का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। गुजराती मुहल्ला, खटाल, पूर्व मुखिया अमरचंद अग्रवाल ख़राब चपानलों को दुरुस्त किया जा रहा है। टैंकर से पानी सप्लाई की व्यवस्था नगर परिषद प्रबंधन से किया गया है। जल्द पानी मिलने लगेगा।
-सानियारो बारला, वार्ड पार्षद
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